RICH DAD POOR DAD के Author ROBERT KIYOSAKI पर क्यों हुआ ₹9600 करोड़ का कर्ज़ा

RICH DAD POOR DAD एक ऐसी किताब जिसे हर कोई पढ चुका है, जिसने हमें बहुत कुछ सिखाया, चाहे वो assets और liabilities का डिफरेंस हो या फिर financial education का असली मतलब हम सबने इसी किताब से सीखा है। और अभी कुछ दिन पहले ही खबर आई कि RICH DAD POOR DAD  बुक के ऑथर ROBERT KIYOSAKI पर 1.2 बिलियन डॉलर का कर्जा है, यानी कि 9600 करोड़ का कर्जा। 

थोडे टाइम पहले ROBERT KIYOSAKI ने अपने इंस्टाग्राम पर एक रील डाली जिसमें उन्होंने बताया कि वह अभी 1.2 बिलियन डॉलर के कर्जे में हैं और इसके बाद मानो हर जगह खलबली सी मच गई। हर कोई यह सोचकर हैरान था कि जिस इंसान ने इतनी फेमस किताब लिखी, जिस इंसान ने हर किसी को assetsऔर liabilities  का मतलब सिखाया, आखिर वो कैसे इतने बड़े कर्जे में डूब सकता है। 

और हर जगह चाहे वह यूट्यूब हो, इंस्टाग्राम हो या फिर ट्विटर हो, लोग उन्हें criticize करने लगे कि जिस इंसान ने सबको फाइनेंशियल एजुकेशन के बारे में बताया वो खुद ही आज इतने बड़े कर्जे में कैसे आ गया। वो खुद अपने फाइनेंस को हैंडल नहीं कर पाया आखिर इसका रीजन क्या है? 

ROBERT KIYOSAKI ने इतना कर्जा क्यों ले रखा है? अगर आप ये सोच कर कन्फ्यूज हो तो don't worry आज के इस आर्टिकल में हम अच्छे से डिटेल में डिस्कस करने वाले हैं कि आखिर ROBERT KIYOSAKI इतने कर्जे में क्यों हैं ,और सबसे इंपॉर्टेंट आप और मेरे जैसे आम इंसान को इससे क्या सीख लेनी चाहिए। ROBERT KIYOSAKI बोलते हैं कि मैं एक बिलेनियर हूं क्योंकि मैंने इतने सारे कर्जा ले रखा है और यही मेरी अमीरी का कारण है। 

Good Debt vs Bad Debt


Good Debt vs Bad Debt

रॉबर्ट बोलते हैं कि debt (कर्ज़ा ) हमेशा दो तरह का होता है goodऔर bad। रॉबर्ट कहते हैं कि assets वो चीजें हैं जो हमारी जेब में पैसा डालती है। और liabilities  वो चीज हैं जो हमारी जेब से पैसा निकालती है। मान लो आपके पास एक क्रेडिट कार्ड है जिससे आप बहुत सारी चीज़ें खरीद लेते हो। 

जैसे जब भी सेल आती है आप क्रेडिट कार्ड स्वाइप करके नया मोबाइल ले लेते हो, नए कपड़े और नए जूते ले लेते हो। और महीने के अंत में जब ये लोन चुकाने की बारी आती है तो आपका बैंक अकाउंट खाली रहता है और क्रेडिट कार्ड का लोन इंटरेस्ट लगने के कारण बढ़ता ही चला जाता है। 

इसलिए यह एक bad debt है ,क्योंकि क्रेडिट कार्ड से आपने जो भी चीज़ें खरीदी हैं वो आपके लिए कोई भी इनकम प्रोड्यूस नहीं करके दे रही। इसलिए यह एक तरह का bad debt है। वहीं अगर आप बैंक के पास जाते हो और बोलते हो कि आपको एक कार लेनी है क्योंकि आपको आने जाने में दिक्कत होती है इसलिए आपको एक नई गाड़ी चाहिए। 

