Weed या Alcohol में से क्या है ज्यादा हानिकारक? कब और कितनी पीएं

शराब और वीड में से कौन सा बेहतर है? क्या नुकसान है इनके? कौन सी शराब हेल्दी है। इन दोनों पर क्या है मानना  है मॉडर्न साइंस का और आयुर्वेद का? मैं आपसे अपनी राय भी शेयर करूंगा। 

अगर आप वीड या एल्कोहल में से कुछ इस्तेमाल  करते हैं या बस दोनों के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं तो ये लेख है आपके लिए। आइए तो फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।


Weed vs Alcohol


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Weed vs Alcohol पर आधुनिक विज्ञान

इससे पहले कि हम आधुनिक विज्ञान की बात करें, ये जान लेना जरूरी होगा कि जितनी रीसर्च अल्कोहल के प्रभावों पर हो चुकी है, उतना ही कम वीड के बारे में पता है। क्योंकि ये गैरकानूनी है। 

हालांकि मॉडर्न साइंस के हिसाब से इतना स्पष्ट  है कि दोनों ही एल्कोहल और वीड आपके दिमाग और शरीर पर असर डालते हैं। जहां शराब में साइको एक्टिव सामग्री इथेनॉल होता है, वीड में टीएलसी होता है जिस वजह से नशा महसूस  होता है। 

इसलिए शायद वीड और एल्कोहल दोनों के शॉर्ट टर्म इफेक्ट अलग हैं और ये व्यक्ति दर व्यक्ति अलग-अलग होता है। मॉडर्न रिसर्च कहती है कि वीड एल्कोहल के मुकाबले कम नुकसानदायी और कम एडिक्टिव होती है। इतना कि 2018 में एफडीए ने मेरुवाना को एपिलेप्सी को ठीक करने के लिए कारगर माना। 

Weed vs Alcohol पर आधुनिक विज्ञान


जब पेशेंट को प्लेसिबो की जगह कैनाबिस दी गई तो उनके सीजर्स 38 पर्सेंट कम पाए गए। इसके अलावा कुछ रिसर्च से पता लगा है कि क्रॉनिक पेन, लो लिबिडो, इंफ्लेमेशन और स्ट्रेस जैसी समस्याओं में मददगार है। 


वीड और शराब के सेवन के अल्पकालिक प्रभाव

 मॉडर्न साइंस का यह बिल्कुल कहना नहीं है कि वीड के कोई नुकसान नहीं। वीड स्मोक करने से आपकी लंग्स में उसी तरह से टार इकट्ठा होता है, जैसे तंबाकू पीने से। लगातार स्मोक करने से सीरियस साइड इफेक्ट हो सकते हैं। हतोत्साहित महसूस  करना, दु: स्वप्न, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, लाल आंखें और खांसी इनमें से कुछ है। 

शराब इससे कहीं ज्यादा नुकसानदेह है। एल्कोहल के अत्यधिक इस्तेमाल  से शरीर अंदर से इतना डैमेज हो जाता है कि इसकी भरपाई करने के लिए शरीर को कई दिन लग जाते हैं। ट्राईग्लिसराइड, ब्लड शूगर, ब्लड प्रेशर, लीवर डैमेज का खतरा बढ़ जाता है। इम्यूनिटी और यौन शक्ति गिर जाती है। 


शराब सेवन पर आधुनिक विज्ञान

डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर साल 30 लाख से ज्यादा लोग शराब पीने की वजह से मरते हैं। वहीं वीड के ओवरडोज से मौत के 2 से 3 मामले ही देखे गए हैं। हालांकि मॉडर्न साइंस मानती है कि दिन में 1 से 2 पैग सेफ है। एल्कोहल का भी मेडिसिनल यूज किया जाता रहा है। 

हिप्पोक्रेट्स जिन्हें  फादर ऑफ मॉडर्न मेडिसिन कहा जाता है उन्होंने एल्कोहल के बेनिफिट्स के बारे में काफी कुछ लिखा है। मनोरंजक ढंग से अगर आप पीना चाहते हैं तो शैंपेन, रेड वाइन, व्हाइट वाइन और टकीला कम नुकसानदायक हैं । 

कुल मिलाकर मॉडर्न साइंस के हिसाब से दोनों वीड और एल्कोहल टॉक्सिक है और एडिक्टिव है। एल्कोहल ज्यादा डैमेज करती है। दोनों को ही मेडिसिन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है और मनोरंजन के लिए  थोड़ी मात्रा में दोनों को कभी कभी लिया जा सकता हैं। 


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वीड और शराब पर आयुर्वेद

आइए अब जानें आयुर्वेद का क्या कहना है। आप हैरान हो जाएंगे कि चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, भावप्रकाश निघंटु और अष्टांग हृदय में बहुत सटीक ढंग से शराब और वीड की बात की गई है। 

