STOCKS VS MUTUAL FUNDS कौन है बेहतर और किसमें होगी मोटी कमाई? Finance In Hindi

Finance In Hindi: स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड? आखिर किसमें निवेश करना ज्यादा फायदेमंद रहेगा? क्या स्टॉक्स से हमारे पैसे जल्दी ग्रो होंगे या फिर स्टॉक्स में पैसे डूबने का खतरा है? और क्या आज के समय में म्यूचुअल फंड्स में पैसे लगाना व्यर्थ है? इन्हीं सब सवालों का जवाब ढूंढने की कोशिश करेंगे आज हम इस आर्टिकल में। दोस्तों , आर्टिकल के अंत  में आपके लिए ऐसी एडवाइस है जो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढियेगा। 

STOCKS VS MUTUAL FUNDS


Stocks vs Mutual Funds?

तो दोस्तों शुरू करते हैं और दो भाइयों की कहानी की सहायता से कॉन्सेप्ट्स को समझने की कोशिश करते हैं। ये दो भाई हैं बबलू और डब्लू। बबलू और डब्लू खानदानी अमीर हैं। इनके फैमिली में सब लोग वेल सेटल्ड हैं। सभी अच्छी पोस्ट पर हैं। इनके फादर से लेकर इनके कजन तक सब, कोई सिविल सर्विसेज में हैं तो कोई वर्किंग प्रोफेशनल है। 

लेकिन ये दोनों बबलू और डब्लू बिल्कुल भी सीरियस नहीं हैं अपने फ्यूचर को लेकर। न तो यह दोनों स्टडी में अच्छे हैं और न ही अदर एक्टिविटीज में। इनको बस दोस्तों के साथ आवारागर्दी करना और फालतू कामों में समय बर्बाद करना पसंद है। आप इनको अमीर बाप की बिगड़ी हुई औलाद भी कह सकते हो। 

उनका ऐसा बिहेवियर देखकर एक दिन उनके पिता ने उन दोनों की पॉकेट मनी बंद कर दी और दोनों को गुस्से से कहा कि अगर तुम दोनों सुधरे नहीं तो मैं तुम दोनों को घर से निकाल दूंगा। इस पर दोनों बबलू डब्लू बगावत पर उतर आये और दोनों ने खाना पीना छोड़ दिया। ऐसे में उनके पिता को लगा कि शायद इनको सुधारने का यह तरीका सही नहीं है। 

इसलिए उन्होंने उन दोनों को बुलाया और अपने पास बिठाकर पूछा कि बताओ मैं ऐसा क्या करूँ कि तुम दोनों अपनी लाइफ में चीजों को लेकर सीरियस हो जाओ। मैं ऐसा क्या करूं कि तुम दोनों सही रास्ते पर आ जाओ? 

तो बबलू डब्लू ने जवाब दिया कि पापा आप हमें कुछ खुद से करने ही नहीं देते। हमारे कुछ भी सोचने से पहले ही हर चीज हमारे पास होती है और हम कुछ भी करना चाहते हैं तो हमें यह पहले ही कह दिया जाता है कि तुम यह क्यों कर रहे हो? तुम्हें क्या जरूरत है ये सब करने की। तो आप ही बताइए हम क्या करें? 


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यह सुनकर उनके फादर को उनकी समस्या समझ आ गई। इसलिए उनके फादर ने कहा कि ठीक है अगर ऐसी बात है तो मैं तुम दोनों को 10 -10 लाख रूपये दूंगा और तुम दोनों की न तो हेल्प करूंगा और न तुम्हें कुछ सिखाऊंगा। तुम दोनों खुद अपने आधार पर कुछ भी करके इन पैसों को ग्रो करके दिखाओगे। यह तुम दोनों का मौका है खुद को साबित करने का। तो जाओ  और खुद को साबित करो। 

दोनों ने 10 ₹10 लाख लिए और काम पर लग गए। दोनों ने सबसे पहले यह ढूढ़ना चालू किया कि आखिर इन 10 लाख रुपयों का  वह करें क्या? सबसे पहले उन्होंने दोस्तों से सलाह लेना चालू करी जिनमें से किसी ने उनको कहा कि एफडी करवा लो, किसी ने कहा कि गोल्ड में पैसे निवेश कर दो तो किसी ने तो यहां तक कह दिया कि सेविंग अकाउंट में चुपचाप पैसे रख दो और इंट्रेस्ट खाते रहो। लेकिन उन दोनों को यह एडवाइस अच्छी नहीं लगी इसलिए उन दोनों ने इंटरनेट का सहारा लिया। 

उन्होंने गूगल बाबा को अपनी समस्या बताई और गूगल बाबा ने भी उनके सामने अलग अलग समाधान पेश कर दिए। जहां से उनको पता चला स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स के बारे में। बबलू को स्टॉक्स बहुत लुभाए, जबकि डब्लू को म्यूचुअल फंड्स में पैसे लगाना ज्यादा सेफ लगा। 