इस तरह का लोन भी आपके लिए bad debt होगा क्योंकि वो गाडी आपके लिए लायबिलिटी है। इसलिए अक्सर लोगों का बर्बाद होने का कारण होता है कि वो लोन को सही से इस्तेमाल नहीं कर पाते। लोन पर लोन लिए जाते हैं और वो चीज उनके लिए कोई भी कैश फ्लो जेनरेट करके नहीं देती इसलिए ये उनके लिए बर्बादी का कारण बन जाता है। 

वहीं पर ROBERT KIYOSAKI ने कहा कि उनके ऊपर 1.2  बिलियन डॉलर का जो debt (कर्ज़ा) है वो bad debt नहीं बल्कि good debt है। कैसे ,चलिए समझते हैं। ROBERT KIYOSAKI बोलते हैं कि वो जो भी लोन लेते हैं उससे वो ज्यादातर प्रॉपर्टी खरीदते हैं और वो भी रेंटल प्रॉपर्टी। कैसे चलिए समझते हैं। 

मान लो आपने 1 करोड़ का लोन लिया है। अगर आप 1 करोड़ का लोन लेते हैं 30 सालों के लिए जहां आपको 8.5% का इंटरेस्ट रेट है तो आपके महीने की EMI बनेगी ₹76891। और अगर आप उस प्रॉपर्टी को रेंट पर चढ़ा देते हो और सपोस कीजिये वो एक कमर्शियल प्रॉपर्टी है जहां आपको 7 से 8 परसेंट का रेंटल यील्ड मिलता है यानी कि उस 1 करोड़ की प्रॉपर्टी पर आपको साल का लगभग ₹8 लाख का रेंट मिल जाएगा। 

यानी कि महीने का रेंट बनेगा लगभग 66 हज़ार रुपए जो आपकी मंथली EMI को लगभग चुका देगा और 30 साल बाद वो प्रॉपर्टी भी आपकी हो जाएगी। अब सवाल ये आता है कि ऐसी प्रॉपर्टी मिल कहाँ रही है जहां पर आपको 7 से 8 परसेंट का रेंटल यील्ड मिलेगा, क्योंकि देखा जाए तो भारत में मुश्किल से ही आपको 2 से 3 पर्सेंट का रेंटल यील्ड मिलेगा। 

यानी कि आपको महीने का रेंट मिलेगा केवल 25 से 30 हज़ार रुपए और आपकी ईएमआई बनेगी लगभग 76 हज़ार रुपए। तो बाकी की ईएमआई का डिफरेंस आपको अपनी जेब से देना पड़ेगा। तो ये तो हुई चलो रियल स्टेट की बात। अब मान लो कि आप एक कार लेते हो लोन पर।  

मान लेते हैं यहां पर आपने कार लोन लिया है ₹10 लाख का। जहां पर आपको 9% का इंटरेस्ट रेट है और पाँच साल के लिए आपने ये लोन लिया। तो आपकी मंथली ईएमआई बनेगी ₹20758। वैसे तो ROBERT KIYOSAKI इसे bad debt बोलते हैं जब तक की आप कार रेंट पर न चढ़ा दो। 

अभी मान लेते हैं आप इस कार को ओला या उबर पर रेंट पर चढ़ा देते हो जो आपको सालाना 2 से 3 लाख रुपए कमाकर देता है तो आपके लिए ये एक इनकम जेनरेटिंग एसेट बन जाएगा। तब ROBERT KIYOSAKI के अनुसार ऐसा debt आपके लिए bad debt नहीं बल्कि good debt होगा क्योंकि यहाँ आपकी कार आपके लिए कैश फ्लो जेनरेट करके दे रही है।  


