इन 6 Middle-Class Traps से बचें जो आपको आर्थिक रूप से पीछे धकेल सकते हैं| Finance In Hindi

Finance In Hindi: दोस्तों इस article को शुरू करने से पहले एक सवाल आप लोगों के लिए है कि , आपको क्या लगता है ,आप मिडिल क्लास की लिस्ट में आते हैं या लोवर क्लास में? ज्यादातर लोगों का जवाब होगा भैया ofcourse , मिडिल क्लास में। लेकिन कैसा लगेगा अगर मैं कहूं कि आप लोग एक्चुअल में लोवर क्लास में आते हो। नहीं हो रहा है ना यकीन तो अभी हो जाएगा। 

आपने वो क्रोकोडाइल और मंकी वाली स्टोरी तो सुनी  होगी ना जिसमें क्रोकोडाइल अपने बंदर दोस्त को अपनी बीवी के चक्कर में अपने झूठे झांसे में फंसाने की कोशिश करता है, ताकि उसकी वाइफ उसे खा सके। लेकिन बंदर चालाक निकलता है और उसके इस trap से बच निकलता है। 

6 Middle-Class Traps That Could Be Holding You Back Financially


बिलकुल इसी तरह का ट्रैप एक दूसरे टाइप के बंदरों के लिए भी इस दुनिया में मौजूद है। उन बंदरों को आज के टाइम में Middle Class Person बोलते हैं। माफ करना दोस्तों अगर बुरा लगा हो तो। लेकिन सच यही है। Middle Class Person इंडिया में उस इंसान को बोला जाता है जिसकी Annual Income ₹5 लाख से ₹20 लाख के बीच में होती है। यानी महीने के ₹40,000 से डेढ़ लाख के बीच में। 

तो आधे लोगों की गलतफहमी तो यहीं दूर हो गयी होगी कि वो मिडिल क्लास में नहीं आते। लेकिन दिल छोटा मत करो, इसका सॉल्यूशन भी बताऊंगा। अभी आगे पढ़ते रहो । Middle Class Person एक ऐसा आदमी है जो जेब से तो मिडिल क्लास है लेकिन दिमाग से अमीर होता है। इ

सलिए अपने बच्चों को महंगे से महंगे स्कूल में भेजेगा। अगर रेंट पे भी रहना पड़े तो कोई दिक्कत नहीं लेकिन घर अच्छी लोकैलिटी में ही होना चाहिए। और ये सिर्फ यहीं नहीं रुकते। अगर अच्छी लोकैलिटी में घर है तो आने- जाने के लिए कार भी होनी चाहिए वो भी नई , क्योंकि दोस्तों के बीच में चौड़ भी तो होनी चाहिए। 

और अब कार के लिए पैसे कहां से आएंगे। जी वो तो नहीं है।  तो दोस्तों कार आएगी EMI या Loan  से। और यहां मार ली उसने  अपने पैर पर कुल्हाड़ी। बस अब ज़िन्दगी भर इन Loans को भरना है। जॉब करनी है ,और फ्यूचर प्लानिंग के नाम पर बच्चें  हैं ना ,इनको पालें ताकि ये हमें पालें और इसे ही कहते हैं Middle Class Trap। तो आइये दोस्तों कुछ ऐसे ही 6 traps के बारे में जानते हैं और कैसे आप और हम दोनों इन traps  में ना गिरे ये भी जानते हैं। 



Middle class trap number 1- ज्यादा लायबिलिटीज और कम एसेट्स (More liabilities and less assets)। 

दोस्तों financial stability मेन्टेन रखने के लिए एक सिंपल  नियम यह है की Your expenditure should be less than to your income, और एक मिडिल क्लास पर्सन इस बात का ठीक उल्टा करता है। क्योंकि सैलरी अगर ₹10,000 है तो ₹20,000 का फोन लेने की सोचता है। सैलरी अगर ₹50,000 है तो ₹100000 की बाइक लेने की सोचता है ,जिसमें कुछ भी गलत नहीं है। 

लेकिन सबसे बड़ी गलतफहमी तो उन्हें ये होती है कि बाइक या  कार लेने के बाद बस एक टाइम ही पैसे देने होंगे। बिल्कुल गलत। जब आप बाइक ले लोगे तो हर दो तीन महीने पे उसकी सर्विस भी करानी होगी। पेट्रोल में भी खर्च करना पड़ेगा। 

