Financial Freedom पाने के यह 4 सबसे आसान तरीके जो आएंगे आपके बहुत काम -Finance In Hindi

Finance In Hindi: सुबह सुबह 07:00 बजे का अलार्म बजता है। आप अपना फोन चेक करते हो, रेडी होते हो , अपना यूनिफॉर्म पहनते हो, फिर नाश्ता करते हो अगर उसके टाइम बचा हो तो वरना ऐसे ही निकल जाते हो जल्दी जल्दी में। फिर ऑफिस में बीजी दिखने की कोशिश करते हो। जब बॉस चिल्लाता है तो स्माइल कर के सॉरी बोलते हो। फिर शाम होने तक काम करते हो। बॉस की हां में हां मिलाते हो। पूरा वर्क प्रेशर हैंडल करके जब शाम को थक हार के घर पे आते हो तो अपने पार्टनर के साथ स्माइल करके बात करते हो। 

और थकान को दूर करने के लिए नेटफ्लिक्स पे या यूट्यूब पे कुछ टाइम स्पेंड करते हो। और रात कब हो जाती है यह आपको पता चलता ही नहीं है। फिर जैसी आंख बंद होती हे तो फौरन सुबह 07:00 बजे का अलार्म फिर से बजता है। अभी तो नींद आपकी पूरी होनी थी और इतनी जल्दी सुबह आ जाती है। 

दोस्तों ज्यादातर लोग ऐसे ही अपनी जिन्दगी पूरी गुजार लेते हैं। तो एक  बुक के ऑथर के हिसाब से ऐसे लोग अपनी जिन्दगी जी नहीं रहे हैं ,They are not making a living , They are making a dying .  क्यूंकि हम सब कहते तो है कि हमारी लाइफ में हमारी फैमिली और हमारे फ्रेंड्स सबसे ज्यादा वैल्यूबल है। और एक्चुअल में वही सबसे अच्छे वैल्यूबल होते  भी हैं। 

The Secret to Financial Freedom


लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग अपनी लाइफ का सबसे ज्यादा टाइम पैसा कमाने में लगाते हैं और थोड़ा सा भी एनर्जेटिक और क्वॉलिटी टाइम अपने फ्रेंड्स और फैमिली मेंबर्स को दे नहीं दे पाते हैं। और ज्यादातर लोग तो जिन्दगी भर काम करने के बाद भी अपने बुढ़ापे में कुछ सेव ही नहीं कर पाते हैं। 

लेकिन दोस्तों अगर कोई लुटेरा आपके सर पर बंदूक रखता है और आपसे ये कहता है कि या तो आप अपनी जिन्दगी चुन सकते हो या अपना पैसा तो कोई भी इंसान फौरन उसे अपना वॉलेट दे देगा और अपनी जिन्दगी चुन लेगा। लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग कभी अपनी लाइफ चुनते नहीं हैं  और वो पैसों को ज्यादा वैल्यू देते हैं जिससे वो ज्यादा अमीर तो बन नहीं पाते हैं लेकिन फिर भी जिस डायरेक्शन में वो पैसा उनको ले जाता है वो चले जाते हैं । 

तो दोस्तों इसीलिए आज के इस आर्टिकल में हम एक बुक Your Money or Your Life  में से कुछ ऐसी चीजें डिसकस करने वाले हैं जिसके बारे में जानकर आप अपनी लाइफ और मनी के बारे में एकदम अलग तरीके से सोचने लगोगे और मैं गैरंटी दे सकता हूं कि आपकी फाइनेंशल फ्रीडम की जर्नी में ये आर्टिकल बहुत ही इम्पोर्टेन्ट होने वाला है। तो चलिए शुरू करते हैं। 


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1. Enough


तो दोस्तों सबसे पहला स्टेप आपको ये लेना है कि आपको ये डिसाइड करना है कि कितना पैसा आपके लिए Enough (काफी)  होगा। अब ये काफी मतलब बहुत कम भी नहीं होता है और  बहुत ज्यादा भी नहीं होता है। जितना फिलहाल आप हर महीना खर्चा करते हो उतना अगर आपको पैसिव इनकम के थ्रू मिल जाए मतलब बिना कोई काम किए तो उतना आपके लिए काफी होना चाहिए। 

क्योंकि दोस्तों 1980s में कुछ लोगो ने काफी इंटरेस्टिंग रिसर्च की थी, जिसमें अलग अलग इनकम वाले लोगो जैसे टैक्सी ड्राइवर , बैंक मैनेजर, डॉक्टर और कंपनी के टॉप एग्जेक्यूटिव्स जैसे सीईओ ऐसे लोगों को पार्टिसिपेट करने के लिए बुलाया गया था। और उन सब से एक क्वेश्चन पूछा गया कि कितना पैसा उनको खुश कर सकता है। और सरप्राइजिंगली उन सबका आंसर ये था कि जितना पैसा वो अभी कमाते हैं अगर उनको उसका फिफ्टी परसेंट और मिल जाए तो वो उससे खुश हो जाएंगे। 