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Financial Leveraging

Good Debt का इस्तेमाल अक्सर अमीर लोग Financial Leveraging के लिए करते हैं। अब ये फाइनेंशियल लेवरेज का कॉन्सेप्ट क्या है, चलिए समझते हैं। मान लो आपको कहीं पे एक अच्छी बिजनेस अपॉर्चुनिटी दिखाई दे रही है। 

आपको लग रहा है कि अगर आप इस बिजनेस में पैसा इनवेस्ट करोगे तो आपको 20% तक का प्रॉफिट हो सकता है। अब आप क्या करते हो कि आपके पास ₹4 लाख हैं और आप इन ₹4 लाख को इस बिजनेस में इनवेस्ट कर देते हो। जहां आपको 20 परसेंट का प्रॉफिट हुआ है तो टोटल प्रॉफिट होगा 80 हज़ार रुपए का। 

वहीं अगर आप चाहते हो कि इस प्रॉफिट को और बढ़ाया जाए और आप बैंक से ₹16 लाख का लोन लेते हो 8% की इंटरेस्ट रेट पर तो आप टोटल ₹20 लाख इन्वेस्ट कर पाओगे। जहां पर आपको 20 पर्सेंट का रिटर्न मिलेगा तो आपको प्रॉफिट होगा ₹4 लाख का। 

और जो आपने बैंक से ₹16 लाख उधार लिए थे वहां पर आपको आठ परसेंट के हिसाब से टोटल इंटरेस्ट देना पड़ेगा 1,00,039 रुपए। तो अगर आप 4 लाख के प्रॉफिट में से 1,00,039 रुपए बैंक का इंटरेस्ट भी दे दोगे तो भी नेट प्रॉफिट होगा आपके पास 2,00,061 हज़ार रुपए। और यही अमीर लोग किया करते हैं और इसे ही फाइनेंशियल लेवरेज कहा जाता है। 

इसे करने में जितना प्रॉफिट हमें दिखाई दे रहा है, इसमें रिस्क भी उतना ज्यादा है। अमीर लोग इस कॉन्सेप्ट को इसलिए यूज करते हैं, ताकि उन्हें टैक्स में भी छूट मिल सके। रॉबर्ट बोलते हैं कि मैं कोई भी प्रॉपर्टी खरीदता हूं तो उससे उन्हें रेंटल इनकम आती है। समय के साथ उस प्रॉपर्टी की प्राइस भी बढ़ती है और साथ ही साथ उन्हें उसमें टैक्स भी नहीं देना पड़ता। 

तो इस तरह उनके लिए लोन एक good debt है और इसी कारण से उन्होंने जितनी भी प्रॉपर्टी खरीदी है वो सब लोन पर ही ली हैं। इसके कारण उनके ऊपर आज वन बिलियन डॉलर का लोन हो चुका है जिसे वो good debt  कहते हैं। अब इससे पहले कि आप उठ कर निकल जाओ बैंक से लोन लेन के लिए तो थोडा रुको। ये दिखाने वाला good debt 97% लोगों के लिए कब bad debt बन जाएगा आपको पता भी नहीं चलेगा। 


Dave Ramsey Story

आप लोगों ने शायद टोटल मनी मेकओवर के लेखक Dave Ramsey का नाम जरूर सुना होगा। दोस्तों , Dave Ramsey का debt को लेकर बिल्कुल अलग सोच है। Dave Ramsey जब 18 साल के थे तब उन्हें रियल स्टेट का लाइसेंस मिल गया था और क्योंकि उनकी फैमिली का बिजनेस ही रियल स्टेट का था तो उन्होंने बैंक से लोन लेकर रियल एस्टेट खरीदना शुरू किया। 

वो क्या करते थे कि प्रॉपर्टी को लोन लेकर खरीदते थे और उन्हें महंगे में बेच देते थे। ऐसे करते करते जब वो 26 साल के थे तब उनके पास चार मिलियन डॉलर की प्रॉपर्टी हो चुकी थी। वो सब उन्होंने लोन पर ले रखी थी। 

