पैसो को संभालने में क्यों मुर्ख है Middle-Class इंसान | 10 Middle-Class Traps That Make Middle-Class Poor

नमस्ते दोस्तों, आप सभी का स्वागत है हमारी वेबसाइट The Comprehensive Minds पर। दोस्तों ,
The Economic Times के एक रीसेंट आर्टिकल में ये बताया गया है की आज के टाइम में यानी 2023  में इंडिया के 31 परसेंट लोग मिडिल क्लास कैटेगरी में आते हैं ,जबकि साल 2047 आते आते ये नंबर बढ़कर 60 परसेंट तक पहुंच जाएगा।

the economic times article


लेकिन आखिर इंडिया में ऐसा भी क्या हो रहा है कि मिडिल क्लास का नंबर तेजी से बढ़ रहा है बाकी किसी भी दूसरे देशों  से। 


What is a Middle-Class Trap?


दरअसल दोस्तों आज के टाइम में एक लोअर क्लास का व्यक्ति मेहनत करके लोअर मिडिल क्लास तक पहुंच जाता है। लेकिन लोअर मिडिल क्लास में आकर इनमें से ज्यादातर लोग एक ऐसे ट्रैप में फंस जाते हैं जिसके कारण वो हमेशा के लिए लोअर मिडिल क्लास में रह जाते हैं और कभी भी अपर मिडिल क्लास या हाई क्लास में नहीं पहुंच पाते। 

और इसी मायाजाल को हम middle class trap कहते हैं। लेकिन आखिर ये मिडिल क्लास ट्रैप ऐसी क्या चीज़ है जिसकी वजह से एक लोअर मिडिल क्लास व्यक्ति कभी भी हाई क्लास नहीं बन पाता। 

तो दोस्तो, बात बिल्कुल सीधी सी है। अगर आप भी मिडिल क्लास ट्रैप में फंसकर अपनी पूरी जिंदगी बर्बाद नहीं करना चाहते हैं और आने वाले 5 से 10 सालों में वाक़ई में खुद को हाई क्लास सोसाइटी का हिस्सा बनाना चाहते हैं तो आपको आज के इस आर्टिकल में बताए गए 10  middle class trap से खुद को आजाद करना होगा। तो चलिए अब बिना किसी देरी के जानते हैं उन 10 middle class traps के बारे में । 



Lower, Middle & Upper Class Income Range


हमारे देश भारत में ऑफिशली उस व्यक्ति को मिडिल क्लास माना जाता है जिसकी सालाना इनकम 5 लाख से 30 लाख रुपए के बीच होती है। यानि कि महीने के कम से कम ₹40,000 और इससे कम कमाने वाले लोग लोअर क्लास में आते हैं। 

वहीं 30 लाख से ऊपर की एनुअल इनकम वाले लोगों को अपर क्लास की कैटेगरी में रखा गया है।  तो जो भी व्यक्ति लोअर क्लास से बिलॉन्ग करता है उन्हें ये अच्छे से मालूम होता है कि वो लोअर क्लास से हैं। इसीलिए ऐसे लोगों को छोटे से छोटे काम करने में कोई  शर्म नहीं आती जिस वजह से इनकी काफी अच्छी कमाई हो जाती है। 

उदहारण के लिए आप के घरों में काम करने वाली एक मेड को ही देख लीजिए जो 4 से 5 घरों में पार्ट टाइम काम करके महीने का 15 से 20000 रूपये आसानी से कमा लेती है। ऊपर से इन लोगों के खर्चे भी मिडिल क्लास के कंपैरिजन में काफी कम होते हैं क्योंकि ना इन्हें AC  वाली कार में घूमने का शौक होता है और ना ही ब्रैंडेड कपड़ों का शौक होता है और ना ही ये लाखों खर्च करके अपने बच्चों को शहर के बेस्ट स्कूल में पढ़ाने भेजते हैं। 