और इसीलिए जिन लोगों ने इसपे रिसर्च की उन्होने ये आइडेंटिफाई किया कि जिस रेट से लोगों की वेल्थ इनक्रीस होती है उसी रेट से लोग की हैपिनेस इनक्रीस नहीं होती है। और ये एक बहुत ही पावरफुल रिसर्च थी। क्योंकि मॉर्गन हाउसेस ने भी एक सिमिलर लाइन कही थी की  The Hardest Thing in Financial Freedom Journey, is Getting The Goalpost to Stop Moving . 


मतलब जब ओरिजनली आप ये डिसाइड करते हो कि आपके लिए ₹2 करोड़ का इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो इनफ होगा और फिर जब आप उसे सेव करते हो या अचानक से आपको उतना पैसा कहीं से मिल जाता है तो आप उस गोल की तरफ एक कदम आगे बढ़ते तो हो लेकिन वो गोल पोस्ट आपसे चार कदम दूर चला जाता है। मतलब लोग अपना गोल चेंज  हैं। और 2 की जगह 10 करोड़ का गोल डिसाइड कर लेते हैं। 

लेकिन दोस्तों सच यह है कि 99% से ज्यादा लोग इतना क्लियरली अपना गोल डिफाइन करते भी नहीं है । जिसका मतलब ये है कि ज्यादा पैसा आ जाने से लोग ज्यादा डिस्ट्रैक्ट हो जाते हैं और जिन्दगी भर पैसों के पीछे भागते रहते हैं । और इसीलिए ज्यादातर लोग कभी भी फाइनेंशियल फ्रीडम अचीव नहीं कर पाते हैं ।

चलिए दोस्तों इस बात को और गहराई से समझते हैं ।तो अब अगर किसी के पास एक भी रुपए नहीं है और वो बहुत ही भूखा है तो उसके लिए हर ₹1 मैटर करेगा।  तो इसीलिए शुरूआत में कुछ रुपए तक उसको उस खर्च किये हुए  पैसों से एक्चुअल हैपिनेस और सेटिस्फेक्शन मिलेगी। तो ये बेसिक नीड्स में काउंट होता है। 

फिर जब वो आदमी और पैसा खर्च करेगा तो वो कम्फर्ट के लिए चीजें ले सकता है जैसे अच्छे कपड़े, एक अच्छा घर, अच्छा मोबाइल एक्सट्रा एक्स्ट्रा । फिर वो आदमी और खर्चा करके लग्जरियस चीजें ले सकता है और शायद उससे भी उसको हैपिनेस मिल सकती है जैसे एक बड़ा घर ले लेगा, एक अच्छी कार ले लेगा। लेकिन इसके बाद और ज्यादा पैसा खर्च करके उसकी लाइफ में कोई भी हैप्पीनेस ऐड नहीं हो सकती। 

अगर आपके पास पहले से एक कार है, एक घर है और सेम कलर की 10 टीशर्ट हे और आप उसमें से एक भी यूज नहीं करते हो और फिर भी आप शॉपिंग करने के लिए जाते हो तो ये हैपिनेस अब कम होती जाएगी। अब इसका मतलब ये है कि आप शायद शॉपिंग करने की या मॉल में फालतू घूमने की हैबिट डाल रहे हो और अब इसके बाद आपके हर एक खर्चे से आपकी लाइफ में सिर्फ गिल्ट, डिस्ट्रक्शन और रिग्रेट एड होंगे। 

तो अब और एक्स्ट्रा पैसा कमाने से और उसे और खर्चा करने से आपको कोई हैपिनेस या सेटिस्फेक्शन नहीं मिलेगा। क्यूंकि दोस्तों , बहुत से लोग इसके बाद कोई लेम्बोर्गिनी या फरारी खरीद लेते हैं लेकिन एक्चुअली में ज्यादातर लोग वो कार नहीं बल्कि इज्जत चाहिए होती है। 

और बहुत से लोगो को अच्छे ब्रैंडेड कपडे नहीं बल्कि उनको वो अट्रेक्टिव दिखने वाली फीलिंग या अटेंशन चहिये होता है। और ना ही बहुत से लोगों को  बड़ी टीवी या बड़े बड़े फोन्स चहिये होते है उनको एक्चुअली में कोई ऐसी हॉबी चाहिए होती हे जो फ्री टाइम में उन्हें खुश रख सके। 