पहले जो काम आप पैदल करने जा सकते थे अब उसके लिए भी बाइक निकलेगी। तो ये तो उल्टा आपके expenses को और बढ़ा रही है। और ये बात हर उस middle class person को समझनी होगी जो इस तरह की liabilities को सिर्फ मौज मस्ती के लिए खरीद लेता है। 

रॉबर्ट क्यूसकी (Robert kyosaki ) ने एक बड़ी अच्छी बात कही है कि वो सारी चीजें जो आपकी जेब से पैसा निकालती है वो लाइबिलिटी होती हैं , और जो आपकी जेब में पैसा डालती रहती है वो assets  होती है। तो इस ट्रैप में ना फंसने का सिंपल मंत्र है , focus on acquiring assets more than liabilities. यानी लाइबिलिटी लेने से ज्यादा ऐसेट्स लेने पर फोकस करना होगा। 



Middle class trap number 2 - कोई आइडिया ही नहीं है कि कितना स्पेंड किए जा रहे हो (No idea how much you are spending)। 


इससे रिलेटेड आपको मैं एक रियल लाइफ एग्जांपल देता हूं, जो मेरे खुद के एक दोस्त का है। मेरा दोस्त पिछले दो साल से मारुति की कंपनी में जॉब करता है और एक अच्छी पोजीशन पे है ,और कुछ ही टाइम में उसका प्रमोशन होने वाला है और प्रमोशन होने के बाद वो मैनेजर बन जाएगा। 

अभी उसकी करंट सैलरी ₹50000  है ,और उसे मैंने हमेशा से देखा है कि वो अपनी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा अपनी एन्जॉयमेंट में खर्च करता है। मतलब हर वीकेंड पे पार्टी, खाना पीना, कहीं दूर घूमने निकल जाना और मंथ का एंड आते आते अपनी सैलरी का वेट करना। 

अभी मैंने उससे रिसेंटली में एक दिन पूछ ही लिया कि इतने टाइम से तू वहां जॉब कर रहा है तो कुछ तो सेव किया होगा अपने फ्यूचर के लिए। तो उसका जवाब आया अरे ये भी कोई उम्र है सेविंग करने की बुड्ढा थोड़ी हो गया हूं। अभी तो काफी टाइम है। फिलहाल थोड़े बहुत घर के खर्च में दे देता हूं और बाकी अपनी जेब में। 

और दोस्तों ये कोई नयी कहानी नहीं है। इस तरह के लोग आपके फ्रेंड सर्कल में भी जरूर होंगे या शायद आप खुद ही हो जिन्हें पता ही नहीं होता कि कितना खर्च हो रहा है और यही हैबिट इन्हें हमेशा हमेशा के लिए मिडिल क्लास ट्रैप में फंसा देती है। 

आप लोग लिए कुछ प्रश्न हैं  जिनका जवाब आप कमेंट सेक्शन में जरूर देना। क्या आप अपनी इनकम को ट्रैक करते हो? क्या आपको अपने पूरे महीने के फिक्स खर्चों के बारे में रिकॉर्ड मालूम है? आपका महीने का household का खर्च कितना होता है? मैं गारंटी देता हूं कि 90% लोगों के पास इसका कोई जवाब नहीं है और इसका एकमात्र कारण है बजटिंग (budgeting) ना करना, जिसकी वजह से आप बिना दिमाग लगाए खर्च करते रहते हो और ऐसी चीजों पर भी खर्च कर बैठते जिनकी कोई जरूरत नहीं थी। 

Month के अंत में सारा पैसा खत्म हो जाता है और वेकेशन पे जाने की जगह दुबारा ऑफिस जाना पड़ता है ,क्योंकि अगले मंथ का भी तो देखना है। तो दोस्तों अगर इस ट्रैप में नहीं फंसना चाहते और आप भी ऑफिस की जगह वेकेशन पे जाना चाहते हों तो "Keep Track of Your Spendings"


Middle Class Track Number -3  They Rely on Single Source of Income of a  Single Person 


दोस्तों , मिडिल क्लास लोगों को मसीहा बनने का बड़ा शौक होता है। जैसे ही घर का बड़ा बेटा कमाने लगता है तो कोशिश करता है कि मेरे अलावा किसी और को काम ना करना पड़े। अपने माता पिता को रेस्ट देने की सोचता है । अपनी बीवी से कहता है  कि तुमको कमाने की क्या जरूरत। मैं सब संभाल लूंगा। जिसमें कोई भी बुराई नहीं है। 

