दोस्तों, वैसे तो भारत सरकार का वित्त मंत्रालय हर तीन महीने के बाद पोस्ट ऑफिस की सभी स्माल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों को संशोधित करता है, उनको चेंज करता है, उनमें कुछ परिवर्तन करता है। लेकिन इस बार भारत सरकार ने Senior Citizen Saving Scheme के नियमों में सीनियर सिटीजन की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए काफी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
यह जो नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, इनका सीनियर सिटीजन पर नेगेटिव या पॉजिटिव कैसा असर होगा, इस बारे में हम आगे इस लेख में चर्चा करेंगे। दोस्तों ,इन सभी नियमों में बदलाव से सीनियर सिटीजन पर कैसा असर होगा इसके बारे में डिटेल में जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख में अंत तक आप मेरे साथ बने रहिए।
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Important Changes in Senior Citizen Saving Scheme
दोस्तों पो,स्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम जिसको SCSS के नाम से भी जानते हैं। इसमें वर्तमान में ब्याज दर 8.2 परसेंट है। इस स्कीम में सरकार सबसे ज्यादा ब्याज देती है और इसमें टैक्स में छूट भी प्रदान करती है।
इन विशेषताओं के कारण सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम को वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे अच्छी बचत योजना कहा जाता है। इस लेख में हम बताएंगे कि नवंबर 2023 में पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में क्या बड़े एवं महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। इनमें खाता खोलने, पैसा जमा करने और निकालने के सभी नियमों के बारे में भी हम जानकारी देंगे।
What is Senior Citizen Saving Scheme
तो सबसे पहले बात करते हैं कि सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम क्या है? सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम जो है बुजुर्गों के लिए भारत सरकार की ओर से चलाई गई एक लोकप्रिय बचत योजना है। हिंदी में हम इसे वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के नाम से जानते हैं। पोस्ट ऑफिस या बैंक में कहीं भी इसका खाता खोला जा सकता है।
इसका अकाउंट खुलवाने, इसमें पैसा जमा करने और इसमें से पैसे निकालने के दो नियम हैं जो बहुत ही आसान और बहुत ही सरल है। सीनियर सिटीजन स्कीम में हर तीन महीने पर एक आपको निश्चित आमदनी मिलती है। इसमें पैसा जमा कराने पर आपको अगले पांच साल तक हर तिमाही में आमदनी की किस्त मिलती रहती है।
यहाँ जो आपकी आमदनी होती है, जो इनकम होती है, हर तिमाही की पहली तारीख को आपके सेविंग अकाउंट में पहुंच जाती है। यानी कि हर साल 1 अप्रैल, 1 जुलाई, 1 अक्टूबर और 1 जनवरी को आपको ब्याज वाला पैसा मिल जाता है। यदि उस दिन बैंकिंग अवकाश हो तो अगले कार्यदिवस पर आपका पैसा आपके खाते में जमा हो जाता है।
पांच साल पूरा होने पर आपकी पूरी की पूरी जमा रकम भी आपको वापस मिल जाती है, क्योंकि जो आपको इनकम मिल रही थी वह आपकी जमा राशि है उस पर ब्याज के रूप में मिल रही थी। इस तरह से इस योजना में आपका पूरा का पूरा पैसा भी बचा रहता है और योजना की अवधि के दौरान आपको नियमित आमदनी भी मिलती रहती है।
Interest Rate of Senior Citizen Saving Scheme 2024