और इन्हीं सारे कारणों की वजह से ही कुछ साल के हार्डवर्क के बाद ये लोग इतना कमा लेते हैं कि ये आसानी से लोअर मिडिल क्लास कैटेगरी में आ जाते हैं। जिसके बाद शुरू होता है middle class trap का खेल। जहां कुछ लोअर क्लास वाले लोग जो कि अब लोअर मिडिल क्लास में आ चुके हैं वो दूसरे लोअर मिडिल क्लास लोगों को देखते हैं और उनके जैसा लाइफस्टाइल रखने का कोशिश करते हैं। 

लेकिन इन्हें क्या पता कि जिस लोअर मिडिल क्लास फैमिली को देखकर ये लोग इंस्पायर हो रहे हैं वो खुद ही मिडिल क्लास ट्रैप में फंसकर अपनी लाइफ को बर्बाद कर रहे हैं। अगर बिल्कुल आसान शब्दों में मिडिल क्लास ट्रैप को समझाया जाए तो जब एक मिडिल क्लास व्यक्ति जाने अनजाने में अपनी कुछ गलतियों की वजह से ग्रो नहीं हो पाता और हमेशा मिडिल क्लास में फसा रह जाता है। इसे हम आम भाषा में मिडिल क्लास ट्रैप कहते हैं। ये ट्रैप कौन कौन से है और इनसे कैसे बाहर निकला जाए चलिए जानते हैं। 


Trap Number 1- Never learning the Earn, Save & Invest rule 


एक मिडिल क्लास व्यक्ति पैसे कमाने के लिए तो दिन रात मेहनत करता है लेकिन जब पैसे खर्च करने की बारी आती है तो मिडिल क्लास व्यक्ति आखें बंद करके पैसे उड़ाने लगता है। क्योंकि उस टाइम उसकी ये थिंकिंग होती है कि हमने इतनी मेहनत से पैसे कमाया है। तो क्या अब हम इन पैसों से अपने शौक भी ना पूरे करें। 

पैसे खर्च करके इंज्वॉय करना या अपने शौक पूरे करना बिल्कुल भी गलत नहीं है। लेकिन अपने इनकम का एक फिक्स अमाउंट सेव और इन्वेस्ट किए बिना सारे पैसे सिर्फ जरुरत और शौक पूरे करने में खर्च कर देना ये हंड्रेड परसेंट गलत बात है ,क्योंकि एमरजेंसी के वक्त शौक में लिए गए चीजें काम नहीं आती बल्कि वो पैसा काम में आता है जिसे आपने सेव और इन्वेस्ट किया हो। 

लेकिन अगर आपने कभी भी कोई सेविंग या इन्वेस्टमेंट किया ही नहीं है तो जाहिर सी बात है कि एमरजेंसी के वक्त आपको किसी और से उधार लेना पड़ेगा। जिस वजह से आपका आने वाला समय Loan  चुकाने में ही निकल जाएगा और आपकी ग्रोथ रुक जाएगी और इस तरह आप कभी भी हाई क्लास व्यक्ति नहीं बन पाएंगे। 

तो दोस्तों आज ही ये रूल बनाइए कि आप हर महीने अपनी टोटल इनकम का कम से कम 20 परसेंट हिस्सा जरुर सेव करेंगे और सिर्फ सेव ही नहीं करेंगे बल्कि उसे अच्छी जगह पर इन्वेस्ट भी करेंगे। इसके अलावा अगर आपको महंगे महंगे सामान लेने का शौक है तो इसके लिए अपनी जरूरतों को कम करके अलग से सेविंग्स करें। 


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Trap Number 2 - No Insurance & less focus on health 

 

इंडिया में ज्यादातर लोग किसी भी तरह का इंश्योरेंस इसीलिए नहीं करवाते क्योंकि इंश्योरेंस को लेकर उनका या उनके पेरेंट्स का पहले का अनुभव खराब रहा होता है। लेकिन मेरा यकीन मानिए दोस्तों आज 2023 में चीजें पहले से काफी बेहतर हो चुकी हैं। 

इसीलिए आप कम से कम अपनी और अपनी फैमिली का Health Insurance जरूर करवा लीजिए ताकि जब आप कभी भी आप या आपके फैमिली मेंबर्स बीमार पड़े तो इलाज के चक्कर में आपकी लाइफटाइम की सेविंग्स एक झटके में ना ख़तम हो जाए। 

