सिर्फ 5 साल ऐसा बजट बना लो Financial Freedom के लिए, बुढ़ापा मज़े में कटेगा - Financial Education in Hindi

लगभग हर इंसान का यही सपना होता है कि मैं भी अपनी लाइफ में एक दिन फाइनेंशियली फ्री बन सकूं। न मेरे पास काम का कोई लोड हो और न ही टाइम की चिंता हो। मैं जहां चाहे वहां जा सकूं और जो चाहे वो खरीद सकूं। लेकिन अक्सर लोग यह सोचकर बैठ जाते हैं कि जब तक यह टाइम आएगा ना तब तक तो हम रिटायर होकर बूढ़े हो चुके होंगे। और उस टाइम पर मान लो हमको ये सब ऐशो आराम मिल भी गया तो क्या ही फायदा। न ही हम अपने इस पैसे का ज्यादा फायदा उठा पाएंगे और ना ही फ्री टाइम के मजे ले पाएंगे। 

पर क्या ये वाकई में रियैलिटी है कि आपको फाइनेंशियली फ्री होने में बुढ़ापा देखना पड़ जाएगा? शायद नहीं। ऐसा क्यों होता है इसका मैं आपको रीजन बता देता हूं। PGIM Retirement Readiness Survey 2020 जो कि आठ मेट्रो और सात नॉन मेट्रो सिटी के 3000 लोगों पर कंडक्ट हुआ था, उसमें यह शो किया गया की लगभग आधे से ज्यादा इंडियंस जो पहले ही फाइनेंशियली फ्री होने पर बुढ़ापे वाली सोच रखकर बैठ जाते हैं, वह टाइम रहते अपनी किसी भी तरह की फाइनेंशियल प्लानिंग पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते। 

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जिससे वह थोड़ा थोड़ा ही पैसा बचा पाते हैं और लास्ट में वही सब उनके साथ होता है, जो वह सोच रहे थे। इस सर्वे में यह भी मेंशन किया गया कि सिर्फ 52 % लोगों को ही आइडिया होता है कि रिटायरमेंट के लिए उन्हें आखिर कितने पैसे चाहिए। जबकि बाकी 48% को अपने रिटायरमेंट वेल्थ के बारे में कोई अंदाजा नहीं होता। आई होप यह रीजन है कि आखिर क्यों लोग फाइनेंशियल फ्रीडम अपने बुढ़ापे तक अचीव कर पाते हैं या कई लोग तो वो भी नहीं कर पाते। 

पर दोस्तों अभी अगर आप अपने 20s  में हैं तो यकीन मानना अभी आपके पास जो टाइम है ना वह आपका बहुत बड़ा हथियार है। इसी उम्र में फाइनेंशियल प्लानिंग करके अगर आपने इसको यूटिलाइज कर लिया तो डेफिनेटली आपको फाइनेंशियल फ्रीडम अचीव करने के लिए फिर बुढ़ापा नहीं देखना पड़ेगा। 

यहां मैं आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहा हूं जिसकी हेल्प से आप बिना खुद पर ज्यादा प्रेशर डाले काफी ज्यादा पैसे बचा पाएंगे। आखिर का जो तरीका मैंआपको बताऊंगा वह तो आपका यह काम और भी आसान कर देगा। इसीलिए इस आर्टिकल को पूरा और अंत तक बहुत ध्यान से पढ़ियेगा। तो  करते हैं। 


1. Make a Measurable Goal  

एक क्रिकेट मैच में पहली इनिंग में बैटिंग करने वाली टीम एक स्कोर खड़ा करती है। जिसको दूसरी इनिंग में सामने वाली टीम को हर हाल में कंप्लीट करना होता है। अब जरा आप इमैजिन करो कि इस क्रिकेट गेम में अगर स्कोर नाम की कोई चीज ही नहीं होती तो यह गेम फिर कैसा होता। स्कोर के बिना यह गेम इतना अधूरा सा लगता कि आप इमैजिन भी नहीं कर सकते। 