दोस्तों, जब भी हम अपना पैसा किसी निवेश योजना में निवेश करते हैं तो सबसे पहले हम यह देखते हैं कि उस पर हमें कितना अधिक फायदा होने वाला है। निवेश पर हमें कितना रिटर्न मिलने वाला है तथा उस पर हमें कितना अधिक ब्याज मिलने वाला है।
तो दोस्तों, सीनियर सिटीजन स्कीम में जमा पर आपको 8.2% वार्षिक की दर से ब्याज मिलता है। पिछली तिमाहियों में जो सबसे ज्यादा ब्याज में वृद्धि हुई है, वह इस योजना में हुई है।
अकाउंट खोलने की तारीख को जो भी ब्याज दर आपकी होगी, सीनियर सिटीजन अकाउंट पर वह अगले पांच साल तक आपके अकाउंट पर लागू रहेगी। बीच में ब्याज दर के परिवर्तन होने पर पहले से खुले हुए खाते पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा।
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Minimum and Maximum deposit limit in Senior Citizen Saving Scheme 2024
तो दोस्तों, अब बात करते हैं सीनियर सिटीजन स्कीम में न्यनतम तथा अधिकतम निवेश है वह कितना है। आप सीनियर सिटीजन स्कीम में ₹1,000 से लेकर के ₹30 लाख तक जमा कर सकते हैं। सरकार ने 2023 के बजट में सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम की जो अधिकतम जमा सीमा थी उसको 15 लाख से बढ़ाकर के 30 लाख किया था।
अब कम से कम ₹1,000 जमा करके आप सीनियर सिटीजन सेविंग अकाउंट का खाता खुलवा सकते हैं और अधिकतम ₹30 लाख तक इसमें जमा कर सकते हैं। सीनियर सिटीजन स्कीम में एक व्यक्ति कितने भी खाते खुलवा सकता है और खाते खुलवाने की कोई भी इसमें लिमिट नहीं है।
लेकिन उन सभी खातों में निवेश की गई कुल राशि मिलाकर के अधिकतम ₹30 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। और यदि यह सीमा ₹30 लाख से अधिक हो जाती है किसी कारणवश तो उस पर आपको सीनियर सिटीजन का ब्याज नहीं मिलता है और वह आपकी जो अधिक जमा की गई रकम जैसे ही पोस्ट ऑफिस को या बैंक को पता चलता है, वह आपको वापस कर दी जाती है।
रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए जमा की कुल रकम उस रकम से अधिक नहीं होनी चाहिए जो कि उन्हें नौकरी से रिटायरमेंट बेनिफिट के रूप में मिली हो। नगद पैसा अधिकतम आप ₹1 लाख तक जमा कर सकते हैं और यदि इससे अधिक आपको जमा करना है तो आप बैंक चेक के माध्यम से या फिर आप एसबी खाते से होल्डिंग करके इसमें पैसा जमा कर सकते हैं। आप जो भी पैसा इसमें जमा करना चाहते हैं वह ₹1,000 के गुणांक में होना चाहिए।
Who Can Open SCSS Account
तो दोस्तों अब बात करते हैं कि यह खाता कौन खोल सकता है। 60 साल के कोई सामान्य नागरिक या 50 और 55 साल के रिटायर्ड कर्मी इस खाते को खोल सकते हैं। खाता 60 साल की उम्र पूरी कर चुका कोई भी व्यक्ति जो सामान्य भारतीय नागरिक है, इस खाते को खोल सकता है।
रिटायरमेंट या वीआरएस लेने वाले कर्मचारी 55 साल की उम्र पर, जो सिविल सर्विस में सेवाएं दे रहे हैं वह 55 साल की उम्र के बाद अगर रिटायरमेंट लेते हैं तो वह भी इस स्कीम के अंदर अपना खाता खुलवा सकते हैं। वहीं पर जो डिफेंस या रक्षा विभाग के कर्मचारी कार्यरत हैं अगर वो 50 साल के बाद वीआरएस लेते हैं तो वे भी अपना सीनियर सिटीजन में अपना खाता खुलवा सकते हैं।
ऐसे कर्मचारियों को 60 साल की उम्र से पहले अकाउंट खुलवाने की सुविधा इस शर्त पर मिलती है कि वे रिटायरमेंट बेनिफिट प्राप्त करने के तीन महीने के भीतर भीतर अकाउंट खुलवा लें। पहले ऐसे जो वीआरएस लेने वाले कर्मचारी होते थे , उनको केवल एक महीने का समय ही दिया जाता था। बाद में इस नियम में बदलाव करके इस समय को बढ़ाकर के एक महीने से तीन महीने कर दिया गया है।
