अगर पैसों का यह गेम समझ लिया तो जिंदगी में कभी पैसों की कमी नहीं सतायेगी- Finance In Hindi

Finance In Hindi: टाइम था साल 2010 का, इस टाइम तक Grant Cardone एक बहुत ही आम इंसान थे। आम लोगों के जैसे उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और लग गए एक सिंपल सी जॉब पर। इस जॉब का उन्होंने लगभग तीन सालों तक किया और इन तीन सालों में न तो उनको कोई प्रमोशन मिला, न उनकी सैलरी इन्क्रीज हुई और न ही उनको जरा सा कुछ अलग काम मिला जिससे वो एक नया एक्सपीरियंस ले पाते। 

यहां पर लगभग डेली 9 से 10 घंटे लगाकर वो बहुत परेशान हो गए थे क्योंकि इनकम उनकी नहीं बढ़ाई गई, लेकिन इस महंगाई के चलते उनका डेली का खर्चा भी बहुत मुश्किल से निकल पा रहा था। यहां पर Grant Cardone एक तो पहले से ही परेशान थे और उनकी इस आग में घी डालने का काम उनके बॉस ने किया। 

एक दिन वो उनसे आकर ये बोले Grant  देखो तुम्हारी इस कंपनी में कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हमने एक नया एम्प्लॉई हायर कर लिया है, जो कम टाइम में तुमसे भी अच्छा आउटपुट दे सकता है। अब यहां पर उनको न चाहते हुए भी अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ गया। 




Grant Cardone अभी 24 साल के थे तो जॉब चले जाने के बाद वो अपने मॉम डैड के पास वापस आ गए। आपको पता होगा अमेरिका में जब बच्चे 22 साल के हो जाते हैं तो वो अपने मॉम डैड की मर्जी से अपना घर छोड़ देते हैं ताकि वो सेल्फ डिपेंडेंट बन सकें और किसी भी तरह की मदद के लिए उनको घरवालों की जरूरत न पडे। पर Grant Cardone के साथ यहां पर बिल्कुल उल्टा ही हो रहा था। 

24 साल की उम्र में वह अपने मां बाप के भरोसे रह रहे थे और इस तरह की शर्मिंदगी झेलने के बाद भी उन्हें मजबूरन वहां पर रहना पड़ा क्योंकि उनके बैंक में बचत के नाम पर सिर्फ दो डॉलर ही थे। एक दिन तो उनके डैड ने खुद ही ये बात बोल दी, देखो बेटा, मेरी बात का बुरा मत मानना। पर मुझे एक बात बताओ कि आखिर कब तक? कब तक तुम हमारे सहारे जीते रहोगे? जब भी मैं कहीं बाहर निकलता हूं तो चार लोग मुझे ही ताना देते हैं और बोलते हैं कि आपका बेटा इतना बडा हो गया है, फिर भी कुछ नहीं कर पा रहा। ऐसा और कब तक चलेगा बेटा ? जवाब तो मुझे। 

अब ये बात उनको कुछ ज्यादा ही चुभ गई। तभी से उन्होंने यह निश्चय  कर लिया कि 30 साल की उम्र तक सबको मैं फाइनेंशियली फ्री होकर दिखाऊंगा। फिर भले ही मुझे इसके लिए कितनी ही मुश्किलें क्यों न झेलनी पडे। उन्होंने अपने डैड से कुछ और टाइम मांगा और खुद को ट्रेंड करना शुरू कर दिया। सबसे पहला स्टेप उन्होंने नॉलेज गेन करने का लिया। वो लाइब्रेरी जाते और बिजनेस, फाइनेंस और सेल्फ हेल्प इस तरह की बुक्स वो बहुत ध्यान से पढते। 



सबसे पहले तो उन्होंने अपना फर्स्ट इम्प्रेशन कैसे जमाना है इस कला को सीखा ताकि उनको एक अच्छी कंपनी के अंदर जॉब मिलने में आसानी हो सके। फिर जब उनका इंटरव्यू पास आया तो इस कला की वजह से उन्होंने इंटरव्यू क्रैक कर लिया। 