सेम केस इस गेम के साथ-साथ आपकी लाइफ पर भी अप्लाई होता है। बिना गोल के आपकी लाइफ एकदम मीनिंग लेस है, बिल्कुल अधूरी सी है। आपको वह हर इंसान अपनी लाइफ में कन्फ्यूज मिलेगा जिसे यह नहीं पता होगा कि उसे अपनी लाइफ में आखिर करना क्या है। 

देखो, आप अगर यह सोच भी लेते हैं कि आपको रिटायरमेंट से पहले फाइनेंशियली फ्री हो जाना है, तो इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला, क्योंकि फाइनेंशियली फ्री होना आपका एक विजन है कोई गोल नहीं है। आपका गोल वह होगा, जब आप यह डिसाइड करोगे कि किस एज तक आकर आपको कितने पैसों तक पहुंचना है। 

जैसे उदारहण के लिए किसी की उम्र अभी 23 साल की है और वह ₹20,000 महीना कमाता है। अब अगर वह यह गोल सेट कर लेता है कि 25 साल की एज तक मैं अपनी स्किल्स को इतना डेवलप कर लूंगा कि उस टाइम पर मेरी मंथली इनकम 20,000 न होकर के ₹50,000 हो जाए तो उसको फिर अपने लिए एक बहुत ही बड़ा रीजन मिल जाएगा कि आखिर क्यों उसको अपनी स्किल्स को इंप्रूव करते रहना है। 

जैसे ही वह 25 में आकर 50 की इनकम तक पहुंच जाए तो फिर वह 27 या फिर 30 साल की इनकम का गोल सेट कर लेगा। इस तरह से अपनी एज के हिसाब से अगर आप गोल सेट करते चले जाओगे तो थर्टी फोर्टीज तक आप खुद को इतना इम्प्रूव कर चुके होगे कि आपकी इनकम लाखों तक पहुंच जाएगी। 


2. Record Your Expenses Between Online and Offline 

पहले के टाइम की अगर मैं बात करूं तो आपको पता होगा कि उस टाइम पर जब भी हम कोई चीज खरीदने जाते थे तो हमको बहुत दूर दूर तक चलना पड़ता था। अलग अलग जगहों पर अच्छे से छानबीन करके हम चीजें खरीदते थे ताकि हम लुटकर न आ जाएं। आज इस मॉडर्न टाइम ने इन दूर दराज के कामों को लगभग खत्म ही करके रख दिया है। 

आज अगर हमको कोई भी चीज खरीदनी होती है तो बस फोन निकाला, ऑर्डर मारा और वह घर पर आ गया। जहां एक तरफ यह हमारे इस काम को आसान कर रही है वहीं दूसरी तरफ यह हमारे बजट के लिए श्राप साबित हो रही है। क्योंकि जब भी आप कुछ ऑनलाइन खरीदते हो तो फिक्स प्राइस होने की वजह से आप उसकी एक्चुअल वैल्यू का अंदाजा नहीं लगा पाते। 

हो सकता है जो चीज आपको ऑनलाइन 5000 की मिल रही हो वह कहीं ऑफलाइन 3000 की हो। पर इन चीजों को हम यह सोचकर कंप्लीटली इग्नोर कर देते हैं कि यार कौन इधर उधर धक्के खाकर अपना टाइम बर्बाद करें। यह बात सही है कि पैसों से ज्यादा वैल्यू टाइम की होती है, लेकिन इस चक्कर में अगर आप अपनी आंखें बंद करके धड़ाधड़ ऑनलाइन शॉपिंग किए जा रहे हो तो विश्वास करिए कुछ ही सालों में आप इतना फालतू पैसा वेस्ट कर चुके होगे जो आप इमैजिन भी नहीं कर सकते हैं। 

और अगर अभी आपको एक लाइव एग्जाम्पल देखना है तो अपने ई कॉमर्स प्लैटफॉर्म की शॉपिंग हिस्ट्री में जाओ और जितनी भी चीजें आपने अब तक ऑनलाइन खरीदी हैं, उन सभी चीजों को आप ऑफलाइन मिल रही चीजों से कंपेयर करके देखो। मैं गारंटी देता हूं कि यह देख कर आपकी आंखें खुली रह जाएंगी। 