सीनियर सिटीजन की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार का यह एक बहुत ही सराहनीय कदम है। सरकार ने सीनियर सिटीजन स्कीम में एक नया नियम जो जोड़ा है , इस नियम के तहत जो कर्मचारी डिफेंस सर्विस में या सिविल सर्विस में 50 वर्ष पूरे कर चुके हैं तथा जिनकी उम्र 60 साल से कम है तथा ड्यूटी के दौरान किसी वजह से, बदकिस्मती से उनकी मृत्यु हो जाती है, तो उनके जो स्पाउस हैं उनकी पत्नी या पति जो है उनको भी सीनियर सिटीजन खाता खोलने की अनुमति दी जा सकती है।
ऐसे सरकारी कर्मचारी की पत्नी या पति चाहे उसकी उम्र कितनी भी हो और वह बाकी पात्रता मापदंड को पूरा करते हो तो वह इस स्कीम के तहत खाता खोला सकते हैं। इस नए नियम के लागू होने पर स्पाउस को जो पैसा मिलता है उसको सही जगह इन्वेस्ट किया जा सकता है।
इस नियम को लागू करना भी सरकार का एक बहुत ही सराहनीय कदम है। जो विदेशी नागरिक है या किसी दूसरे देश की नागरिकता ले चुके भारतीय यानी कि NRI है इस स्कीम में अपना खाता नहीं खुलवा सकते हैं।
Senior Citizen Saving अकाउंट कहाँ कहाँ खुलवाया जा सकता है
तो दोस्तों, अब बात करते हैं कि सीनियर सिटीजन अकाउंट कहां कहां खुलवाया जा सकता है। सीनियर सिटीजन सेविंग अकाउंट भारत के किसी भी पोस्ट ऑफिस या अधिकृत बैंक जो अथॉराइज्ड बैंक है, कुछ मुख्य मुख्य बैंक है उनमें खुलवाया जा सकता है। लेकिन बेहतर यही रहता है कि पहले से आपका जिस बैंक या पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट अर्थात बचत खाता हो, वहीं पर सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम का अकाउंट खुलवाना चाहिए।
इस योजना के माध्यम से जो जो आमदनी आपको मिलती है, जो इंटरेस्ट के रूप में वह डायरेक्ट आपके सेविंग अकाउंट में ही ट्रांसफर कर दी जाती है। एक ही जगह दोनों अकाउंट होने पर ज्यादा सहूलियत रहती है। यदि आप सीनियर सिटीजन का खाता पोस्ट ऑफिस में खुलवाते हैं और आपका पोस्ट ऑफिस में बचत खाता नहीं है तो भी आप को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आने वाली है।
CBS पोस्ट ऑफिस में ईसीएस इलेक्ट्रिक क्लीयरेंस सर्विस की सुविधा के माध्यम से आप अपने सीनियर सिटीजन खाते का ब्याज और फाइनल जो इसका भुगतान है आप किसी भी बैंक के बचत खाते में ले सकते हैं।
Premature Closure Rules Of SCSS Account
आवश्यकता पड़ने पर कभी भी आप अकाउंट बंद करवा सकते हैं, लेकिन बीच में अकाउंट बंद करने पर ब्याज में कटौती करके आपको पैसा वापस दिया जाता है। यह कटौती कुछ नियमों के हिसाब से होती है।
उदाहरण के तौर पर यदि आप एक साल से पहले अपना खाता बंद कराते हैं तो आपको उस पर कोई भी ब्याज नहीं दिया जाता है और पहले से मिल चुका पैसा भी जो ब्याज के रूप में आप ले चुके हैं, वह आपकी फाइनल पेमेंट से काट लिया जाता है।
उदाहरण के तौर पर एक साल में 8.2% के हिसाब से अगर आप ₹1 लाख इस स्कीम में जमा करते हैं तो आपका ₹8200 ब्याज बनता है। इस तरह से एक साल से पहले खाता बंद करवाने पर आपका सारा का सारा ब्याज वापस ले लिया जाएगा। इसलिए एक साल से पहले खाता बंद होने पर आपको काफी अधिक नुकसान होता है।
