दोस्तो, सुबह का नाश्ता एक महत्वपूर्ण आहार है, क्योंकि रात भर हमारा शरीर उपवास की अवस्था में रहता है। फिर सुबह उठकर रेडी होने के बाद शरीर को न सिर्फ न्यूट्रिशन की जरूरत होती है, बल्कि शरीर बडी आसानी से खाने में से विटामिन्स और मिनरल्स को एब्जॉर्ब भी कर लेता है।
आप पूरे दिन कितनी एनर्जी महसूस करते हैं, यह निर्भर करता है कि आपका नाश्ता कितना पौष्टिक है। नाश्ता हेल्दी होने से आपकी ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहती है और आप लंच, डिनर में ओवरईटिंग से भी बच जाते हैं।
लेकिन जाने अनजाने हम नाश्तें में कुछ ऐसी चीजें खाते हैं, जो भले ही दिखने में हेल्दी लगे, लेकिन असल में हमारी हेल्थ को नुकसान पहुंचाती है। बात करते हैं 6 ऐसे भोजनों की जो आपको ब्रेकफास्ट में बिल्कुल भी नहीं खाने चाहिए और साथ में बात करेंगे कुछ हेल्दी विकल्पों की। आइए तो फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
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सुबह के नाश्ते में क्या खाएं क्या नहीं ?
6. ब्रेड
स्टार्ट करते हैं नंबर छह ब्रेड से। ब्रेड एक बहुत ही सामान्य ब्रेकफास्ट आइटम है। सफ़ेद ब्रेड तो मैदे से बनती है ही लेकिन जो ब्राउन ब्रेड है या आटा ब्रेड भी जो मार्केट में मिलती है उसकी अगर आप सामग्री देखें तो बहुत थोडा सा ही आटा होता है बाकी ज्यादा उसमें भी मैदा मिक्स होता है।
सुबह सुबह मैदा खाना आपकी सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं और सिर्फ मैदा ही नहीं ब्रेड को बनाने के लिए रिफाइंड तेल, इमल्सीफायर , आर्टिफिशियल फ्लेवर और प्रिजर्वेटिव डाले जाते हैं।
दोस्तों, अगर आप घर पर ब्रेड बनाओ तो वो एक दिन बाद खाने लायक नहीं रहती लेकिन ये कमर्शियल ब्रेड बिना फ्रिज के भी हफ्ता चल जाती है और शायद ये बात जानकर आपको और भी हैरानी हो कि जो ब्राउन ब्रेड होती है उसको ब्राउन करने के लिए कलर डाला जाता है।
जी हां, अक्सर ब्राउन ब्रेड के इंग्रीडिएंट्स में लिखा होता है IAS 50। अब IAS 50 जो है डार्क ब्राउन कलर है जो चीनी को गर्म करने से बनता है। इसलिए ब्राउन ब्रेड और व्हाइट ब्रेड दोनों की ही छुट्टी कर दो।
अगर आप सच में ब्रेड के शौकीन हैं तो घर पर ही बनाओ रेसिपी आपको इंटरनेट मैं बहुत ही आसानी से मिल जाएगी। बाकी मुझे लगता है कि हमारे देश की रोटी ब्रेड की बहुत अच्छी रिप्लेसमेंट है। तभी तो इसे इंडियन फ्लैट ब्रेड कहते हैं।
5. मूसली
नंबर पांच पर है मूसली। दोस्तों, मूसली एक बहुत ही लोकप्रिय नाश्ता है लोगों के बीच में। बहुत लोग इसे दूध में डालकर हेल्दी ब्रेकफास्ट समझकर खाते हैं और यह बात सच भी लगती है क्योंकि इसमें नट्स, फ्रूट्स और मल्टीग्रेन डाले जाते हैं।
लेकिन दोस्तों यह तो हुई ऊपर ऊपर की बात। सच यह है कि जो इसमें मल्टीग्रेन डाले गए हैं उनकी अच्छी खासी प्रोसेसिंग की जाती है। दूसरा इसमें रिफाइंड क्रिस्टल चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसके सिर्फ एक सर्विंग में ढाई चम्मच चीनी होती है और तीसरा यह कि इसमें फ्लेवर भी आर्टिफिशियल डाले जाते हैं।