आप लोगों को यह सब चीजें बताने का मेरा यह बिल्कुल मतलब नहीं है कि आप ऑनलाइन शॉपिंग ही बंद कर दो। नहीं, ऑनलाइन शॉपिंग आप उन चीजों की कर सकते हो जिन्हे आपको लगता है कि इस चीज का  ऑफलाइन मिल पाना बहुत मुश्किल है? या फिर वो चीज़ ऑफलाइन महँगी मिल रही हो। यकीन मानिए, इस छोटी सी हैबिट को बदल लेने से ही आप अपना बहुत पैसा बचा पाओगे। 



3. Find Ways to Cut Spending 

दोस्तों, अगर बहुत कोशिश करने के बाद भी आप पैसा सेव नहीं कर पा रहे तो फिर आपके पास दो रास्ते होते हैं। या तो कैसे भी करके अपनी इनकम को बढ़ाना या फिर अपने खर्चों को कम कर लेना। ऐसे में अगर आपका कोई ऐसा काम है जिसमें आपको एक फिक्स सैलरी मिलती है तो आपके लिए फिर जल्दी आपकी इनकम बढ़ा पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। 

अभी जब तक आपके पास कोई दूसरा सोर्स ऑफ इनकम नहीं आ जाता तब तक आपको दूसरा रास्ता चुनना पड़ता है जो है अपने खर्चों को कम करना। इससे पहले आपको अपनी लाइफ में थोडा सा ट्विस्ट लाना है। मतलब अगले महीने तक आपको वैसे ही नॉर्मल खर्च करना है जैसे आप करते आ रहे हो। इस बार सिर्फ एक महीने तक आपने जो भी छोटे से बड़ा सामान लिया है सबकी दिन के आखिर में आकर एक लिस्ट बनाते रहना। 

ठीक एक महीने के बाद जब आप उन 30 दिनों की लिस्ट देखोगे ना तो आप डेफिनेटली चौंक जाओगे क्योंकि वहां पर आपको कई इस तरह के खर्चे दिखाई देंगे जो बिल्कुल जरूरी नहीं थे। किसी वेब सीरीज या मूवी प्लैटफॉर्म का आपने सब्सक्रिप्शन लिया हुआ है। कुछ चीजें आपने सिर्फ यूं खरीद ली क्योंकि वो आपके दोस्तों ने खरीदी हैं। और भी बहुत सारी चीजें आपको मिल जाएंगी। 

सिर्फ एक महीने में ही आपको यह पता चल जाएगा कि बजट बनाकर चलना आपके लिए कितना इम्पोर्टेन्ट है। पर जब भी बात बजट बनाने की आती है तो हमको ये समझ ही नहीं आता कि इसकी शुरुआत कैसे करें। कैसे अपने खर्चों को फिक्स करें कि हमको ज्यादा दिक्कत ना हो। अगर आपको भी यही चीज परेशान करती है तो आप एक गोल्डन रूल इस्तेमाल कर सकते हो जो है 70-20-10। 

यहां पर आपको क्या करना है, आपकी जितनी भी इनकम है उसका 70 परसेंट तो आपको रेंट देने, बिल्स भरने और डेली खर्चों वाली खाने पीने की चीजों में निकालना है। इसके बाद जो 30 परसेंट आपके पास इनकम बची है उसका लगभग 15 से 20 परसेंट आपको अपनी सेविंग्स में डालना है। बाकी जो आपके पास 10 परसेंट बचता है उससे आप अपने डिजायर पूरे कर सकते हो। 

अगर आपके डेली खर्चे कम हैं, पर आप पर कर्ज बहुत ज्यादा है तो अपने हिसाब से आप इस परसेंटेज को ऊपर नीचे भी कर सकते हो। बाकी इसके अलावा एक बहुत ही इम्पोर्टेन्ट चीज। अगर जब भी आपको कोई महंगी चीज खरीदने का मन करे तो उस चीज को खरीदने से पहले आप सिर्फ 15 दिनों तक का इंतजार कर लेना। 