इसलिए बबलू ने निवेश किये अपने पैसे 10 अलग अलग स्टॉक्स में जबकि डब्लू ने इन्वेस्ट किए 10 अलग अलग म्यूचुअल फंड्स में। तो अब सीधा चलते हैं 20 साल आगे और देखते हैं किसकी स्ट्रैटजी बढ़िया रही। 


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20 साल बाद 

तो पहले बात करते हैं डब्लू की जिसने ₹10 लाख 10 अलग अलग म्यूचुअल फंड में कुल निवेश किए। यानी कि एक ₹1 लाख एक एक म्यूचुअल फंड में उसने निवेश किए। उसे 10 म्यूचुअल फंड्स में कुछ इस तरह से रिटर्न्स मिले। 

पहले तीन म्यूचुअल फंड्स में उसको मिले 13%-13% के रिटर्न्स। नेक्स्ट 2 में मिले 15%-15% के रिटर्न और उससे  अगले 3 में मिले 16%-16% के रिटर्न्स और लास्ट 2 में मिले 17% -17% के रिटर्न। तो अब हम इनकी एवरेज निकाले  तो 15.1%  के एवरेज रिटर्न्स पूरे पोर्टफोलियो पर डब्लू को मिले हैं। 

अब बब्लू के रिटर्न्स को भी चेक कर लेते हैं, जिसने 10 अलग अलग स्टॉक्स में बराबर पैसे लगाए थे। यानी हर एक स्टॉक में एक ₹1 लाख इन्वेस्ट किए थे। तो दोस्तों हुआ कुछ यूं कि बबलू के पहले तीन शेयर तो कंप्लीटली डूब गए। यानी कि उसको प्रॉफिट तो क्या हुआ उल्टा उसको नुकसान हो गया इन तीन शेयर्स में। 

अगले दो स्टॉक से उसको केवल 2 से 3 परसेंट के रिटर्न्स मिले। यानी कि आप समझ लीजिए कि यह भी किसी काम के नहीं रहे। तो पहले पांच स्टॉक्स तो बबलू के लिए घाटे का सौदा ही रहे, लेकिन अब अगले पांच स्टॉक्स को देख लेते हैं। 

इन पांच स्टॉक्स में से 2 में बबलू को मिले 7%-7% के रिटर्न्स, 1 में मिले 17 परसेंट के रिटर्न्स, 1 में मिले 26 पर्सेंट के रिटर्न्स और 1 में मिले 31 परसेंट के रिटर्न्स। दोस्तों अभी तक जो कुछ आपने पढ़ा उसे पढ़कर आपको क्या लगता है कि किसने ज्यादा रिटर्न्स जेनरेट करें होंगे, बबलू ने या फिर डब्लू ने? 


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मैं जानता हूं ज्यादातर लोगों को डब्लू के म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो के रिटर्न्स बबलू के स्टॉक पोर्टफोलियो से ज्यादा लग रहे होंगे। क्योंकि बबलू के तो पाँच स्टॉक्स टोटली जीरो हो गए थे यानी कि ₹5 लाख का नुकसान वह ऑलरेडी कर चुका है। लेकिन दोस्तों रियलिटी क्या है वह जानकर आपको बहुत बड़ा शौक लगने वाला है। 

वैसे अगर आप सोच रहे हो कि मैंने रेंडमली बिना कुछ सोचे समझे ये नंबर्स उठा लिए हैं तो ऐसा नहीं है। मैंने नंबर्स को एकदम रियलिस्टिक रखने की कोशिश करी है। डेफिनेटली इसी सेम पैटर्न में हर किसी को रिटर्न्स मिलेंगे यह तो पॉसिबल नहीं है,  लेकिन हां कुछ इसी तरह के रिटर्न्स अक्सर स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स ने दिए हैं। 

तो अब जैसे हमने म्यूचुअल फंड्स के एवरेज रिटर्न्स निकाले थे, वैसे ही हम स्टॉक्स के भी एवरेज रिटर्न्स निकालने की कोशिश करते हैं और देखते हैं कि क्या होता है। तो स्टॉक्स के रिटर्न्स कुछ इस तरह से थे। 0+0+0+0+0+7 +7 +17+26+31. 

जैसे कि मैंने कहा कि आपको रियलिटी जानकर शॉक लगेगा। उस शो के लिए अब रेडी हो जाइए। बारी है बबलू के स्टॉक पोर्टफोलियो की राइट कैलकुलेशन की। जैसे कि आप जानते हो कि इसके पहले पांच स्टॉक से उसको ऑलमोस्ट 0 return मिले, इसलिए हम उनको कंसीडर ही नहीं करेंगे। हम सिर्फ नेक्स्ट फाइव स्टॉक्स की कैलकुलेशन करेंगे.