दोस्तों, किसी भी ऐसे नाश्ते के अनाज को आंकने का महत्वपूर्ण पैरामीटर होता है उसका फाइबर कंटेंट। अगर आप किसी केलॉगस मूसली के फाइबर को देखें तो 100 ग्राम में सिर्फ 5 ग्राम फाइबर होगा। वहीं अगर आप नॉर्मल फ्लेवर्ड ओट्स का पैकेट देखें तो उसके 100 ग्राम में 10 ग्राम फाइबर होता है।
अब अगर मूसली में सच में इतने मल्टीग्रेन फ्रूट्स और नट्स हैं तो इतना कम फाइबर क्यों? बात वही है, चीजें रिफाइन करके डाली जाती हैं। क्या जरूरत है इसे खाने की जब अच्छे विकल्प मौजूद हैं । आप यह तो सोच लें कि मूसली, कॉर्नफ्लेक्स और चोको जैसे कुछ भी मार्केट से न खरीदें, बल्कि जो unflavoured cereals हैं जैसे कि Rolled Oats ,steel cut oats या मिलेट फ्लेक्स इस्तेमाल करें।
इन्हें दूध में डालकर इसमें अपने फेवरेट नट्स, सीड डालकर खुद बहुत ही पौष्टिक नाश्ता बना सकते हैं। इससे आपको भरपूर फाइबर मिलेगा जिससे आपका ब्लड शुगर स्पाइक नहीं होगा और पेट भी लंबे समय तक भरा रहेगा।
4. रेडी टू ईट मील्स
रेडी टू ईट मील्स जैसे तीन मिनट उपमा। दोस्तों, आजकल एमटीआर और बाकी कंपनियों के रेडी टू ईट ब्रेकफास्ट फूड भी पैकेट में मिलने लगे हैं। फिर चाहे उपमा हो या पोहा ये आपको बिल्कुल भी नहीं खरीदने चाहिए क्योंकि पहली बात तो इसमें रिफाइंड ग्रेन होता है जिस वजह से इसमें फाइबर की मात्रा पर्याप्त नहीं होती।
उससे भी ज्यादा नुकसानदेह है इनका तेल। पाम ऑयल जैसे घटिया रिफाइंड तेल इनमें डाले जाते हैं। बहुत ही थोड़ी सी वेजिटेबल होती है और फ्लेवर भी आर्टिफिशियल होता है। आप एमटीआर का इंस्टेंट डोसा मिक्स ही देख लो। इसमें भी मैदा डाला गया है। उत्तपम में भी मैदा है और रवा इडली में भी मैदा है।
सुबह सुबह अगर हम इसे खाकर सोचें कि हमने हेल्दी ब्रेकफास्ट खाया है तो यह तो खुद को धोखा देने वाली बात है। अक्सर जल्दी के चक्कर में हम यह सब खरीदते हैं, लेकिन यह हर हालत में इससे बचने की जरूरत है। इससे तो बेहतर होगा दो केले खाकर ऑफिस चले जाओ।
वैसे, पोहा, उपमा और डोसा बहुत ही आराम से घर पर पांच मिनट में बन जाता है। इसी तरह अगर आप अपनी हेल्थ का ध्यान रखना चाहते हैं तो मसाला ओट्स का पैकेट ना लें। वास्तव में सामान्य ओट्स लेकर खुद घर पर फ्रेश सब्जियों से ही बनाएं।
3. फ्राइड फूड
नाश्तें में जब शरीर को न्यूट्रिशन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, अगर हम छोले भटूरे और कचोरी जैसी चीजें खाएंगे तो यह हेल्थ के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है। अगर आप देखें तो भटूरे एक तो मैदे से बनते हैं और ऊपर से डीप फ्राइड होते हैं। और बाहर अगर आप कहीं दुकान में खा रहे हैं फिर तो वो तेल भी इतनी बार इस्तेमाल करते हैं कि बिल्कुल काला कर देते हैं।
दोस्तों, जब भी तेल बार बार इस्तेमाल होता है तो उसमें ट्रांस फैट बनने के चांस काफी बढ़ जाते हैं। ऐसा नाश्ता मोटापा लाएगा और हार्ट ब्लॉकेज भी करेगा। पूरी, भटूरे और कचोरी जैसी चीजें आपको बहुत कम करने की जरूरत है और जब खाएं तो ध्यान रखें कि तेल को बार बार इस्तेमाल न करें।