इसके अलावा अगर आप अपने घर में एकलौते कमाई करने वाले व्यक्ति हैं तो आप अपना Life Insurance भी जरूर करवा लें ताकि भगवान ना करें अगर आपको कुछ हो गया तो आपकी फैमिली को फाइनेंशियल प्रॉब्लम न हो और ऐसा न हो कि वो मिडल क्लास से लोअर क्लास में आ जाएं। 


Trap Number 3  - Loan and Credit Cards 


आज के टाइम में loan और credit card  देने वाली कंपनीज ज्यादातर मिडिल क्लास लोगों को ही अपना टारगेट बनाती हैं, क्योंकि उन्हें भी अच्छी तरह मालूम होता है कि एक मिडिल क्लास व्यक्ति की इनकम भले ही कम हो, लेकिन उसके शौक अमीरों से भी बढ़कर हैं। जिसे पूरा करने के लिए एक मिडिल क्लास व्यक्ति अपनी पूरी लाइफ टाइम में कभी न कभी लोन या क्रेडिट कार्ड जरूर लेता है। 

दरअसल, दोस्तो, ज्यादातर मिडिल क्लास लोगों को The 80/20 rule के बारे में कोई जानकारी नहीं है। The 80/20 rule के हिसाब से कभी भी व्यक्ति के खर्चे उसके इनकम के 80 परसेंट से ज्यादा नहीं होने चाहिए। लेकिन एक मिडल क्लास व्यक्ति अक्सर अपनी और अपने परिवार की ख्वाहिशें पूरा करने के लिए इस लिमिट को क्रॉस कर देता है और जब ख्वाहिश आउट ऑफ कंट्रोल हो जाती है तब खेल शुरू होता है क्रेडिट कार्ड और लोन का। 

उदहारण के लिए दिनेश नाम का एक व्यक्ति मिडल क्लास इनकम के हिसाब से ₹50,000 महीने कमाता है, लेकिन एक दिन उसकी वाइफ उसे डिमांड करती है कि उसे 25 से 30000 रुपए का एक स्मार्टफोन चाहिए। अब रूल के हिसाब से दिनेश को एक महीने में सिर्फ ₹40,000 ही खर्च करने चाहिए, जो कि ऑलरेडी उसकी जरूरत के कामों में खर्च हो जाते हैं। 

तो ऐसे में दिनेश जब मोबाइल शॉप पर मोबाइल लेने जाता है तो वहां शॉपकीपर उसे बताता है कि मात्र ₹1,500 की EMI में वो एक स्मार्ट फोन ले सकता है। अब भला ₹50,000 कमाने वाला दिनेश के लिए ₹1,500 की EMI भरना कौन सी बड़ी बात होगी। इसीलिए दिनेश फटाफट उस मोबाइल को खरीद लेता है अपनी वाइफ के लिए। 

लेकिन दोस्तो, यही तो सारा खेल छुपा है। जैसे ही दिनेश को पता लगता है कि EMI पर बड़ी से बड़ी चीजें आसानी से खरीदी जा सकती हैं, वो अपने शौक पूरे करने के लिए एक के बाद एक EMI पर चीजें खरीदना शुरू कर देता है और इसी तरह बिना उसे पता लगे दिनेश लोन और क्रेडिट कार्ड के ट्रैप में फंसता जाता है। जिस वजह से हर महीने दिनेश की कमाई का वो हिस्सा जो हेल्थ और इम्पोर्टेन्ट नीड्स में खर्च होने चाहिए थे अब वो बस EMI में चला जाता है। 

दिनेश को इतनी ज्यादा फ्रस्ट्रेशन होती है कि वो कभी भी कुछ बड़ा करने का सोच ही नहीं पाता है और हमेशा के लिए एक मिडिल क्लास व्यक्ति रह जाता है। इसीलिए दोस्तों आप आज से ही खुद से वादा करिए कि आप कभी भी अपना या अपने परिवार के लोगों के शौक पूरे करने के लिए लोन या क्रेडिट कार्ड का सहारा नहीं लेंगे बल्कि इन चीजों का इस्तमाल सिर्फ तभी करेंगे जब कोई बहुत बड़ी फाइनेंशियल इमरजेंसी हो। 