अब Grant Cardone फुल टाइम वर्कर एक अच्छी जॉब पर लगे हुए थे, लेकिन उनका मेन गोल इससे कहीं ज्यादा था। इसलिए वो यहीं तक सीमित नहीं रहे। इसके साथ में उन्होंने अपने एक दोस्त की मदद ली और एक साइड हसल शुरू कर दिया। शुरुआत में उनको ये सब करना बहुत मुश्किल लग रहा था क्योंकि अब उनको अपने साइड हसल के लिए ओवरटाइम करना पड़ रहा था। पर फिर भी वो इस सबको ऐसे ही झेलते गए क्योंकि 30 की ऐज तक एक मिलियन बनना उनका बर्निंग डिजायर था और ये डिजायर उनको किसी भी हाल में पूरा करना था। 

अब वो अपना खर्चा अपने साइड हसल के पैसों से चलाने लगे और जॉब से उनको जो भी सैलरी आती उसे वो स्टॉक मार्केट में लगा देते थे। फाइनली वो 30 की उम्र तक एक मिलेनियर बन ही गए। अब उनके पास एक मिलियन डॉलर्स कंप्लीट हो चुके थे पर उनके लिए ये सब करना बहुत ही मुश्किल था। 

इसलिए उन्होंने इस दौरान जो भी एक्सपीरियंस किया, जो जो नॉलेज ली, और क्या क्या  दिक्कत उनको फेस करनी पडी उसके ऊपर एक पूरी बुक लिख दी उन्होंने जिसमें उन्होंने डिटेल में डिस्क्राइब किया है कि कैसे उन्होंने 30 साल की उम्र में ही फाइनेंशल फ्रीडम अचीव कर ली। तो आज के इस आर्टिकल में हम उन्हीं की बुक्स से कुछ ऐसे लेसंस के बारे में जानने वाले हैं, जो जीरो से शुरू करके फाइनेंशियल फ्रीडम तक कैसे पहुंचना है, इसका एक रोड मैप आपको दिखा देगा। तो चलिए शुरू करते हैं।  


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ग्रैंट अपनी बुक के अंदर बताते हैं कि एक इंसान अगर जीरो पर खड़ा हुआ है तो उसको फाइनेंशियल फ्रीडम पाने के लिए इन सात स्टेजेस से गुजरना होगा। 


  • इसमें पहली स्टेज है clarity। यहां पर आपको ये पता करना होगा कि अभी के टाइम के हिसाब से फाइनेंस के मामले में आपकी कंडीशन कैसी है। आप अपनी जॉब या बिजनेस से कितना पैसा अलग रख पा रहे हो और इसी बिहाफ पर फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होने के लिए आपको कहां तक पहुंचना है? 
  • दूसरी स्टेज है self-efficacy। ये वो स्टेज है जहां पर आप अपनी महीने की कमाई से बिना किसी दिक्कत के सारे खर्चे मैनेज कर पाते हो। 
  • तीसरी स्टेज है breathing room। यहां आने के बाद पूरी तरह से आप सिर्फ सैलरी के भरोसे नहीं हो। मतलब अगर आपकी सैलरी आपको कुछ दिन ना भी मिले तब भी आपका गुजारा चल जाए। 
  • चौथी स्टेज है stability। यहां पर आपके पास में इतने पैसे हो जाते हैं कि खुदा न खास्ता अगर किसी वजह से आपकी जॉब चली गई या बिजनेस आपका बंद पड़ गया तो छह महीने तक बिना कुछ किए आप सर्वाइव कर सकते हो। 
  • पांचवी स्टेज है flexibility। यहां पर आकर आपकी टेंशन बहुत कम हो जाती है। न तो आपके सर पर कोई कर्जा होता है , न फैमिली के खर्चों की चिंता होती है। प्लस कुछ जगह पर आपका पैसा इन्वेस्ट भी हुआ होता है जो  टाइम के साथ साथ कंपाउंड होता रहता है।
  • छठी स्टेज Financial Independence है। ये वो स्टेज है जहां पर आप जैसी चाहो वैसी लाइफ जी सकते हो। यहां पर आपको कुछ खरीदने के लिए उसका प्राइस देखने की जरूरत नहीं होती। आप जो चाहे वो खरीद सकते हो और जहां चाहे वहां घूम सकते हो। मतलब कि इसमें आपको ये ऑप्शन मिल जाता है कि बिना कोई काम किए अपनी इन्वेस्टमेंट से आप सारे खर्चे मैनेज कर सकते हो। 
  • फाइनली सातवां स्टेज है Ambudance of Money। ये वो आखिरी स्टेज है जहां पर आप इतने अमीर हो जाते हो कि पैसा कमाने के बारे में आपको कभी सोचना न पडे और आपकी जो आने वाली पीढी है वो भी एक अच्छी लाइफ जी सके। अब इसके आगे मैं जो पॉइंट्स आपको बताने जा रहा हूं उनको बहुत ध्यान से पढ़ना क्योंकि हो सकता है इसमें आपको अपना खुद का माइंड भी लगाना पडे। 