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2. पीनट बटर
अक्सर लोग ब्रेड पर न्यूटेला या पीनट बटर लगाकर नाश्तें में खाते हैं। न्यूटेला में 13 परसेंट ही हेजल नट्स होते हैं, बाकी तो रिफाइंड चीनी और रिफाइंड ऑयल ही होता है।
न्यूटेला का तो सबको पता ही है लेकिन बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाला पीनट बटर, sundrops पीनट बटर जिसे लोग हेल्दी समझकर खाते हैं उसमें चीनी के अलावा एक ऐसा इंग्रेडिएंट है जो अगर आप खाएं तो हार्ट में ब्लॉकेज होने के चांसेस बहुत बढ़ जाते हैं वो है हाइड्रोजनेटेड ऑयल।
दोस्तों, जब रिफाइंड तेल में हाइड्रोजन गैस को पास करते हैं तब ये ऑयल बनता है और डाला जाता है सिर्फ इसलिए ताकि पीनट बटर लंबे समय तक खराब ना हो।
दोस्तों, पीनट बटर रोस्टेड पीनट को मिक्स करके घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। लेकिन अगर आप मार्केट से भी खरीदना चाहते हैं तो ऐसा पीनट बटर ही लें जिसमें सिर्फ एक ही इंग्रेडिएंट हो और वो है पीनट यानि मूंगफली ।
1. जैम
आखिर में नंबर वन पर है जैम। ब्रेड के साथ साथ जैम भी भारत में बहुत लोकप्रिय ब्रेकफास्ट आइटम बन गया है। खासकर बच्चे इसे बड़े शौक से खाते हैं। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आप और आपके बच्चे हेल्दी रहे तो इस तथाकथित मिक्स फ्रूट जैम को आज ही खाना बंद कर दें।
वो इसलिए क्योंकि इस जैम का पहला इंग्रेडिएंट ही है चीनी है और जो पहला इंग्रेडिएंट होता है FSSAI के हिसाब से उसकी मात्रा सबसे ज्यादा होती है। और चीनी भी ऐसी जो केमिकल और सल्फर से धोई जाती है। ऊपर से इसमें प्रिजर्वेटिव्स, आर्टिफिशियल कलर और फ्लेवर भी डाले जाते हैं।
दोस्तों, किसी भी फ्रूट की जैम बड़ी आसानी से घर पर देसी खांड या धागे वाली मिश्री का इस्तेमाल करके बनाई जा सकती है और बिना प्रिजर्वेटिव के आप उसे एक महीने तक फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं। और कुछ कंपनियां तो हेल्दी जैम भी बनाने लगी हैं, आप उन्हें ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
लेकिन सुबह सुबह ये कमर्शियल जैम का नाश्ता करना तो चीनी का नाश्ता करने के बराबर है। लगातार अगर आप ब्रेड जैम का नाश्ता करेंगे तो समझ लीजिए कि बीमारियां आने वाली हैं, इसलिए आज ही इसे बंद करें।
निष्कर्ष
तो दोस्तों, ये थे कुछ ऐसे फूड जो अक्सर लोग नाश्ते में खाते हैं और इन्हें आप या तो बिल्कुल बंद कर दें या बहुत सीमित ही खाएं। आयुर्वेद की मानें तो नाश्ता आपको राजा की तरह खाना चाहिए क्योंकि राजा के पास धन की तो कमी नहीं होती लेकिन बढ़ती उम्र के चलते पाचन क्रिया मंद हो जाती है। इसलिए वो चुन के ऐसा नाश्ता खाता है जो ना कि बहुत भारी हो अपितु न्यूट्रिशन से भरपूर हो।
नाश्तें में आप ताज़े फल , साबुत अनाज, नट्स, सीड्स और ताज़ा मौसमी सब्जियों का इस्तेमाल करके अपने प्रदेश के हिसाब से जो भी पारंपरिक व्यंजन हैं, उन्हें बनाइए और खाइए।