Trap Number 4  - Expenses on Food


आज के टाइम में लोग काफी गर्व से बोलते हैं कि वो एक बहुत बड़े फूडी(foodie) हैं। लेकिन एक बार आप खुद से सोचिए कि क्या फूडी होना किसी भी तरह का कोई एचीवमेंट है, जिसके लिए प्राउड फील किया जा सके। क्या सिर्फ टेस्टी खाने के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर देना सही है? नहीं ना। 

Expenses on Food


अब दोस्तों यहां में आपको खाने से रोक नहीं रहा हूं बल्कि मैं ये सलाह दे रहा हूं कि आप हर दूसरे तीसरे दिन जोमैटो और स्विगी से खाना ऑर्डर करना बंद कर दीजिए और ये फैसला कीजिए कि आप दो हफ्ते में सिर्फ एक बार ही जोमैटो या स्विगी का खाना ऑर्डर करेंगे और बाकी के दिन घर का खाना खाएंगे, जिससे आपकी फिजिकल हेल्थ और फाइनेंशियल हेल्थ दोनों अच्छी रहेगी। 

बाहर का औयली और मसालेदार खाना हमें बहुत इफेक्ट कर रहा है। उसे आप सिर्फ इस बात से समझ सकते हैं कि आज भारत का हर चौथा इंसान ओवरवेट है। 

Loan and Credit Cards


ओबेसिटी यानी मोटापा आज हमारे देश में तेजी से फैलती एक बीमारी बन चुकी है, और इससे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां हर दूसरे इंसान को हो रही है। आसान भाषा में कहूँ तो आपको घर का खाना ज्यादा से ज्यादा खाना चाहिए क्योंकि ये फाइनेंशियली और फिजिकली दोनों तरीकों से आपके लिए अच्छा है। 



Trap Number 5  - Earning of Only One Person in House 


जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया, अगर एक व्यक्ति साल का ₹5 लाख से ₹30 लाख कमाता है तो उसे मिडिल क्लास कहा जाएगा इंडिया में। दोस्तों यहां गौर करने वाली बात ये है कि अगर एक व्यक्ति मिडिल क्लास इनकम को ध्यान में रखकर महीने के 50 से 60000 कमाता है तो भी उसे लोअर क्लास कहा जाएगा। क्योंकि उस एक व्यक्ति के इनकम पर उसकी फैमिली के 3 से 4 मेंबर्स डिपेंडेंट है। 

यानी उसकी कमाई 3 से 4 लोगों में बंट जाती है। और इस कंडीशन में व्यक्ति के लिए हाई क्लास तो छोड़ो मिडिल क्लास में भी रहना मुश्किल हो जाएगा। इसीलिए आप आज से ही इस बात का फैसला करिए कि अगर आपके 3 से 4 लोगों की फैमिली है तो इनमें से कम से कम दो लोगों को पैसे कमाना ही होगा। फिर चाहे वो पति पत्नी हो या बाप बेटा। 

लेकिन मै जानता हूँ आप में से बहुत से लोग सोचेंगे कि इतनी महंगाई के जमाने में आपको जॉब कहां से मिलेगी। तो दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दूं आज के टाइम में आप हर एक चीज यूट्यूब से सीख सकते हैं फिर चाहे वो केक बेकिंग हो या सिलाई या फिर कोई दूसरी स्किल हो। किसी भी स्किल को सीखने में आपको 3 से 4 महीने लगेंगे लेकिन आपके घर में पैसे कमाने वाले लोगों की संख्या बढ़ जाएगी जिससे आप जल्द से जल्द हाई क्लास में शिफ्ट हो पाएंगे। 



Trap Number 6 - Over Spending in Education 


आपने अश्वनी ग्रोवर की वीडियो तो देखी होगी जिसमें वो ये बोलते हैं कि अगर एक मिडल क्लास व्यक्ति को बेटर लाइफ में पहुंचना है तो इसके लिए एजुकेशन उसका पासपोर्ट है। लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं की आप एजुकेशन के नाम पर ओवर फंडिंग करें। 