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Step1. Decide How Much Money You Need


30 साल की उम्र तक Grant एक मिलेनियर बन गए थे, जो कि उनकी फैमिली की नजरों में उनके लिए बहुत प्राउड की बात थी। क्योंकि एक मिलियन डॉलर एक बहुत ही बडा अमाउंट है। पर Grant की नजरों में इतना बडा अमाउंट नहीं था जो उनको हमेशा खुश रख सके। उन्होंने इसके लिए फिर यह सोच लिया कि स्टॉक मार्केट की इन्वेस्टिंग वो जारी रखेंगे क्योंकि इतने सारे पैसों पर उनको रिटर्न भी काफी अच्छी मिल रही थी। 

उनके एक मिलियन डॉलर्स पर उनको आठ पर्सेंट का इंटरेस्ट मिल रहा था, जो कि अपनी मर्जी मुताबिक लाइफ जीने के लिए काफी था। पर फिर भी उन्होंने फालतू खर्च करने से खुद को बचाए रखा और जितना उनको जरूरत थी, सिर्फ उतना ही पैसा खर्च किया। उनके हिसाब से उनके लिए इस प्रॉफिट का चार परसेंट ही काफी था और बाकी का बचा हुआ पैसा भी वह उसी स्टॉक मार्केट में लगाते गए। 

एक मिलियन डॉलर्स के साथ उनका प्रॉफिट उनको और भी प्रॉफिट दे रहा था जिसे वो बिना कुछ किए अपने पैसे को लगातार बढाते गए। अब इस फॉर्मूले को हम कैसे यूज कर सकते हैं थोडा ये जान लेते हैं। यह पता करने के लिए कि आपको कितने पैसे चाहिए होंगे फाइनेंशियली फ्री बनने के लिए तो आपको अपने सालाना खर्चों को कैलकुलेट करना होगा और फिर उसको 25 से मल्टीप्लाई करना होगा। 

जैसे मान लो आपका सालाना खर्च ₹2 लाख है। इसको अगर आप 25 से मल्टीप्लाई करोगे तो टोटल निकल कर आएगा ₹50 लाख। मतलब ₹50 लाख आपको फाइनेंशियली फ्री होने के लिए चाहिए होंगे। यह पैसा आप स्टॉक मार्केट में लगाकर हर साल ₹2 लाख बिना कुछ किए कमा सकते हो। क्योंकि इंडिया में भी आपको स्टॉक मार्केट में कम से कम 7 से 8 परसेंट का इंटरेस्ट तो मिल ही जाएगा। 


Step 2 Calculate Your Net Worth

पैसा हमारा एक ऐसा प्रोसेस है जो कंटीन्यूअस चलता रहता है। पर इस प्रोसेस का जो एक मेन पार्ट है उसे कई लोग इग्नोर कर देते हैं। जिसके चलते उनको यह पता ही नहीं चल पाता कि उनकी स्किल या फिर उनके काम की एक्चुअल वैल्यू क्या है। ये पार्ट है आपकी नेटवर्थ को कैलकुलेट करना यानी कि आपकी अभी की फाइनेंशियल कंडीशन के हिसाब से आपकी नेटवर्थ कितनी है, आपको यह पता होना चाहिए क्योंकि हर किसी के केस में यह अलग अलग होती है। 