अब होता क्या है कि जिस बैंक से उन्होंने इतना सारा लोन ले रखा था तो उस बैंक की हालत थोड़ी खराब हो जाती है और उस बैंक को एक बड़े बैंक द्वारा खरीद लिया जाता है। और जब बड़े बैंक का मैनेजमेंट आया तो उन्होंने Dave Ramsey को 90 दिन के अंदर सारा लोन चुकाने को कहा और इस वजह से 28 की उम्र में उन्हें बैंकरप्‍सी फाइल करनी पड़ी और वो कंगाल हो चुके थे।

इसलिए Dave Ramsey का मानना है कि debt से आप अमीर बन सकते हैं, पर 97%  लोगों के लिए यह काम नहीं करने वाला है क्योंकि वो इतने debt को हैंडल ही नहीं कर सकते हैं। 


What Should You Do?

दोस्तों , हम जैसे एक मिडिल क्लास इंसान के लिए debt से अमीर बनना बहुत ही मुश्किल है। जैसा कि हमने ऊपर देखा कि अगर हम 1करोड़ की प्रॉपर्टी लेते हैं उस पर अगर हमें 8% का रेंटल यील्ड मिलता है तो हर साल ₹8 लाख का रेंट हमें मिलेगा। 

पर सबसे पहली चीज अगर आप 1करोड़ की प्रॉपर्टी लेते हो तो बैंक आपको ₹80 लाख तक का ही लोन देगा और 30% डाउन पेमेंट यानी कि ₹20 लाख तो आपको अपनी जेब से देने पड़ेंगे। और साथ ही साथ दिक्कत तो ये है कि 8 % का रेंटल यील्ड  मिलता ही कहां है आज के टाइम पर। 

मुश्किल से अगर आप टोर्च लेकर भी जाओगे तो आपको 3 से 4 पर्सेंट का रेंटल यील्ड मिल जाएगा और अगर आप 8 लाख साल का इंटरेस्ट दे रहे हो और आपका रेंट केवल ₹4 लाख ही आ रहा है तो बाकी का बचा इंटरेस्ट आपको आपकी जेब से देना पड़ेगा, क्योंकि इंडिया में जो प्रॉपर्टी से रेंट मिलता है, वो बैंक पर लगने वाले इंटरेस्ट से काफी कम होता है। 

इसलिए आपको बाकी का इंटरेस्ट अपनी जेब से देना पड़ेगा। अब बहुत से लोग बोलेंगे कि प्रॉपर्टी का एप्रिसिएशन भी तो होगा। सालों बाद उस प्रॉपर्टी की प्राइस भी बढ़ेगी जो बिल्कुल सही भी है। पर ये सौदा आपके लिए तभी फायदेमंद होगा जब आपके पास एक तो ३०% डाउन पेमेंट पहले से ही मौजूद हो और आपको जो भी एक्स्ट्रा इंटरेस्ट पे करना पड़ रहा है वो पैसा आराम से अरेंज कर पाओगे। 

और जहां तक बात है ROBERT KIYOSAKI की तो अमीर लोगों को मोस्टली कम इंटरेस्ट रेट पर लोन मिल जाता है और यूएस में रेंटल यील्ड भी थोड़ा ज्यादा ही है। पर हम जैसे मिडिल क्लास इंसान के लिए इतना सारा लोन लेकर प्रॉपर्टी खरीदना जिससे कि हमें रेंट आता है, ये घाटे का सौदा साबित हो सकता है। और अभी तो इसमें मैंने आपकी प्रॉपर्टी का मेंटेनेंस का खर्चा तक नहीं जोड़ा है। 

और वहीं कई लोग क्या करते हैं कि उनके पास कैश में तो पैसा होता है फिर भी वो सोचते हैं कि इन पैसों को हम ऐसी जगह पर इन्वेस्ट कर देंगे जहां से हमें 15% का रिटर्न मिलेगा। और जो प्रॉपर्टी खरीदी है उसे लोन पर ले लेंगे ताकि हमें टैक्स में रिबेट भी मिलती रहेगी और रेंट भी। ये बात सुनने में तो बहुत अच्छी लगती है पर सच में 15%  रिटर्न लाना बहुत मुश्किल साबित हो सकता है। 