जैसा कि The Economic Times के एक  आर्टिकल के हिसाब से आज के टाइम में एक इंडियन बच्चे का 12th तक का पढाई का  खर्चा ₹30 लाख है। और इसके बाद अगर आपका बच्चा किसी बड़ी यूनिवर्सिटी के किसी टॉप कोर्स से ग्रैजुएशन करता है तो इसका खर्च भी कम से कम ₹20 लाख आएगा। 

Over Spending in Education


और अगर आप आज कल के ट्रेंड को फॉलो करके अपने बच्चों को मास्टर्स के लिए विदेश भेजते हैं तो इसके लिए आपको 50 लाख से 1 करोड़ रुपए अलग से खर्च करने पड़ेंगे। 

अब जाहिर सी बात है कि ज्यादातर मिडल क्लास लोगों के पास इतने पैसे तो होते नहीं हैं। इसीलिए एक मिडल क्लास व्यक्ति अपने बच्चों को बेस्ट एजुकेशन देने के लिए लोन लेता है। अब दोस्तों बात अगर इस प्रॉब्लम की सल्यूशन की करें तो आप अपने बच्चे के पैदा होते ही उसके नाम से पैसा जमा करना शुरू कर दीजिए। ताकि फ्यूचर में जब उसकी एजुकेशन के लिए लाखों रुपए की जरूरत हो तो आप को लोन ना लेना पड़े। 

इसके अलावा ये भी जरूरी नहीं है कि आप अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए शहर के बिल्कुल टॉप स्कूल में ही भेजें। आप शहर में जो भी अच्छे स्कूल हैं उनकी लिस्ट बनाएं और फिर उनमें से जो स्कूल आपके घर के पास है उसमें अपने बच्चों का एडमिशन करवाएं ताकि ट्रांसपोर्टेशन और हॉस्टल की फीस बचाई जा सके। 



Trap Number 7  - Relying on Yourself for Everything 


आज के जमाने में मोस्टली मिडिल क्लास लोग इस गलती को करते हैं जिसमें वो थोड़े से पैसे बचाने के चक्कर में सारा काम खुद ही करते हैं। फिर चाहे वो घर का नलका ठीक करना हो या खाना बनाना हो या बर्तन धोने का। मान लीजिए आपको आपके घर से दूर नौकरी मिली है जिस वजह से आपको वहां फ्लैट लेकर अकेले रहना पड़ रहा है। 

अब इस सिचुएशन में एक मिडल क्लास व्यक्ति की थिंकिंग होगी कि वो जॉब से घर आने के बाद खुद अपने लिए खाना बनाएं और खाना बनाने के बाद बर्तन भी धोए ताकि मेड के 3 से 4000 रुपए बचाया जा सके। 

लेकिन वही एक हाई क्लास सोच रखने वाला व्यक्ति की थिंकिंग ये होगी कि खाना और बर्तन के लिए मैं एक काम वाली बाई रख लू जिससे कि मेरा टाइम और एनर्जी बचे और इस फ्री टाइम में वो अपने फ्यूचर की पैसिव इनकम के लिए हार्डवर्क करे। यानि इस फ्री टाइम में वो नई नई चीजों के बारे में learn करेगा साथ ही साथ अगर उसकी कोई हॉबी होगी तो वो उसे भी इम्प्रूव कर लेगा ताकि आगे चलकर हॉबी से भी पैसे कमाए जा सके। 



Trap Number 8  - Settling for Status Quo  


ज्यादातर लोग जब एक ठीकठाक अमाउंट में पैसे कमाने लगते हैं तो उनकी थिंकिंग ये हो जाती है कि मैं आज के टाइम में अपने आस पास के लोगों से ज्यादा ही कमा रहा हूं। ऊपर से इस इन्कम में मेरी सारी जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं। तो फिर मैं और मेहनत क्यों करूं? क्यों मैं passive income जेनरेट करूं? 