Grant  इसको कैलकुलेट करने का एक फॉर्मूला बताते हैं, जो है asset +liability.  एसेट्स मतलब वो चीजें जो आपकी लाइफ में वैल्यू ऐड करती हो यानी कि आपकी प्रॉपर्टी, बैंक बैलेंस, गोल्ड, कोई  यूजफुल गैजेट, एक्सट्रा। लायबिलिटीज मतलब लोन, ईएमआई या फिर कोई ऐसी उधारी जिसके लिए आपको ब्याज देना पडता है। 

अब यहां पर आपको एक exact figure निकालने के लिए एक टेबल बनानी है। उसमें अपने एसेट्स और लायबिलिटीज को ऐड करना है और देखना है कि कहां कहां से आपको एक साल के अंदर प्रॉफिट होता है और कहां कहां पैसा खर्च होता है। इससे आपका फिगर आपके सामने आ जाएगा कि साल भर के लेनदेन के बाद आपके पासआखिर में कितने पैसे बचते हैं। 

अगर आपकी सालाना इनकम ₹5 लाख है तो कैलकुलेशन के बाद शायद 2 या फिर 3 लाख ही बचे। या ऐसा भी हो सकता है कि इससे भी कम निकले। Grant बोलते हैं कि यह कैलकुलेशन करना हमारे लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि इसी को एनालाइज करके हम एसेट्स को बढ़ा और लायबिलिटीज को कम कर सकते हैं। इसलिए यह हर महीने आपको जरूर कैलकुलेट करनी चाहिए और इससे आप यह भी जान पाएंगे कि अपनी फाइनेंशियल फ्रीडम के आप कितने दूर हो। 


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Step 3 Value Your Time 

Grant जब अपने खराब हालातों से गुजर रहे थे तो उन्होंने उस वक्त एक बात नोटिस की और वह बात यह थी कि कभी कभी एक्साइटेड होकर वह कुछ चीजें ऐसी भी खरीद लेते थे, जिसमें उनकी 50 परसेंट सैलरी या कभी कभी तो 80 परसेंट सैलरी चली जाती थी। पर वह इस पर ध्यान ही नहीं देते थे और यही रीजन था कि महीने के आखिर तक आकर उनकी सैलरी पूरी सफाया हो जाया करती थी। 

तो यह गलती हमसे न हो इसलिए वह हमको यह बताते हैं कि अगर आप कुछ भी ऐसा खरीदते हो जो आपको पसंद है तो उसे खरीदने से पहले आपको यह सोचना चाहिए कि इस प्रोडक्ट की  जो प्राइस है, उतने पैसों को कमाने में आपको कितने दिन, कितने हफ्ते या फिर कितने महीने लग जाएंगे। 

जैसे अगर आपकी सैलरी मान लो 20 हज़ार रुपए है और आप 1 लाख वाले फोन को  रख रहे हो तो इसमें आपकी लगभग 150 दिन की कमाई एक ही बार में लग जाएगी। मतलब कि आपको इसकी रिकवरी के लिए 150 दिन एक्स्ट्रा काम करना होगा। लेकिन देखो इससे मेरा यह मतलब नहीं है कि अगर आपको कुछ महंगा पसंद आ जाता है तो आप मत खरीदो। जो भी कुछ आपको पसंद आता है वह आप खरीद सकते हो। पर बेहतर होगा अगर वह प्रोडक्ट आपकी सैलरी का 20 परसेंट या फिर मैक्सिमम 30 परसेंट लेता हो। क्योंकि फिर वह पैसा कमाने के लिए आपको डबल मेहनत नहीं करनी पड़ेगी और आपका टाइम भी बच जाएगा। 


Step 4 Find The Problem And Earn From It  

Grant की एक दोस्त थी जो ग्राफिक डिजाइनिंग का काम करती थी पार्ट टाइम के लिए। इसमें उनकी सैलरी 50 हज़ार डॉलर थी। पर इतनी सैलरी होने के बावजूद भी वह फाइनेंशियली स्ट्रगल कर रही थीं क्योंकि Grant की तरह उनको अपना पैसा मैनेज करना नहीं आता था। फिर अपने आप को थोडा और बिजी रखने के लिए उन्होंने यह डिसाइड किया कि वह अपनी जॉब के साथ साथ एक साइड बिजनेस भी करेंगी और यहां वहां ध्यान न भटकाते हुए अपने खर्चे कंट्रोल करेंगी। 

उन्होंने फिर इस बारे में खोजबीन शुरू कर दी और उन्होंने इस दौरान एक बहुत ही यूनीक प्रॉब्लम नोटिस की। उनके इलाके के मैक्सिमम लोग जॉब करने वाले थे। इसी वजह से उनका जो वर्किंग टाइम था वह एकदम फिक्स था और इसी वर्किंग टाइम की वजह से वो अपने पालतू जानवरों को घुमा नहीं पा रहे थे। तो ग्रैंट की दोस्त ने इस चुनौती को पकडा और इसी को बिजनेस बना लिया। 

उन्होंने लोगों को यह भरोसा दिलाया कि जब आप काम पर हो। इस दौरान वह उनके पेट्स को संभाल सकती है और वॉक वगैरह करासकती है। और उनके इस आइडिया पर काफी लोग खुशी से एग्री हो गए। अब यहां पर वो लोगों के पेट्स को वॉक पर ले जाती हैं जिसके बदले में वो लोग उनको एक पर्टिकुलर अमाउंट देते हैं। शुरू में तो उन्होंने ये काम बिल्कुल अकेले ही किया। 

फिर धीरे धीरे उन्होंने इस काम के लिए कुछ और लोगों को हायर कर लिया। अब ये काम उनका इतना अच्छा चल पड़ा कि उनको यहां से इतना पैसा आने लगा जितना वो अपनी जॉब से भी नहीं कमा रही थीं। तो इससे Grant हमको यह बताना चाह रहे हैं कि आज के टाइम में पैसे कमाने के इतने तरीके हैं जिनकी कोई गिनती नहीं है। और इसमें भी ऐसा नहीं है कि हर काम के लिए आपको फुल टाइम ही देना पडेगा। 

कई सारी ऐसी स्किल्स हैं जिन्हें सीखकर आप कम टाइम में बहुत पैसे कमा सकते हो। आपको बहुत सारे ऐसे एग्जाम्पल मिल जाएंगे जिन्होंने टाइम निकालकर कोई साइड बिजनेस शुरू किया और बाद में उनका यही साइड बिजनेस उनका मेन काम बन गया। 


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Step 5 Invest Early 

अब देखो अगर आप जॉब कर रहे हो और साइड हसल के तौर पर आपने कोई और काम भी करना शुरू कर दिया तो हो सकता है ये तरीका आपको फाइनेंशियली स्टेबल जरूर बना दे। लेकिन ये फाइनेंशियली फ्री नहीं बना पाएगा। क्योंकि फाइनेंशियल फ्रीडम आपको सिर्फ एक ही चीज से मिल सकती है और वो है इन्वेस्टिंग। 

और यही सेम एडवाइस हमको ग्रांट भी करते हैं, क्योंकि इन्वेस्टिंग ही एक ऐसी चीज है जिसके जरिए आप बिना कोई काम किए भी पैसे कमा सकते हो। और इस चीज का हमारे पास एक बहुत बडा एग्जाम्पल है वॉरेन बफेट क्योंकि उन्होंने अपनी जिंदगी में सबसे ज्यादा पैसा इन्वेस्टिंग से ही कमाया है। 

इसलिए जितनी जल्दी आप अपने अंदर इन्वेस्टिंग की आदत डालोगे, उतना ही जल्दी फाइनेंशियल फ्रीडम के आप करीब आते जाओगे। और ऐसा नहीं है कि इन्वेस्टिंग के लिए आपके पास सिर्फ स्टॉक मार्केट ही एक तरीका है। इसके अलावा भी बहुत से ऐसे तरीके हैं, जहां से अच्छी रिटर्न निकाली जा सकती है।

Vinod Pandey

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