तो इसीलिए यह चीज आप तब आईडेंटिफाई कर पाओगे जब आप अपने लिए ये डिसाइड करोगे कि आपके लिए कितना अमाउंट काफी है । और ये आप जितना जल्दी करोगे आपके लिए उतना अच्छा है। क्यूंकि दोस्तों नो डाउट हमारी लाइफ में पैसा बहुत इम्पोर्टेन्ट होता है लेकिन हर प्रॉब्लम पैसों से सॉल्व नहीं होती। 

आप मार्जिन ऑफ़ सेफटी यूज कर सकते हो। और एक बड़ा अमाउंट चूज कर सकते हो। लेकिन जब तक वो अमाउंट आप डिसाइड नहीं करोगे तब तक आप ये भी पता नहीं लगा पाओगे की आप अपनी लाइफ में कर क्या रहे हो । और अगर आप उस अमाउंट को सिर्फ  बढ़ाते रहोगे तो आप बेसिकली रैट रेस में फंस चुके हो। 


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2. Calculate

तो दूसरा स्टेप आपको ये लेना है कि आपको अपनी इनकम और नेटवर्थ को क्लियरली काउंट करना है। अब कुछ लोग के लिए ये टास्क इजी हो सकता है स्पेशली अगर आप यंग। हो और आपने अभी अभी कमाना शुरू किया है। लेकिन जैसे जैसे आपकी एज बढ़ेगी तो ये टास्क डिफिकल्ट हो जाएगा क्योंकि बहुत लोग अपनी लाइफ में बहुत सारी ऐसी ऐसी जगह पे इन्वेस्टमेंट कर लेते कि वो उसे ट्रैक नहीं कर पाते हैं । 

जैसे कुछ लोग फिजिकल गोल्ड ले के घर में रख लेते और ओनलाइन गोल्ड भी लेते हैं  किसी मोबाइल ऐप के थ्रू। फिर वे चार पाँच बैंक में सेविंग अकाउंट में कैश रख देते हैं । फिर वो पाँच अलग अलग म्यूचल फंड में इन्वेस्ट कर लेते है वो भी अलग अलग एप के थ्रू। फिर ईपीएफ, पीपीएफ और ऐसी ही बहुत सारी जगह पर लोग इन्वेस्ट कर लेते हैं  और उसके ऊपर लोग 25- 30 स्टॉक्स में भी इन्वेस्ट कर लेते हैं । 

तो अगर आपको यही नहीं पता कि आपके पास कितना अमाउंट आपके पास सेव है  और आपको कितना अमाउंट लोगो को देना है यानि आपकी लायबिलिटी और एसेट कितने हैं मतलब आपकी टोटल नेटवर्थ तो आप ये पता लगाओगे कैसे की आप अपनी फाइनेंशियल फ्रीडम की जर्नी में कहां स्टैंड कर रहे हो। 

तो इसीलिए आप को ये सारी चीजे एक सिम्पल सी जगह पर मेन्टेन करनी चाहिए जैसे कोई एक फाइल में या आजकल हमारे पास ऐसे मोबाइल ऐप्स आ गए जिससे  हम ये काम ऑनलाइन भी आराम से कर सकते हैं । 


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3. Life Energy

फिर दोस्तों तीसरे स्टेप में आपको ये करना है कि आपको अपनी हर घंटे की सैलरी कैलकुलेट करनी है क्योंकि इंडिया में मेजॉरिटी लोग जॉब करते है और उन्हें मंथली सैलरी मिलती है। तो जो अमाउंट आप अपनी सैलरी से सेव करते हो तो वो अमाउंट आप अपनी लाइफ का एक हिस्सा देके कमाया है जो आपको वापस कभी मिलेगा नहीं। अब अगर आपको यह चीज़ नहीं समझ आई तो हम इसका एक लाइव उदहारण  देखने वाले हैं , इससे आप ये कैलकुलेट कर सकते हो कि कितने घंटे की लाइफ आपको उस पैसे  के बदले देनी पड़ी है। 

जैसे ज्यादातर इंडियंस विकिपीडिया के हिसाब से $1617 per year  कमाते हैं , जिसका मतलब सिर्फ 1.2 लाख सालाना  होता है जो मेरे हिसाब  से बहुत कम है। लेकिन ये डेटा 2016 का है तो  मैं इसको तीन गुना इनक्रीज कर देता हूँ। यानी लगभग 4 लाख पकड़ लेता हूँ। 

