Finance In Hindi:पांच साल काम और जिंदगी भर आराम। सुनकर थोड़ा अजीब लग रहा होगा ना। लेकिन बिल्कुल सही सुना आपने। ऐसा पॉसिबल है वो बताता हूं कैसे। बात है तीन दोस्तों की- सुनील , दिनेश और निशांत की। ये तीनों ही बड़े अच्छे दोस्त हैं और वर्तमान में इनकी age 20 साल है और जस्ट अभी भी तीनों की जॉब लगी है।
सुनील एक मार्केटिंग कंपनी में सेल्स डिपार्टमेंट में काम करता है और उसकी सैलरी ₹20,000 है। दिनेश एक IT कंपनी में employee है और उसकी सैलरी ₹15,000 है। जबकि निशांत अपने पिता का बिजनेस संभालता है, जो कि एक छोटी सी राशन की दुकान है । महीने का 30 से 40000 रूपये तक उसे अपने बिजनेस से प्रॉफिट हो जाता है।
अब इन सभी में सबसे ज्यादा मेहनत का काम सुनील का होता है, क्योंकि वो सेल्स का काम हैंडल करता है तो उसे दिनभर अलग अलग क्लाइंट से बात करनी पड़ती है और बॉस का दिया हुआ टारगेट कंप्लीट करना पड़ता है। कई बार काम इतना ज्यादा हो जाता था कि बॉस से बहस भी हो जाती थी और सुनील इस रोज की झिकझिक से परेशान हो गया था।
सुनील के पापा एक इन्वेस्टर हैं और इसलिए कई बार उसके फादर से उनके इन्वेस्टर दोस्त मिलने आया करते थे और कभी कभी ऐसा होता था कि जब सुनील घर पे होता था उसी टाइम आ जाते थे। उसने काफी बार अपने पिता और उनके दोस्तों को इन्वेस्टमेंट से जुड़ी बातें करते सुना था ,और एक दिन क्यूरियस होकर उसने इस बारे में अपने पिता से पूछ ही लिया कि पापा मुझे भी Investment करनी है, क्योंकि work life से मैं समझ गया हूं कि कोई भी अमीर नहीं बन सकता।
इस पर उसके पापा खुश होते हैं और अपने इन्वेस्टमेंट की सारी नॉलेज वो अपने बेटे को ट्रांसफर कर देते हैं और उसे कुछ बुक्स के नाम बताते हैं कि अपनी इन्वेस्टमेंट की जर्नी शुरू करने से पहले इन सभी बुक्स को पढ़ लेना और ठीक वैसा ही सुनील करता है।
लेकिन वो अपनी इन्वेस्टमेंट शुरू करने से पहले वो ये बात अपने दोस्तों को भी बताता है। तो उसकी बात सुनकर दोनों दोस्त बोलते हैं कि 10 साल बाद हम होंगे या नहीं इस बात की क्या गारंटी। तो इन सब चक्करों में पड़ने से अच्छा अभी प्रेजेंट लाइफ में ध्यान दे और पैसा कमा लें ।
सुनील को थोड़ी निराशा होती है उनकी बातें सुनकर, लेकिन वो अपना मन नहीं बदलता और Investment की जर्नी को शुरू करता है। इसके लिए वो एक Index Fund सेलेक्ट करता है और उसमें एक ₹3,000 की SIP करना शुरू करता है, और लगातार पांच साल तक वो अपनी इन्वेस्टमेंट को जारी रखता है।
5 Years Later...
अब दोस्तों सीधा चलते पाँच साल आगे जब तीनों दोस्त की एज 25 साल हो चुकी है। अब सुनील ने इन्वेस्टमेंट करना बंद कर दिया है। अब वो अपनी कंपनी में सेल्स इम्प्लॉई से सेल्स मैनेजर बन चुका है। उसकी सैलरी भी बढ़ चुकी है। सुनील कोई भी सेविंग नहीं करता। अब वो अपने सारे पैसे, अपने एन्जॉयमेंट और अपने हेल्दी लाइफस्टाइल के ऊपर खर्च करता है।
दिनेश और निशांत की कमाई में भी इजाफा हुआ था लेकिन वो अपने फैमिली के खर्च और सेविंग करने में इतने बिजी हो चुके हैं कि उनके पास महीने के अंत में सिर्फ 500 से 1000 रुपए बचते थे। उधर सुनील कोई सेविंग नहीं करता है और सिर्फ enjoy करता है दोनों को ये बात बड़ी अजीब लगती है।
दिनेश निशांत से बोलता है कि यार मुझे लगता है हमें भी इन्वेस्टमेंट शुरू कर देनी चाहिए थी सुनील के साथ, तो आज हम भी सुनील की तरह मौज कर रहे होते। तो इस पर निशांत थोड़ा भड़कते हुए बोलता है तू भी उसी चक्कर में पड़ रहा है। ये सब फालतू है। सुनील के पापा के पास बहुत पैसे हैं। जरूर वही देते होंगे उसे इतना पैसा उड़ाने के लिए। ये बोलकर निशांत चला जाता है।
लेकिन अब दिनेश को भी समझ आ गया था कि investment की पावर(Power of Investment) क्या है और वो भी सोच लेता है कि सुनील ने तो सिर्फ पाँच साल ही इन्वेस्ट किया है। मैं सात साल तक करूंगा और वो भी अपनी इन्वेस्टमेंट शुरू करता है।