एक अच्छे इन्सान की यही पहचान है जो केयरिंग और रिस्पॉन्सिबल हो। लेकिन जरा आप खुद सोचो कि अगर आपके घर में पाँच लोग रहते हैं और कमाने वाला सिर्फ एक आप हो तो आप मिडिल क्लास हो या लोअर क्लास। मिडिल क्लास सोसाइटी की प्रॉब्लम यही है कि वो हमेशा absolute income को ज्यादा इम्पॉर्टेंस देते हैं। 

अगर उनकी इनकम 1 लाख रूपए है तो उसे लगता है की  क्या बात है, अब तो मैं अपनी पूरी फैमिली की जिम्मेदारी संभाल सकता हूं। लेकिन जरा एक बार एब्सॉल्यूट इनकम ना देख कर  individual income पर फोकस करें। 

एक आदमी जिसकी सैलरी 1 लाख है और उसके घर में पाँच फैमिली मेम्बर्स हैं ,तो 100000 /5 होता है ₹20000  अब यह मिडिल क्लास की इनकम है  या फिर लोअर क्लास की। और ये रहा आपके पूछे गए शुरू के प्रश्न का उत्तर । 

क्योंकि per person की इंडिविजुअल इनकम तो ₹20,000 ही है और उसमें पूरे महीने का खर्च और टैक्स हटा के हर मंथ के मुश्किल से 15 से 20000 रूपये ही सेव हो पाते हैं। अब यही आदमी जो खुद को अमीर समझ रहा था थोड़े टाइम बाद ये सोचने लगेगा कि क्या ₹1 लाख की सैलरी भी मेरे फैमली के लिए काफी  है। 

तो अपने और अपनी फैमली को मिडिल क्लास बोलने से पहले अपनी individual income चैक करो और फोकस करो different sources of income  को जनरेट करने की या घर में कमाने वाले लोगों के नंबर को बढ़ाने की। वरना मिडिल क्लास ट्रैप का कीड़ा आपको काटता रहेगा और आप जोर से चिल्ला भी नहीं पाओगे। 



Middle Class Trap Number-4 Trapped in Inflation and Tax.


दोस्तों आपको अपने बचपन के दिन तो याद ही होंगे कैसे हम अपने पापा के साथ मार्केट सामान लेने जाया करते थे और 500 से हजार रुपए में पूरे महीने भर का राशन आ जाया करता था। लेकिन आज की बात करें तो ₹500 में एक हफ्ते का खर्च भी नहीं चल पाएगा। इसका रीजन क्या है ? रीजन है inflation

आज से 10 साल पहले पेट्रोल 50 से 60 रुपए में मिलता था। वही आज ₹100 में मिलता है। यानि इन्फ्लेशन ऑलमोस्ट फिफ्टी परसेंट से इनक्रीज हुआ है। लेकिन वहीं अगर एक मिडिल क्लास पर्सन की सैलरी देखें तो आज से 10 साल पहले उसे ₹20,000 मिलते थे और आज 10 साल बाद उसे 22 या ₹30,000 मिलते हैं। 

यानि सैलरी में इन्क्रीमेंट 10 से 15 परसेंट हुआ । महंगाई लगातार बढ़ रही है। लेकिन हमारे मिडिल क्लास सेक्टर की कमाई नहीं बढ़ रही और इसलिए वो अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए लोन या  EMI  का सहारा लेते हैं। जो कि आजकल ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने से भी ज्यादा easily available है। 

अब मिडिल क्लास मेंटेलिटी की एक बहुत बड़ी प्रोब्लम है। सिचुएशन को ब्लेम करना। चार लोगो से जाके गाना गाना कि महंगाई कितनी बढ़ गई है, गरीब आदमी करे तो करे क्या इसमें। इसका सॉल्यूशन ढूंढने की कोशिश नहीं करते। कोई नई स्किल एक्वायर करने की नहीं सोचते। नहीं जी, हमें तो ब्लेम गेम खेलना पसंद है। 

Inflation आज भी बढ़ रहा है और कल भी बढ़ेगा। आप उसे कंट्रोल नहीं कर सकते। हां, लेकिन आप अपने एक्शन को कंट्रोल कर सकते हो। तो ये आपके ऊपर डिपेंड करता है कि आप ब्लेम गेम खेलना पसंद करोगे या फिर इस रैट रेस को एस्केप करके एक नया चैप्टर अपनी लाइफ में ऐड करोगे। 



Middle Class Trap Number-5  Failing to Invest and Build Wealth.  