एक साल से दो साल के बीच में अगर आप अकाउंट बंद करवाते हैं तो आपका जो प्रिंसिपल अमाउंट है उसमें से 1. 5% पैसा काट कर के मूल रकम में से आपको बाकी रकम वापस कर दी जाती है। यहां पर जब आप जो भी ब्याज ले चुके हैं वह आपको वापस करने की आवश्यकता नहीं होती है।
उदाहरण के तौर पर, यदि आप 1 लाख इस स्कीम में निवेश करते हैं और आप एक साल के बाद दो साल से पहले खाता अगर प्री मेच्योर क्लोज करवाते हैं तो 1.5 % के हिसाब से ₹1,500 आपके प्रिंसिपल अमाउंट से काट कर के आपको ₹98500 वापस दे दिए जाते हैं।
और इसी तरह से यदि आप दो साल से पाँच साल के बीच में अकाउंट बंद कराते हैं तो आपकी जो कुल जमा रकम है, जो प्रिंसिपल अमाउंट है उसमें से 1% की कटौती करके आपको बाकी पैसा दे दिया जाता है।
New Extension Rule Of SCSS
दोस्तों, अब बात करते हैं सीनियर सिटीजन खाते को आगे बढ़ाने के बारे में क्या नियम है। दोस्तों, इस स्कीम में जो एक और सबसे बड़ा बदलाव किया गया है वह बदलाव है खाते के एक्सटेंशन नियम के बारे में। सीनियर सिटीजन स्कीम में इतने अधिक बदलाव कर दिए गए हैं कि इस स्कीम का स्वरूप ही बदल गया है।
सरकार ने लगभग सभी नियमों में बदलाव करके इस स्कीम को सीनियर सिटीजन की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए एक नए ही रूप में पेश किया है, जो कि पहले से काफी अच्छी है और काफी बेहतर है। जैसा कि आप जानते हैं कि अकाउंट के पांच साल पूरा होने के बाद अर्थात पांच साल बाद मैच्योरिटी के बाद अगर आप चाहे तो अगले तीन साल के लिए खाता विस्तार यानी कि खाते को आप एक्सटेंड करवा सकते हैं।
पहले सीनियर सिटीजन को जो खाता एक्सटेंड कराने की सुविधा सिर्फ तीन साल के एक ब्लॉक के लिए ही दी जाती थी, वही अब नए नियम आने के बाद अब तीन साल के जितने भी ब्लॉक के लिए हम अपने खाते को लगातार एक्सटेंड करवा सकते हैं। यह भी एक सरकार का बहुत ही सराहनीय कदम है।
भारत सरकार की ओर से सीनियर सिटीजन की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए जो सीनियर सिटीजन इस स्कीम में लगातार इन्वेस्ट करना चाहते हैं वह बार बार खाता खुलवाने के लिए भरे जाने वाले फार्म इत्यादि की जो अनावश्यक कागजी कार्यवाही है उससे बच सकते हैं तथा आगे जितनी बार भी चाहे उतनी बार तीन तीन साल के लिए अपने खाते को लगातार आगे बढ़वा सकते हैं।
इसके लिए पोस्ट ऑफिस या बैंक जहां पर भी आपका खाता स्टैंड है वहां ब्रांच में जाकर आपको खाता एक्सटेंशन कराने का एक फार्म भरना पड़ेगा तथा आपको साथ में पासबुक को लेकर भी जाना पड़ेगा जिससे आपका खाता बड़ी ही आसानी से एक्सटेंड हो जाएगा। मैच्योरिटी की तारीख से एक साल के भीतर खाता विस्तार करने के लिए आवेदन किया जा सकता है।
दोस्तों पहले अगर आपने तीन साल का खाता एक्सटेंड कराया है तो उसे आप एक साल पूरा होने के बाद कभी भी बंद करा सकते थे। उस सिचुएशन में आपकी जमा में से कोई भी रकम नहीं काटी जाती थी। लेकिन तीन साल के लिए एक्सटेंड कराए गए खाते पर सीनियर सिटीजन अकाउंट में जो मैच्योरिटी के समय ब्याज दर होगी, वही लागू होती है।
पर यहां पर दोस्तों एक्सटेंड अकाउंट को प्री मेच्योर क्लोज करने के मामले में सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में एक और नया नियम जोड़ा गया है।
यदि आप सीनियर सिटीजन खाता एक्सटेंड करवाते हैं तीन साल के लिए और एक्सटेंशन के एक साल के भीतर यदि आप अपना खाता बंद करवाना चाहते हैं, तो आप एक साल से पहले भी अपना खाता बंद करवा सकते हैं। पर यहां पर आपको कुल डिपॉजिट का एक परसेंट पेनल्टी के रूप में देना होगा। जबकि पहले इस तरह का कोई नियम नहीं था।
Joint -Account Holder in SCSS Account
तो आइए दोस्तों, अब बात करते हैं क्या सीनियर सिटीजन का अकाउंट हम किस के साथ जॉइंट रूप से खुलवा सकते हैं। दोस्तों इस स्कीम में केवल स्पाउस अर्थात पति या पत्नी के साथ ही ज्वाइंट खाता खोलने की अनुमति है।
संयुक्त खाता खोलने पर जो न्यूनतम उम्र की शर्त है, सिर्फ फर्स्ट डिपॉजिटर यानी जो मुख्य खाता धारक होता है, उसी पर लागू होती है। दूसरे खाताधारक चाहे पति हो या पत्नी हो, उसकी उम्र चाहे कितनी भी हो, उसे इस खाते में ज्वाइंट डिपॉजिटर के रूप में शामिल किया जा सकता है।
संयुक्त खाता अर्थात ज्वाइंट अकाउंट होने पर एक खाते में अधिकतम ₹30 लाख तक जमा कर सकते हैं और इस खाते में जमा रकम पहले खाताधारक की ही मानी जाएगी। और यदि पति और पत्नी दोनों की उम्र ही 60-60 साल है और दोनों अलग अलग खाता खुलवाना चाहते हैं तो दोनों अलग अलग खातों में 30 -30 लाख भी जमा करा सकते हैं तथा दोनों अलग अलग खाता खोल सकते हैं।
इस तरह से पति पत्नी दोनों अलग अलग खाता खोल कर के खातों में 30-30 लाख जमा करा करके कुल ₹60 लाख तक जमा करा सकते हैं तथा इसमें और अधिक ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।
In Case Of SCSS Account Holder Death
अब बात करते हैं कि यदि बीच में ही सीनियर सिटीजन खाताधारक की मृत्यु हो जाती है तो उस मामले में क्या होता है। बीच में मृत्यु हो जाने पर नॉमिनी को ही पैसा मिलता है।
जी हां, सीनियर सिटीजन सेविंग अकाउंट जिस व्यक्ति के नाम खुलता है, यदि अगर खाता अवधि पूरी होने से पहले दुर्भाग्यवश उसकी मृत्यु हो जाती है तो अकाउंट में जिस व्यक्ति का नाम नॉमिनी के रूप में दर्ज होता है, उसे पूरा पैसा पाने का हक होता है। आप अपने अकाउंट में अपने परिवार के किसी भी व्यक्ति को नॉमिनी बना सकते हैं।
लेकिन ध्यान रखें कि किसी विदेशी नागरिक को आप अकाउंट में नॉमिनी नहीं बना सकते हैं। लेकिन पति या पत्नी को नॉमिनी बनाने का फायदा यह होता है की मुख्य खाताधारक की मौत के बाद भी अकाउंट की मैच्योरिटी तक इस अकाउंट को चालू रखा जा सकता है।
यदि वह जो है खाते के सभी नियम व शर्तों को पूरी करता हो, जैसे उसकी उम्र 60 साल से अधिक हो तथा उसका कोई दूसरा सीनियर सिटीजन का खाता न हो। अगर खाता हो तो उस खाते की कुल रकम ₹30 लाख से अधिक ना हो।
Tax Benefits in Senior Citizen Saving Scheme 2024
आइए दोस्तों अब बात करते हैं सीनियर सिटीजन स्कीम के टैक्स बेनिफिट के बारे में। सीनियर सिटीजन सेविंग अकाउंट में जमा पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 C के तहत टैक्स की छूट मिलती है।
इस सेक्शन के तहत आने वाले सभी निवेशों और खर्चों के लिए डेढ़ लाख रुपए तक के योग पर सरकार टैक्स में छूट देती है जो कि सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, ईपीएफ जिसको कर्मचारी भविष्य निधि खाता बोलते हैं, पीपीएफ पब्लिक प्रोविडेंट फंड, एनएससी, राष्ट्रीय बचत पत्र, बैंकों की टैक्स सेवर एफडी, पांच वर्षीय पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट, जीवन बीमा प्रीमियम, खुद का या परिवार के किसी सदस्य का ईएलएसएस, टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड या दो बच्चों की पढ़ाई की फीस, होम लोन की किस्त इत्यादि।