7 Years Later...
अब दोस्तों सीधा चलते हैं सात साल बाद जब तीनों की एज 32 साल हो गयी है। अब सुनील और दिनेश दोनों ही इन्वेस्टमेंट से फ्री हो चुके हैं और अपनी लाइफ को पूरी तरह इंजॉय करते हैं। लेकिन निशांत आज भी उसी सेविंग और खर्चों के जाल में फंसा हुआ है।
सुनील और दिनेश दोनों को देखने के बाद निशांत को समझ आया कि उसने कितनी बड़ी गलती की है। निशांत अगले दिन सुनील के घर जाता है और उससे कहता है कि यार तू सही था। मुझे भी तुम लोगों के साथ अपनी इन्वेस्टमेंट शुरू कर देनी चाहिए थी।
मुझे लगता था कि मेरी मंथली इनकम इतनी अच्छी है तो मुझे इन्वेस्टमेंट करने की क्या जरूरत है। लेकिन मैं गलत था। आज महीने के ₹50,000 से ज्यादा कमाने के बाद भी मेरे पास अपने फ्यूचर के लिए ₹1 की सेविंग नहीं है, क्योंकि सारे पैसे फैमिली की नीड और लोन में चले जाते हैं और महीने के आखिर में आज भी वही 2 से 4000 रुपए ही बचते हैं। लेकिन शायद अब तो मैं इन्वेस्टमेंट के लिए लेट हो चुका हूं। अब मुझे क्या करना चाहिए?
तो उस पर सुनील मुस्कुराता है और बोलता है कि चलो तुझे समझ तो आया कि तूने गलती की। कई लोगों को तो पूरी ज़िन्दगी में इस बारे में पता नहीं चल पाता। इन्वेस्टमेंट करने के लिए कोई राइट टाइम नहीं होता, बल्कि प्रेजेंट ही हमारा राइट टाइम है। तो तू आज से अपनी इन्वेस्टमेंट करना स्टार्ट कर और मैं तुझे गाइड करूँगा जब भी तुझे कोई हेल्प चाहिए होगी।
लेकिन क्योंकि तुमने इन्वेस्टमेंट लेट में स्टार्ट कि है तो तुम्हें बाकी लोगों के comparison में ज्यादा टाईम के लिए इन्वेस्ट करना होगा। सुनील के समझाने पर निशांत को थोड़ा अच्छा फील होता है और वो सुनील के बताये अनुसार अपनी इन्वेस्टमेंट की जर्नी शुरू करता है और पूरे 33 साल तक इन्वेस्टमेंट करता है।
33 Years Later...
अब दोस्तों सीधा चलते हैं 33 साल बाद जब तीनों की आयु 65 साल हो चुकी है और तीनों की इन्वेस्टमेंट पूरी हो चुकी है ,और देखते हैं कि सबसे ज्यादा इन्वेस्टमेंट में फायदा किसको मिला है। अब यहां मैं आप लोगो से एक सवाल पूछता हूं कि इन तीनों में से सबसे ज्यादा रिटर्न अपनी इन्वेस्टमेंट पर किस को मिला होगा।
आप में से ज्यादातर लोगों को लग रहा होगा कि निशांत ने सबसे लंबे समय के लिए इन्वेस्ट किया है तो उसे ही सबसे ज्यादा प्रॉफिट हुआ होगा। लेकिन दोस्तों सच आपकी सोच से कुछ अलग होने वाला है। हम मानकर चलते हैं की तीनों ने एक ही तरह के फंड में और सेम अमाउंट की SIP के जरिए अपना इन्वेस्टमेंट किया और तीनों को रिटर्न भी सेम 15 पर्सेंट ही मिलेगा।
तो इस हिसाब से जब हम निशांत की 33 साल की इन्वेस्टमेंट को देखते हैं तो दोस्तो निशांत ने इन 33 सालों में कुल ₹11,88,000 इन्वेस्ट किए हैं ,और उसके रिटर्न में निशांत को मिले हैं ₹3,13,00,000।
अब बात करते हैं दिनेश की तो दिनेश ने अपने इन्वेस्टमेंट के सात सालों में टोटल ₹2,52,000 इन्वेस्ट किए और उस पर दिनेश को रिटर्न मिला ₹4,46,000। लेकिन क्योंकि दिनेश ने भले ही अपनी इन्वेस्टमेंट को रोक दिया था, लेकिन उसके इन्वेस्ट किए हुए पैसे पर compounding का फायदा मिलता रहा।
जिससे उसके पैसे साल दर साल बढ़ते ही रहे और जब दिनेश 65 साल का हुआ तो उसके यही निवेश किए हुए पैसे ₹4,50,00,000 बन गए, जो नितिन के रिटर्न से सीधा सीधा 1 करोड़ से भी ज्यादा का फायदा है।