तो दोस्तों आपको इस ट्रैप में बिल्कुल भी नहीं फंसना चाहिए जहां पे आपको ये लग रहा है कि मैं बहुत अच्छे पैसे कमा रहा हूं। आपको अपने आप को लेकर बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं होना है क्योंकि अगर आप एक बार अपने आप से संतुष्ट हो गए तो आपकी जिन्दगी का लक्ष्य ही खत्म हो जाएगा और फिर आप कभी भी हाईक्लास व्यक्ति नहीं बन पाएंगे। 

इसलिए भले ही आप अपनी जरूरत से ज्यादा पैसे कमा रहे हैं लेकिन आपका टारगेट ये होना चाहिए कि आपका एक्टिव इनकम बहुत बढ़े और पैसिव इनकम भी अच्छी खासी हो जाए। जिससे कि हाई क्लास कैटेगिरी में आना आपके लिए काफी easy होगा। 



Trap Number 9 - Ignoring retirement plan 


अगर आप 25 या 30 के हो चुके हैं और आपका अभी तक कोई रिटायरमेंट प्लान नहीं है तो मैं यकीन से कह सकता हूं कि अगर ऐसा ही कंटीन्यू रहा तो आप अपने रिटायरमेंट में आते आते मिडल क्लास से लोअर क्लास में शिफ्ट हो जाएंगे, क्योंकि उस वक्त तक महंगाई काफी ज्यादा बढ़ चुकी होगी। 

पर हां, 60 साल की उम्र में कम पैसे से रिटायरमेंट लेकर अपनी पेंशन इंज्वॉय करने को रिटायरमेंट नहीं बोलते, बल्कि एक रिटायरमेंट प्लान ऐसा होना चाहिए जिसमें आप रिटायरमेंट के बाद भी हर महीने passive income कमा सकें। 

जिसके लिए आपको आज से ही इन्वेस्टमेंट जोड़नी शुरू करनी चाहिए और इसी के साथ आप ट्राई कर सकते हैं  कुछ ऑनलाइन बिजनेस जिससे की रिटायरमेंट के बाद भी वो बिजनेस आपके लिए पैसे कमाकर दे ना कि आपको डेली काम पे जाना पड़े। या फिर जब तक आप जीवित हैं तब तक आपको काम करना पड़े। 


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Trap Number 10 - Thinking You Need a  Higher Salary  


अगर आप यह सोचते हैं कि करोड़पति बनने के लिए आपकी सैलरी ज्यादा होनी चाहिए तो यहां आप बिल्कुल गलत है। दरअसल, सच तो ये है कि अमीर बनने के लिए आपको अपनी कमाई से कम खर्च करना होगा। 

रतन टाटा जी, बिल गेट्स और मार्क जकरबर्ग जैसे बड़े बड़े लोग अरबों रुपए के मालिक हैं। लेकिन फिर भी ये लोग कभी भी ब्रांडेड कपड़े पहनकर नहीं घूमते एवं रिच लोग तो सबसे कम ब्रैंडेड कपड़े पहनते हैं क्योंकि उनका मानना है कि Simplicity is the best। 

दोस्तों आप भी हाईक्लास लोगों की थिंकिंग को अपनाइए और ब्रांडेड कपड़ों, जूते और बैग्स के पीछे भागना बंद कीजिए। इससे आपके पैसे कम खर्च होंगे और आपके पास इन हैंड ज्यादा पैसे होंगे और आप कम सैलरी में अमीर बनने का सफर पर निकल सकते हैं। 


Conclusion:

तो दोस्तों ये थी वो 10 traps जो आपको एवॉइड करनी चाहिए अगर आपको मिडल क्लास ट्रैप से बाहर आना है तो। दोस्तों इस आर्टिकल के अहम बिंदु यही है कि सबसे पहले आपको बिना सोचे समझे पैसे खर्च करना बंद करना होगा, सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट करना होगा, क्रेडिट कार्ड और लोन से दूर रहना होगा। 

कम से कम अपना और अपनी फैमिली का हेल्थ इन्श्योरेंस जरूर करवा लीजिए। अगर आप अपने घर में इकलौते income source हैं तो अपना एक Term Insurance  भी करवा लीजिए और अभी से रिटायरमेंट प्लानिंग भी कीजिए और हमेशा नए नए चीजें सीखकर खुद की वैल्यू बढ़ाने की कोशिश कीजिए इस हाईली कॉम्पिटिटिव मार्केट में। उम्मीद करता हूं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।


Vinod Pandey

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