वीड की बात करें तो आयुर्वेद के कुछ ग्रंथ इसे विजया कहते हैं। वह जो जीत लें। आयुर्वेद में इस पौधे के तीनों भाग भांग, गांजा और चरस की अलग अलग औषद्यीय गुण बताये गए हैं। 

आयुर्वेद के अनुसार वीड मादक है यानी नशीली है। यह कामदा है मतलब कामुकता जगाने वाली है। रुचिरा जो स्वाद की सेंसेशन को बढाती  है। भांग से पाचन शक्ति बढ़ती है और नींद आती है। आयुर्वेद कहता है कि अगर इसका सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो एंजाइटी, बॉडी पेन, हिस्टीरिया, आईबीएस, यूटीआई, नपुंसकता, नींद ना आना और कोढ जैसी बीमारियां भी ठीक की जा सकती हैं। 

लेकिन यह जानना भी बेहद जरूरी है कि इसे उप विष  भी कहा जाता है। यानी वह जो थोड़ी विषैली है। अगर इसकी आदत बना ली जाए तो यह तीनों दोषों को असंतुलित कर देती है। इससे नपुंसकता, डिप्रेशन और पाचन क्रिया मंद हो जाती है। अगर कोई लती हो तो जलंधर बंद क्रिया के नियमित अभ्यास से यह छूट जाती है। 

शराब के बारे में चरक संहिता 24वें चैप्टर में स्पष्ट रूप से कहती है कि शराब और जहर एक समान है। बस फर्क यह है कि जहर ज्यादा प्रबल होता है। महर्षि चरक कहते हैं कि शराब के गुण ओजस के बिल्कुल उलट है। रस धातु से शुक्र धातु तक इन सातों धातुओं के सम्मिलित सार को ओजस कहते हैं। 

महर्षि चरक अगले श्लोक में कहते हैं कि अगर शराब का व्यसन लग जाए तो पूरा शरीर खत्म कर देती है। तो क्या शराब पीना बिल्कुल मना है? जी नहीं। चरक संहिता कहती है कि शराब अमृत का भी काम कर सकती है अगर सही समय और सही मात्रा में दी जाए। 

स्वयं उत्पन्न अल्कोहल तो आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमने इस वेबसाइट पर बॉडी टाइप की बात की है और महाऋषि चरक हर बॉडी टाइप को एल्कोहल कंज्यूम करने से पहले क्या करना चाहिए, इस बात के उचित निर्देश देते हैं। 

इतना ही नहीं बॉडी टाइप के हिसाब से बेस्ट सूटेड एल्कोहल की भी जानकारी दी गई है। अगर आप मनोरंजन के लिए पीना चाहते हैं तो बहुत ठंडे मौसम में या किसी दिन शाम को थकान उतारने के लिए पी सकते हैं। बहुत ज्यादा ड्रिंकिंग करना या किसी दवाई के साथ बिल्कुल भी नहीं पीनी चाहिए। 

तेज हवाओं के मौसम और गर्मियों में अवॉइड करनी चाहिए। अगर आप एल्कोहल की लत से परेशान है तो आयुर्वेद सलाह देता  है 30 ml द्राक्षासव उतना ही पानी मिलाकर लंच और डिनर के 20-20 मिनट बाद पीना चाहिए। 

जहां मॉडर्न एल्कोहल सिंथेटिक डिस्टिलेशन प्रोसेस से बनाई जाती है। द्राक्षासव अंगूरों की नेचुरल फर्मेंटेशन से बनती है। इसे पीने से एल्कोहल पीने की इच्छा तो कम होती है, नुकसान भी नहीं होता। 


निष्कर्ष 

कुलमिलाकर आयुर्वेद के अनुसार दोनों वीड और एल्कोहल विषैले हैं, लेकिन औषधीय रूप इस्तेमाल किए जा सकते हैं। अगर मनोरंजन के लिए पीना चाहते हैं तो सावधानियां बरतते हुए पीयें । 

दोस्तों, इस लेख को बनाने का उद्देश्य किसी को भी प्रमोट करना बिल्कुल नहीं है। बस इनके प्रोडक्ट के बारे में अवगत कराना था ताकि आप अपना डिसीजन खुद ले सकें। 

व्यक्तिगत रूप से मैंने तो ना वीड ना ही एल्कोहल को कभी कंज्यूम किया है और ना ही मेरा ऐसा कोई इरादा है। मेरा ऐसा मानना है कि हम इन्हें अपने डेली प्रॉब्लम्स को फेस न करते हुए एस्केप करने का एक तरीका बना लेते हैं। मुझे यह भी लगता है कि डेली मेडिटेशन, योगा, रेगुलर एक्सरसाइज, हेल्दी ईटिंग यह सब इन व्यसनों से छुटकारा दिलाने में आपकी काफी मदद  है। 

Ethan

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