चलो जरा सुनील का भी हिसाब लगा लेते हैं। सुनील ने सिर्फ पाँच साल इन्वेस्टमेंट की थी और उसने टोटल ₹1,80,000 इन्वेस्ट किए थे। जिस पर उसे इन पांच सालों के दौरान ₹2,70,000 का रिटर्न मिला है। लेकिन सुनील ने भी अपनी इन्वेस्टमेंट को बंद जरुर किया था लेकिन अपने पैसे निकाले नहीं थे। जिससे जब वो 65 साल का हुआ तो उसका टोटल रिटर्न हुआ 7 करोड़ ₹30 लाख का।
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तो दोस्तों है ना कमाल की बात जिसने सबसे कम पैसे इन्वेस्ट किए उसे सबसे ज्यादा रिटर्न मिले हैं। दोस्तों अगर आप यहां पर गौर करोगे तो आपको पता चलेगा कि निशांत ने सबसे ज्यादा टाइम के लिए इन्वेस्टमेंट किया और सेम फंड में ही इन्वेस्ट किया लेकिन उसे बाकी दोनों से कम रिटर्न मिला। इसका क्या कारण है ? इसका कारण है टाइम।
निशांत ने क्यू की लेट इन्वेस्टमेंट शुरू की इसलिए उसे अपनी इन्वेस्टमेंट पर कंपाउंडिंग का फायदा बहुत कम मिला। हालांकि रिटर्न उसे भी बाकी दोनों की तरह 15 परसेंट का ही मिला। लेकिन यहां पर सुनील ने पूरा गेम चेंज कर दिया क्योंकि उसने इन्वेस्ट भी सबसे कम पैसे किए और रिटर्न भी उसे दिनेश से लगभग ₹3 करोड़ ज्यादा और निशांत से ₹4 करोड़ से भी ज्यादा का मिला, क्योंकि टाइम एक बहुत बड़ा रोल प्ले करता है आपके पैसे को कंपाउंड होने में और जो इसे जल्दी समझता है उसके लिए पैसे उसके गुलाम बनके काम करते हैं और जो इसे लेट समझते हैं उन्हें मजबूरन पैसे का गुलाम बनके काम करना पड़ता है।
दोस्तों इस स्टोरी से हमें कुछ सीख मिलती है जिसे एक अच्छा इन्वेस्टर बनने के लिए समझना बेहद जरूरी है।
1. सबसे पहला कि जितना जल्दी हो सके इन्वेस्ट करना शुरू कर देना चाहिए। एक इन्सान जिसने भले ही कम अमाउंट के साथ इन्वेस्ट करना शुरू किया है वो हमेशा दो कदम आगे ही रहेगा उस इंसान से जिसने लेट इन्वेस्टमेंट शुरू की ,और भले ही उसने ज्यादा amount के साथ इन्वेस्टमेंट शुरू कि।
2. दूसरी सीख ये है कि अपने इन्वेस्टमेंट की प्रोसेस को ऑटोमेट कीजिए और कंपाउंडिंग की पावर को समझिए। सुनील ये बात अच्छी तरह जानता था और इसलिए उसने शुरू के पाँच साल ही इन्वेस्ट किया और बाकी का काम कंपाउंडिंग पर छोड़ दिया।
लेकिन दोस्तों बहुत से लोग पाँच साल भी डिसिप्लिन के साथ इन्वेस्ट नहीं कर पाते क्योंकि पाँच साल भी एक लंबा टाइम ही होता है और इस दौरान हमारी लाइफ में काफी सारे उतार चढ़ाव आते हैं जो हमारे डिसीजंस को कमजोर बना देते हैं ,और बहुत से लोग अपनी इन्वेस्टमेंट को बीच में ही छोड़ देते हैं।
इसलिए सुनील ने SIP की मदद से अपनी इन्वेस्टमेंट को ऑटोमेट कर दिया क्योंकि मशीन और सॉफ्टवेयर नहीं समझते कि हम कैसा फील कर रहे हैं। वो सिर्फ हमारे दिए गए कमांड को फॉलो करते हैं। जबकि इंसानी दिमाग पल भर में अपने डिसीजंस बदल लेता है। तो दोस्तों SIP जैसे बेहतरीन टूल्स का फायदा उठाएं।
3. और तीसरा है लर्न (Learn) करना। दोस्तों, हमें जिस भी फील्ड में सक्सेस चाहिए होती है उसके लिए हमें उस चीज के बारे में जानकारी होना बेहद जरुरी है और वो हमें लर्न करने से ही मिलती है। और दोस्तो नॉलेज भी टाइम के साथ कंपाउंड होती है। सुनील के फादर ने उसे कुछ बुक्स रीड करने के बाद ही इनवेस्ट करने के लिए कहा था और तभी सुनील सही डिसीजन ले पाया।
Bottomline
तो दोस्तों इस आर्टिकल को उन लोगों के साथ शेयर जरुर करें जो बोलते हैं ₹2000-₹4,000 से कोई क्या ही करोड़पति बनेगा। दोस्तों अंत तक लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद।