99% लोग नहीं जानते Parantha खाने का सही तरीका: Healthiest way of eating Paranthas

दोस्तों, पराठा सिर्फ उत्तर भारत  में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में एक लोकप्रिय ब्रेकफास्ट ऑप्शन है। आलू, गोभी, मूली जैसी अलग अलग फिलिंग करके परांठे बनाए जाते हैं जिन्हें बहुत से लोग तो रोजाना सुबह के नाश्ते में खाते हैं। स्वाद में तो परांठों का कोई जवाब नहीं, लेकिन दिक्कत यह है कि परांठे रोजाना खाने की वजह से पेट पर चर्बी चढ़ने लगती है, गैस और एसिडिटी होती है, कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, डायबिटीज कंट्रोल में नहीं रहती और पूरे दिन सुस्ती सी रहती है। 

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Healthiest way of eating Paranthas.

लेकिन आज मैं आपसे कुछ ऐसे प्रैक्टिकल टिप्स शेयर करना चाहता हूं, जिनको इस्तेमाल करके अगर आप परांठे खाएंगे तो न तो स्वाद में कोई समझौता होगा और न ही स्वास्थ्य का कोई नुकसान उठाना पड़ेगा। बात करेंगे पूरी डिटेल में अलग अलग परांठों के बारे में। कैसे उन्हें प्रोटीन युक्त बनाएं, कैसे खाएं ताकि पूरा फायदा मिले। आइए तो फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

Chapter Headings Covered
1 परांठा बनाम रोटी
2 परांठा बनाम पूरी
3 स्वस्थ तरीके से परांठा बनाने और खाने का सही तरीका
4 निष्कर्ष

परांठा बनाम रोटी

दोस्तों, आलू के एक परांठे में आपको मिलेंगी 300 कैलोरी, लगभग 46 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 6  ग्राम प्रोटीन और 11 ग्राम फैट। लगभग सभी स्टफ्ड परांठे 250 से 300 कैलोरी रेंज में होते हैं। अगर आप इसे रोटी से कंपेयर करें तो एक रोटी में होती है लगभग 120 कैलरीज, लेकिन कैलरी ज्यादा होने से कोई खाना खराब नहीं हो जाता। 

एक कटोरी पनीर की भुर्जी में 200 कैलरीज होती हैं और एक समोसे में भी 200 कैलोरी होती है। लेकिन जहां पनीर भुर्जी से आपको प्रोटीन मिलेगा, बॉडी को ताकत  मिलेगी, वहीं डीप फ्राइड मैदे से बने समोसे से स्वाद के अलावा पेट पर चर्बी ही चढ़ेगी। इसलिए कैलरी कितनी है, उससे कहीं ज्यादा जरूरी है कि कैलरी कहां से आ रही है। 


परांठा बनाम पूरी

दोस्तों, परांठा शब्द दो चीजों से बना है परत और आटा। मतलब आटे की परत बनाकर उसे सेकतें हैं तो पराठा बनता है। इसलिए रोटी के वनिस्पत परांठे में ज्यादा आटा लगता है और सेकते हुए तेल या घी इस्तेमाल करते हैं जिससे आटे की परतें जल्दी पक जाती हैं लेकिन यहीं गलती करते हैं हम जिस वजह से परांठा इतना भारी हो जाता है और रोजाना खाने से बीमारियों का घर बनने लगता है। 

वास्तव में आपको यह बात जानकर शायद हैरानी होगी कि पराठा पूरी से भी ज्यादा तेल सोख्ता है। इसलिए अगर आप पराठा बनाते हुए सिर्फ एक चीज कर लें फिर चाहे परांठे आलू के हों, मेथी के हों या पनीर के, आपको नुकसान नहीं होगा बल्कि फायदा मिलेगा। 


स्वस्थ तरीके से परांठा बनाने और खाने का सही तरीका 

दोस्तों , आप परांठे के लिए जैसा आटा गूंधते  हैं वैसे ही गूंधे, जो स्टफिंग बनानी है बनाकर भर दें। लेकिन बस तवे पर जब भी सेकें, बिना घी या तेल लगाए सेकें। हां दोस्तों, ऐसे परांठे बनाने में कुछ मिनट ज्यादा जरूर लग जाएंगे, लेकिन आप जो तेल या घी डाल डाल कर परांठे को सेकतें  हैं उसका नुकसान नहीं होगा। 

दोस्तों, तेल कोई खराब चीज नहीं है, बल्कि यह जरूरी है हमारे दिल और दिमाग  कार्य करने के लिए। लेकिन प्रॉब्लम है जब हम तेल से अनाज को तलते हैं। तेल में जब भी अनाज तला जाता है तो वह शरीर को पचाना बहुत भारी हो जाता है। 

जितना आप तला हुआ अनाज खाओगे, उतनी जल्दी नाड़ियां ब्लॉक होंगी, चर्बी चढ़ने लगेगी और आलस आएगा। आप कभी भी नोटिस कर लेना कि अगर सुबह नाश्ते में दो-तीन परांठे खा लिए तो सुस्ती महसूस होने लगती है। जो ब्रेकफास्ट से हमें एनर्जी मिलनी चाहिए थी, उससे सुबह सुबह ही दोबारा सोने का मन करने लगता है। 