तो अगर आप दिन में नौ घंटे काम करते हो तो इसका मतलब ये हुआ कि आप एक घंटे में ₹123 कमाते  हो। लेकिन अगर हम इसमें आपके दो घंटे के ट्रैवेल के और आपकी ऑफिस की एक्स्ट्रा एक्सपेंस काउंट करेंगे जैसे ऑफिस के कपड़े और ऑफिस के लिए ट्रेवलिंग का खर्चा और दूसरे ऑफिस का एक्सपेंस जो आपको ऑफिस से मिलते नहीं है। तो ये प्रति घंटा  100 रुपए से भी कम होता है। 

अब इसे आप अपनी इनकम के हिसाब से काउंट कर सकते हो। लेकिन मैं एक स्टैण्डर्ड नंबर ले रहा हूँ इस विंडो के लिए। तो दोस्तों अगर आप कोई 50000 का आईफोन बाय करने की  सोचते हो जबकि आपका काम एक ₹20000  के नॉर्मल फोन से भी हो सकता है तो जो एक्स्ट्रा 30000 आपने  स्पेंड करे तो इसका मतलब ये हुआ क्या आप अपनी लाइफ का 30 दिन खत्म  कर रहे उस महंगे फोन के बदले। 


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और इतना ही नहीं अगर आप उस अमाउंट को कहीं इन्वेस्ट। करते तो वही अमाउंट आपको फ्यूचर में एक दो साल की passive income क्रिएट  करके दे सकता है। तो इसीलिए आपको सबसे इम्पोर्टेन्ट question अपने ये पूछना है कि क्या आपको उस एक्सपेंस के बदले उतनी हैपिनेस और सेटिस्फेक्शन मिल रही हे जितनी आपने उसे कमाने में एनर्जी वेस्ट की थी  तो इससे आपको अपना आन्सर खुद मिल जाएगा और इससे आप एक अच्छी हैबिट डालोगे सिर्फ जरूरत की चीजों पर खर्चा करने की। 

और दोस्तों अगर आपकी इनकम इससे भी कम हे तो मेरे हिसाब से आपको अपने स्किल्स पे वर्क करना चाहिए और कोई एक्स्ट्रा एजुकेशन या कोर्स कर लेना चाहिए ताकि आपकी इनकम ग्रो हो सके। क्योंकि आप सेविंग्स उतनी कर पाओगे जितनी आपकी इनकम होगी । उससे ज्यादा तो आप सेविंग्स कर पाओगे नहीं ,तो आपको ज्यादा फोकस अपनी इनकम को ग्रो करने पे करना चाहिए। 


4. Keep Track

फिर दोस्तों , फाइनली जब आप अपनी नेटवर्थ काउंट कर लोगे अपनी सेविंग्स कंट्रोल कर लोगे। और अपनी इनकम को ग्रो कर लोगे तो आपको एक सिंपल सा ग्राफ क्रिएट करना है जहां आप नीचे टाइम लिखोगे और ऊपर अमाउंट। 

income and expense tracking graph


फिर हर महीने की इनकम और एक्सपेंस को आपको ट्रैक करना है। जैसे अगर पहले महीने में आपकी इनकम फिफ्टी थाउजेंड की होती हे और आपके एक्सपेंस 30000 के होते हैं तो उससे ऊपर ग्राफकी तरह प्लॉट करना है। फिर अगले महीने अगर आपको Bonus मिलता है और आप अपने एक्सपेंस को कम करके 25000 पर लाते हो तो आपको उसे भी ऊपर ग्राफ की तरह  प्लॉट करना है। और इसी तरह आपको हर मंथ का डेटा ग्राफ पे कनेक्ट करना है।

अगर आप लोग इस चार्ट को सिर्फ तीन महीने तक इमानदारी से follow करते हो तो आप क्लियरली देख सकते किआपकी  फाइनेंशियल लाइफ किस डायरेक्शन में जा रही है।  और ज्यादातर लोग सिर्फ इसे देखकर ज्यादा सेविंग्स करने के लिए मोटिवेट हो जाते हैं । 

क्योंकि दोस्तों अगर आपके एक्सपेंस इनक्रीस होते हैं तो आप उसे अब फौरन देख सकते और एक्शन ले सकते हो। जैसे जब कोई कंपनी का शेयर प्राइस नीचे जाता है तो लोग की धड़कनें तेज होती हे और वो उसे सेल करने का मौका ढूंढते हैं। तो ऐसे ही इस ग्राफ के बढने से लोग सावधान हो जायँगे  और अपने एक्सपेंस कंट्रोल करेंगे। और जब आपकी इनकम और एक्सपेंस में ज्यादा गैप होने लगेगा तो आपको कुछ मोटिवेशन मिलेगा और ज्यादा अमाउंट सेव करने के लिए। जिसे आप इनवेस्ट कर सकते हो और उससे आपको पैसिव इनकम मिलेगा। 


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Vinod Pandey

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