ऊपर से अगर कोरोना जैसी सिचुएशन आ गई तो फिर क्या हो सकता है। आपने जहां इन्वेस्ट किया हो आपका पोर्टफोलियो 50% से डाउन चला जाए और उसे रिकवर होने में सालों लग जाएंगे। और ये भी हो सकता है कि आपकी प्रॉपर्टी को उस वक्त रेंट पर लेने के लिए कोई तैयार भी न हो। 

तो फिर क्या होगा कि आपको जो इंटरेस्ट देना पड़ेगा वो सारा आपकी जेब से जाएगा और ऐसी सिचुएशन आपके लिए बहुत मुश्किल हो सकती है। अब ऐसी सिचुएशन में हम जैसे एक एवरेज इंसान क्या कर सकता है? हमारे लिए सच बताऊं तो ज्यादा ऑप्शन है नहीं। 

बड़े बड़े बिजनेसमैन लोन लेते हैं ताकि वो अपने बिजनेस को बड़ा कर सकें। पर हम जैसे एक एवरेज इंसान केवल ये कर सकता है कि अगर उसे कोई भी छोटी मोटी प्रॉपर्टी मिल रही है जिसे वो लोन पर लेकर बेनिफिट उठा सकता है या फिर उसे कोई ऐसा बिजनेस दिखता है जिसे वो एक्सपैंड करने के लिए लोन ले सकता है तो ये फिर भी उसके लिए काम करेगा। 

पर अगर आप ROBERT KIYOSAKI की तरह  जिसने आठ हज़ार रेंटल प्रॉपर्टी ले रखी है वो भी केवल लोन पर। ये करना एक नॉर्मल इंसान के लिए बहुत मुश्किल है। ऊपर से अगर आपकी रेंटल इनकम आपके लोन इंटरेस्ट से काफ़ी कम निकली तो आपको काफ़ी इंटरेस्ट का पैसा अपनी जेब से भरना पड़ेगा। 

हां, हम लोग जैसे कार या बाइक लोन लेते हैं, उसे रेंट पर दे सकते हैं। वो आपके लिए good debt  साबित हो सकता है। हम लोगों की दिक्कत ये है कि हम लोग गुड और बैड डेब्ट में डिफरेंस नहीं कर पाते हैं और बेफालतू की चीज़ें खरीदते जाते हैं, जिसकी वजह से हमारी फाइनेंशियल सिचुएशन खराब होती चली जाती है और इसी वजह से ज्यादातर लोग कभी भी debt को हैंडल कर ही नहीं पाते और इस लोन के मायाजाल में फंसे रहते हैं। 


Wrapping up 

इसलिए दोस्तों  अगली बार जब भी आप लोन लेने जाओ तो थोड़ा सोच समझकर डिसीजन लें, वरना लेने के देने पड़ सकते हैं। तो इन सबका सलूशन केवल यही है कि आप जितना हो सके debt से दूर ही रहे। क्योंकि सच बताऊं तो ज्यादातर लोग debt को सही से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं । 

आप मुझे कमेंट करके बताओ कि आपमें से कितनों ने ऐसा लोन ले रखा है जो आपको कैश जेनरेट करके देता है और बाई चांस अगर आपको ऐसी ऑपर्च्युनिटी मिलती है जैसे कोई प्रॉपर्टी अच्छी लोकेशन पर काफी सस्ती मिल रही है तो आप ऐसी जगह पर इनवेस्ट कर सकते हो तो वो आपके लिए good debt  साबित हो सकता है। इसलिए आप अपनी बुद्धि का सही से इस्तेमाल करें नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

Vinod Pandey

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