लेकिन अगर परांठे बनाते हुए बिल्कुल भी घी तेल न लगाएं तो आप इसे स्टफ्ड रोटी कह सकते हैं, जिसे खाने से न तो आपकी नस नाड़ियां ब्लॉक होंगी, न मोटापा बढेगा और न ही आलस आएगा। अब इसका मतलब यह नहीं कि आप सूखा परांठा खाएं। परांठा जब बन जाए तब उसके ऊपर घी या फ्रेश मक्खन लगा लें। 

Paratha baked without oil and ghee

दोस्तों, आप ऊपर दी गयी फोटो में देख सकते हैं कि मैंने यह परांठा बिना तेल लगाए सेंका है। बनने के बाद ऊपर घी लगा दिया, कहीं से भी यह नॉर्मल परांठे से कम नहीं लग रहा। दोस्तों, अगर आप ऐसे परांठे खाएंगे तो यकीन मानिए एक तो सूखा नहीं लगेगा, दूसरा घी और मक्खन के हेल्दी फैटी एसिड से आपकी सेहत को फायदा होगा और सबसे बड़ी बात तो यह कि स्वाद में भी आपको कोई फर्क महसूस नहीं होगा। 

बहुत से लोग जो सुबह ऑफिस जाते हैं वह बाहर ही नाश्ता करते हैं। वहां भी अगर आप परांठे खा रहे हैं तो परांठे बनाने वाले भैया को बोल दें कि आपके परांठे को तेल में न सेंके, बल्कि परांठा बनने के बाद उस पर बटर लगा लें। दोस्तों, इस छोटी सी ट्रिक से आपके स्वास्थ्य को बहुत फायदा होगा। आप एक बार ट्राय जरूर करके देखना लेकिन फिर भी अगर आपको लगे कि नहीं तेल में सेके बिना वह मजा नहीं आ रहा तो उस केस में इतना ध्यान रखें कि परांठे को रिफाइंड ऑयल में ना सेकें। 

दोस्तों, रिफाइंड तेल कैसे बनते हैं और आपकी सेहत के लिए कितने खराब हैं इस बात को आप इंटरनेट में सर्च कर सकतें हैं। ऐसे तेलों को तो आप अपनी रसोई से दूर ही रखें। परांठे को अगर सेकना है तो या तो देसी घी का इस्तेमाल करें या फिर शुद्ध सरसों के तेल का। ये दोनों ही सबसे बढ़िया रहेंगे। सेकने के लिए इनकी भी मात्रा कम ही इस्तेमाल करें। 

आप इन परांठों में ऊपर से कच्चा घी अच्छे से लगा सकते हैं। दोस्तों मोटापा कम करने में और मस्कुलर दिखने के लिए प्रोटीन एक इंपॉर्टेंट माइक्रोन्यूट्रिएंट है। वो इसलिए क्योंकि प्रोटीन खाने से मसल्स बनती हैं, आपके शरीर की मरम्मत होती है और प्रोटीन शरीर में धीरे धीरे डाइजेस्ट होता है जिस वजह से खाने के बाद जल्दी भूख नहीं लगती।

The right way to make and eat paratha in a healthy way

दोस्तों, आलू के परांठे को लोग हेल्दी नहीं मानते क्योंकि एक तो आटे में कार्बोहाइड्रेट होते हैं ऊपर से आलू भी कार्बोहाइड्रेट का महत्वपूर्ण स्रोत है। तो ऐसे में मेरी सलाह ये है कि आप आलू के परांठे को दही के साथ खाएं क्योंकि दही में कार्बोहाइड्रेट ना के बराबर होते हैं। 

लेकिन दही प्रोटीन और हेल्दी फैट्स का अच्छा सोर्स है जिससे आलू का परांठा दही के साथ एक संतुलित भोजन बनता है। दही साथ में होगी तो जहां आप तीन परांठे खा जाते हैं, वहीं दो परांठे में ही पेट भर जाएगा और आपको पूरा न्यूट्रिशन भी मिलेगा। 

दोस्तों , पनीर के परांठे को छोड़ कर दही हर परांठे के साथ खाई जा सकती है। चार ऐसे परांठे हैं, जिनमें प्रोटीन आपको अच्छी मात्रा में मिलेगा। 

  • पहला है पनीर का परांठा
  • दूसरा है सत्तू का परांठा
  • तीसरा है दाल का परांठा 
  • और चौथा है मटर का परांठा

दही इस्तेमाल कर लेंगे तो प्रोटीन और भी बढ़ जाएगा। कुछ लोगों को मूली का परांठा खाते ही गैस बन जाती है। अगर आपको भी ऐसा होता है तो उस केस में आप मूली परांठे की स्टफिंग परांठे में भरने से पहले कढ़ाई में थोड़ी देर छोंक लें और उसके बाद उसे परांठे में भरें।  मूली की तासीर ठंडी होती है और गेहूं के साथ इसका बहुत अच्छा मेल नहीं है इसलिए मूली छोंकने से वो पाचक हो जाएगी। 