इन सभी तरह के निवेशों और खर्चों को मिलाकर के हर साल जो है डेढ़ लाख रुपए तक टैक्स में छूट ली जा सकती है।
तो दोस्तों अब बात करते हैं कि इस स्कीम पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस कटौती के बारे में। 50 हज़ार रुपए से अधिक सालाना ब्याज पर टीडीएस कटौती का नियम है। सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में जमा रकम पर अगर साल भर में जो ब्याज है, ₹50,000 से अधिक होता है तो ब्याज की जो रकम है, वह टैक्सेबल होती है। मतलब यह है कि उस ब्याज की रकम पर बैंक या पोस्ट ऑफिस स्पॉट परसेंट यानी 10% टीडीएस काट लेता है।
लेकिन अगर ब्याज की उस रकम को मिलाकर भी आपकी कुल सालाना आमदनी ₹5 लाख से अधिक नहीं होती है यानी कि आपकी कुल आय, टैक्सेबल नहीं है तो आप टीडीएस कटौती को रुकवा भी सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस में जहां भी आपका अकाउंट है 15 जी या 15 एच फार्म भर कर के उस बैंक या पोस्ट ऑफिस की ब्रांच में जमा कराना होगा जहां पर आपका अकाउंट खुला हुआ है।
फार्म 15 जी को 60 वर्ष से कम उम्र वाले जो व्यक्ति होते हैं, निवेशक होते हैं उनको भरना पड़ता है और 15 एच को 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों को भर करके इसको जमा कराना होता है।
फार्म 15G और 15H जो है एक प्रकार का घोषणापत्र होता है जिसमें आप यह घोषित करते हैं कि आपकी सालाना आमदनी जो है, टैक्स देनदारी नहीं है। यानी कि आपकी टोटल इनकम टैक्सेबल नहीं है। इसलिए आपको मिलने वाले रिटर्न पर जो ब्याज मिलता है उस पर किसी तरह का कोई टीडीएस काटा ना जाए।
Maturity Value And Quarterly Interest On SCSS Account
दोस्तों जब भी हम किसी निवेश योजना में निवेश करते हैं तो सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट होता है कि उस निवेश पर हमें कितना अधिक फायदा होता है, हमें कितना अधिक रिटर्न मिलती है तथा उस पर हमें कितना अधिक ब्याज मिलता है।
तो दोस्तों लेख के इस सेक्शन में हम देखेंगे कि सीनियर सिटीजन स्कीम में कितना रुपया जमा कराने पर हमें कितना ब्याज मिलता है। तो आइए दोस्तों नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से हम देखेंगे कि सीनियर सिटीजन स्कीम में कितना रुपया जमा करने पर हमें हर तिमाही पर कितना ब्याज मिलता है।
कुल जमा राशि (रूपये ) | तिमाही ब्याज | कुल 5 साल बाद ब्याज |
---|---|---|
1000 | ₹ 20.50 | ₹ 410 |
5000 | ₹ 102.50 | ₹ 2050 |
10000 | ₹205 | ₹ 4100 |
50000 | ₹ 1025 | ₹ 20500 |
100000 | ₹ 2050 | ₹ 41000 |
500000 | ₹ 10250 | ₹ 204999.99 |
1000000 | ₹ 20500 | ₹ 409999.99 |
1500000 | ₹30750 | ₹ 614999.96 |
3000000 | ₹ 61500 | ₹ 1229999.9 |
Conclusion
तो दोस्तों ये थी post office Senior Citizen Saving Scheme-2024 या सीनियर सिटीजन अकाउंट सरकारी निवेश योजना के बारे में विस्तार में जानकारी जिसमें आपको अधिक रिटर्न के साथ साथ अपने निवेश पर सरकारी सुरक्षा की गारंटी भी मिलती है।
दोस्तों पोस्ट ऑफिस की सभी सरकारी स्कीमों के बारे में मैंने इस वेबसाइट पर काफी लेख डालें हैं। अगर आप उन सभी स्कीमों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे उन लेखों को पढ़ सकते हैं। इस योजना के संबंध में आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।