ये बहुत ही कॉमन ट्रैप है जिसमें आजकल का हर मिडिल क्लास पर्सन फंसा हुआ है। असल में हमारी जो मिडिल क्लास सोसाइटी का आदमी होता है वो बहुत आदर्शवादी होता है। जैसे ही हर महीने की सैलरी जेब में आती है उसी समय उसे ठिकाने लगाने के तरीके ढूंढने लगता है। 

वो सोचने लगता है कि इसमें से कुछ पैसा घर के खर्चों के लिए, पापा की दवाई के लिए, दीदी की शादी के लिए सेव कर लेता हूं और बाकी जो पैसे बचेंगे उससे अपने पूरे मंथ का खर्च चलाऊंगा। लेकिन इसमें अपने लिए क्या बचाया? 

अभी जब तक आप काम कर रहे हो और अपने परिवार वालों की जरुरतों को पूरा कर रहे हो तब तक आप एक आदर्श बेटे, पति और भाइ हो।  लेकिन फ्यूचर में जब आपके घरवाले देखेंगे कि इतने साल कमाने के बाद भी आप अपने और अपने बच्चों के लिए एक भी रुपया नहीं जोड़ पाएं तो आपको पता भी नहीं चलेगा की कब आप अपने घर के हीरो से जीरो बन गए और वो समय ऐसा होगा जहां सिवाय पछतावे के और कुछ नहीं मिलेगा। 

Failing to Invest and Build Wealth.


तो start investing now , स्टॉक मार्केट, म्यूचुअल फंड्स, US स्टॉक्स ,ETF , cryptocurrency, गोल्ड और पता नहीं क्या क्या। आज के टाइम में इतने सारे ऑप्शंस हैं इन्वेस्ट करने के लिए तो अपनी सैलरी में से 10 से 15 परसेंट पैसा सेव करके उसे इन्वेस्ट करना स्टार्ट करो और बाकी बचे हुए पैसों को खर्च करो और अपनी फैमिली की नजर में वो रियल हीरो बनें जो सिर्फ आज ही नहीं आगे भी उनका साथ कभी नहीं छोड़ेगा। 



Middle Class Trap Number-6  Ignoring Your Current Financial Position 


मिडिल क्लास पर्सन को ये बात बिल्कुल पसंद नहीं कि कोई उसे लोअर क्लास का आदमी समझे और इसके लिए वो सारे साम, दाम, दंड ,भेद लगा देते हैं। और ऐसा करते करते वो अपनी करेंट फाइनेंशियल सिचुएशन यानी बोले तो अभी की औकात को भूल जाते हैं। 

पड़ोस वाले गुप्ता जी के लड़के ने नई कार लिया तो अब तो मुझे उससे भी महंगी कार लेनी पड़ेगी वरना मैं तो गरीब लगूंगा। मार्केट में नए फोन की प्री लॉन्चिंग में ही इनके हाथ में फोन आ जाना चाहिए, भले ही कहीं से उधार ही क्यों ना लेने पड़ जाएं। असल में इन्हें सिर्फ वो Wow  फैक्टर चाहिए होता है। लोगो से एप्रिसिएशन चाहिए होता है कि वाउ यार तुम तो बड़े कूल हो।  

लेकिन रियलिटी ये है कि किसी को रत्ती भर फर्क नहीं पड़ता आपकी निजी जिंदगी से। आपकी ली हुई कार को लोग 10 से 15 दिन बाद भूल जाएंगे। जो फोन आपने आज लिया है उसके लिए चार दिन आपके दोस्त और आस पास के लोग बातें करेंगे लेकिन फिर सब पहले जैसा। लेकिन आपको उसकी EMI  सालों साल चुकानी होगी । 

असल में ये जो Wow  फैक्टर हर मिडिल क्लास पर्सन को चाहिए यही trap  है ,क्योंकि यही वो wow  फैक्टर है जो आपको आपकी फाइनेंशल पोजीशन को भूलने के लिए मजबूर करता है। तो इन सबसे अच्छा है काम वही करें जो आपकी पॉकेट आपको अलाउ करें। और अमीर सिर्फ दिखने से अच्छा है की अमीर बनने के लिए काम करें। 



Conclusion

तो दोस्तों ये थे वो 6 middle class trap जिनसे हर middle class या यूं कहूँ हर lower class इंसान को बचना चाहिए. तो दोस्तों आशा करता हूँ आपको आज का यह लेख पसंद आया होगा।आखिर तक पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।  

Vinod Pandey

About the Author: Vinod is an experienced content writer with over 7 years of experience in crafting engaging and informative articles. His passion for reading and writing spans across various topics, allowing him to produce high-quality content that resonates with a diverse audience. With a keen eye for detail and a commitment to excellence, Vinod consistently delivers top-notch work that exceeds expectations.

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