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जिनमें से फर्स्ट स्टॉक से उसको 20 सालों में रिटर्न्स मिले थे सात सात पर्सेंट के, जिससे उन शेयर्स में इन्वेस्ट हुए, ₹2 लाख ग्रो हो कर बन जाएंगे 7.74 लाख रूपये । नेक्स्ट एक शेयर से उसको मिले 17 परसेंट के रिटर्न पर, जिसे 20 सालों में ₹1 लाख बन गए ₹23 लाख। फिर एक शेयर जिससे उसको मिले 26 पर्सेंट के रिटर्न्स उसमें उसके पैसे हो गए पूरे एक करोड़ 10 लाख। 

फिर एक शेयर से उसको मिले 31 परसेंट के रिटर्न जिससे ₹1 लाख बन गए 2.2 करोड़ रुपए। अब इन पांचों को ऐड किया जाए तो टोटल होता है 3.5 करोड़, लगभग। तो अगर मैं इस नंबर को यानी 3.5 करोड़ को सीएजीआर कैलकुलेटर में डालकर देखता हूं तो यह 19.45 परसेंट के रिटर्न्स दिखाता है। 

तो दोस्तों, यहां तक हमें यह पता चला है कि बब्लू के पास 20 सालों में साढ़े तीन करोड़ रुपए हो गए हैं जो कि डब्लू से ऑलमोस्ट डबल है। बिकॉज़ डब्लू के म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो से बनेंगे 1.7 करोड़ रुपए। लेकिन दोस्तों अभी एक माइंड ब्लोइंग चीज बाकी है जो मुझे भी शुरू में काफी शॉकिंग लगी थी। 

दोस्तों ,20 साल में बब्लू के पास साढ़े तीन करोड़ रुपए हुए। कोर्स के पैसे कंपाउंड हुए 19.45  परसेंट के रिटर्न से जबकि डब्लू के पैसे हुए 1. 7  करोड़ क्योंकि उसके पैसे कंपाउंड हुए 15.22  पर्सेंट के रिटर्न से। लेकिन अगर 10 सालों तक पैसों को बढ़ने दिया जाए तो बबलू के स्टॉक पोर्टफोलियो की वैल्यू हो जाएगी 44 करोड़ रुपए, जबकि डब्लू के म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो की वैल्यू हो जाएगी 7.26 करोड़ रुपए। 

और अब अगर इन दोनों की वैल्यू को सीएजीआर में डालकर देखा जाए तो आप हैरान हो जाओगे यह जानकर कि इनके रिटर्न सेम नहीं रहेंगे, बल्कि increase हो जाएंगे। और दोस्तों ऐसा हुआ है कंपाउंडिंग की बदौलत। लॉन्ग टर्म में सीएजीआर रिटर्न्स भी इंक्रीज होते हैं। तो दोस्तों यहां से क्लियरली दिख रहा है कि कंपाउंडिंग में स्टॉक्स विथ हायर रिटर्न्स भी बहुत अच्छे से वर्क करते हैं। 


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Stocks or Mutual Funds which is Better?

सो फाइनली अब वही सवाल कि स्टॉक्स बेहतर हैं या म्यूचुअल फंड्स। तो देखिए यह आपकी पर्सनल चॉइस है। मैं बस इतना कह सकता हूं कि अगर आपके पास समय है स्टॉक्स को एनालाइज करने का और आपके पास रिस्क लेने की क्षमता है, तो आप स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं। 

लेकिन अगर आपका काम आपको allow  नहीं करता स्टॉक रिसर्च करने की, तो आप म्यूचुअल फंड्स की तरफ भी जा सकते हैं। यहां आपको returns के साथ थोड़ा कॉम्प्रोमाइज करना पड़ता है, जबकि स्टॉक्स के केस में आपको दिल मजबूत करना पड़ता है। 

लेकिन हां, अगर आप मेरी राय पूछें, तो मैं आपको बीच का रास्ता सजेस्ट करूंगा। आप ऐसे कर सकते हैं कि म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं और साथ ही स्टॉक्स में निवेश की ऑपर्च्युनिटी को ढूंढते रह सकते हैं। जैसे ही आपको कोई अच्छा मौका मिले तो स्टॉक्स में भी निवेश कर सकते हैं। ऐसे आप डाउन साइड रिस्क कम कर पाएंगे। अगर आपके स्टॉक्स डूबेंगे भी तो आपके म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट तो रहेगी ही। 

ऐसा करने से आपको इस बात का अफसोस भी नहीं रहेगा कि आपने स्टॉक्स में निवेश नहीं किया और आपको डर भी कम लगेगा। बिकॉज आपने अपने म्यूचुअल फंड्स के जरिए रिस्क को कम कर लिया होगा। 

तो  दोस्तों यही था आज के  इस खास आर्टिकल में। उम्मीद करता हूं स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स को लेकर आपके डाउट्स इस आर्टिकल में क्लियर हुए होंगे। अगर आपको अभी भी कुछ कन्फ्यूजन है तो आप कमेंट बॉक्स में जाकर अपनी राय पेश कर सकते हैं। तो दोस्तों अंत तक इस लेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद। 

Vinod Pandey

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