इसी तरह से आप गोभी के परांठे का मसाला भी कढ़ाई में पहले छोंकर उसे परांठे में भर सकते हैं। परांठे का मसाला बनाते हुए अजवायन, अदरक, भुना जीरा, हरी मिर्च, काली मिर्च और कुछ और गरम मसाले डालेंगे तो इससे न सिर्फ आपका परांठा ज्यादा टेस्टी बनेगा बल्कि आसानी से पच भी जायेगा। दोस्तों हरी पत्तेदार सब्जियों के परांठे भी आपको जरूर खाने चाहिए। 

मेथी का परांठा बनाने के लिए हम अक्सर मेथी के पत्तों को आटे में डाल कर गूंध लेते हैं। लेकिन अगर आप मेथी का पूरा स्वाद लेना चाहते हैं, और आप चाहते हैं कि परांठे भरे भरे हो और मेथी जो एंटी डायबिटिक और फैट लॉस के लिए औषधि का काम करती है उसका भरपूर फायदा मिले, तो आप मेथी के पत्तों को अलग से भून करके उसका मसाला बना लें और परांठे में उसे स्टफ कर दें। आप इसी तरह से ही पालक का परांठा भी बना सकते हैं। 

अगर आपके बाल झड़ रहे हैं या बालों की कोई और समस्या है तो मैं सुझाव दूंगा कि आप हफ्ते में एक बार करी पत्ते के परांठे जरूर खाएं आपको  बहुत फायदा होगा। दोस्तों वैसे तो परांठा बनाने के लिए अधिकतर गेंहू के आटे का ही इस्तेमाल होता है खासतौर से दक्षिण भारत में जो पराठा मिलता है वह मैदे से बनता है, इससे आपको दूर ही रहना चाहिए। 

बल्कि परांठे को और भी हेल्दी बनाने के लिए आप गेहूं के आटे में थोडा सा काले चने का आटा मिला सकते हैं। गर्मियों में आप गेहूं के आटे में ज्वार मिलाकर पराठा बना सकते हैं और सर्दियों में बाजरा मिलाकर, इनका अनुपात अपने हिसाब से डिसाइड कर सकते हैं। इससे आटे की ग्लूटन की मात्रा कम होगी और सेहत के लिए परांठा और भी फायदेमंद हो जाएगा। 


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निष्कर्ष 

दोस्तों, इस लेख में हमने मोटी मोटी 8 बातें करी हैं।उसका रिकैप कर लेते हैं।  

  1. पराठे बनाते हुए आपको उसे तेल में नहीं सेकना है बल्कि बनने के बाद ऊपर से घी या मक्खन लगा लें। अगर सेंकना ही है तो घी या शुद्ध सरसों के तेल का ही इस्तेमाल करें। 
  2. परांठे को अगर आप दही के साथ खाएंगे तो एक तो प्रोटीन ज्यादा मिलेगा, ऊपर से जहां तीन परांठे खाते थे , वहीं दो परांठे में ही पेट भर जाएगा। 
  3. पनीर, सत्तू, दाल और मटर के परांठे में नेचुरल प्रोटीन काफी ज्यादा होता है। 
  4. मूली और गोभी का परांठा गैस ना करें इसके लिए स्टफिंग को पहले कढाई में छोंक लें और फिर परांठे में भरें। 
  5. हरी पत्तेदार सब्जियों के परांठे जरूर खाएं। इनके कुछ पत्ते आटे में गूंधने से बेहतर, पत्ते को घी में छोंकर स्टफिंग करें। 
  6. अगर आपके बाल झड़ते हैं तो करी पत्ते का परांठा बहुत फायदा करेगा। 
  7. परांठा बनाते हुए अजवाइन, अदरक, भुना जीरा, हरी मिर्च, काली मिर्च और गरम मसालों का इस्तेमाल करें ताकि स्वाद भी बढ़े और परांठा जल्दी भी पचे । 
  8. परांठे के आटे को और भी पौष्टिक बनाने के लिए इसमें थोडा सा काले चने का आटा मिला लें। गर्मियों में ज्वार और सर्दियों में बाजरा अपने हिसाब से मिला सकते हैं। 


दोस्तों, अगर आप इस तरह से पराठे खाने लग जाएं तो फिर तो नुकसान क्या फायदा ही फायदा है, मैं तो ऐसे ही खाता हूं आप भी ट्राई करके देखें और अपना एक्सपीरियंस कमेंट सेक्शन में जरूर डालें। 

Ethan

About the Author: Ethan is an experienced content writer with over 7 years of experience in crafting engaging and informative articles. His passion for reading and writing spans across various topics, allowing him to produce high-quality content that resonates with a diverse audience. With a keen eye for detail and a commitment to excellence, Ethan consistently delivers top-notch work that exceeds expectations.

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