अगर 15 दिनों के बाद भी आपको वो चीज खरीदना उतना ही इंपॉर्टेंट लग रहा है जितना पहले लग रहा था तो फिर आप उसे बिलकुल खरीद लीजिये। वरना इतने दिनों तक सब्र रखने के बाद आपको रियलाइज हो जाता है कि जो चीज आपको ऑन द स्पॉट बहुत इम्पोर्टेन्ट लग रही थी वो उतनी होती नहीं है। 



4. Automate Your Savings 

मान लेते हैं आपने बजट वगैरह सबकुछ बना लिया है और आप कुछ पैसे निकालकर उसको सेव कर पा भी रहे हो। लेकिन एक महीने आप सेविंग्स के पैसे अलग निकालकर रख लोगे, दो महीने रख लोगे, तीन महीने तक भी रख लोगे पर लगातार  रूटीन पर टिके रह पाना आपके लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा। 

एक टाइम पर आकर आपकी जो भी मोटिवेशन होगी वो थोड़ी कम होने लग जाएगी और उस टाइम पर शायद आप ये सोचकर अपना आइडिया ड्रॉप कर दो कि इतने खर्चों के बाद सेविंग्स कर पाना मेरे बस का नहीं है। इसीलिए अगर आपको लॉन्ग टर्म तक बिना किसी दिक्कत के अपनी सेविंग्स को कंटीन्यू रखना है तो आपको अपनी सेविंग्स को ऑटोमेट करना होगा। 

मतलब कि आपको कोई ऐसा रास्ता निकालना होगा कि आपका पैसा सेव तो होता रहे, पर आपकी नजरों में न आए। जैसे अगर आपकी इनकम आपके बैंक अकाउंट में आए तो ऑटोमेटिकली उसका 10 से 20 परसेंट डिटेक्ट होकर कहीं और सेव हो जाए। कहीं और जाकर वो सेव हो या किसी चीज में इन्वेस्ट हो जाए ये आपकी मर्जी हो। 

ये चीज बस आपको शुरुआत में थोड़ी सी अजीब लग सकती है। एक बार इसकी आदत पड़ जाने के बाद आपके पास बाकी जितने भी पैसे होंगे आप उन्हीं से अपना बजट बना लेंगे। 


Bottomline

तो दोस्तों इन तरीकों से अगर आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग करके चलते हो तो आप अपने बहुत पैसे बचा पाओगे और फाइनेंशियली फ्री होने के लिए आपको फिर अपना बुढ़ापा देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। शॉर्ट में इन चारों प्वाइंट्स को summarize कर देता हूं ताकि ये अच्छे से आपके माइंड में बैठ जाएं। 

  • नंबर एक अपना फाइनेंशियल गोल सेट करो। बिना मंजिल गाड़ी लेकर निकल जाओगे तो रास्ते में ही भटक जाओगे। इसलिए टाइम टू टाइम अपने स्किल्स के हिसाब से अपने गोल सेट करते रहो। 
  • नंबर टू ऑनलाइन और ऑफलाइन में फर्क जानो। हर चीज ऑनलाइन बाय करने से बचो और थोड़ा दिमाग से काम लो। ऑनलाइन आप तभी कुछ खरीदो जब वो चीज आपके लिए ऑफलाइन मिलना मुश्किल हो। 
  • नंबर तीन अपनी स्पेंडिंग पर ध्यान दो। आप अपने पूरे महीने के खर्चों को ट्रैक करो और ये देखो कि आप कितने फालतू पैसे खर्च कर रहे हो। इन्हें ध्यान में रखकर एक बजट बनाओ और उसके हिसाब से चलो। 
  • नंबर चार अपने बचे हुए पैसों को अपनी नजरों में मत आने दो। कोई ऐसा तरीका ढूंढो जिसे आपका सेव करने के लिए पैसा निकलता भी रहे और आपकी नजरों में भी न आए। 


तो दोस्तों ,मैं उम्मीद करता हूं कि आज के इस आर्टिकल की नॉलेज आपके बहुत ज्यादा काम आएगी। अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद। 

Vinod Pandey

About the Author: Vinod is an experienced content writer with over 7 years of experience in crafting engaging and informative articles. His passion for reading and writing spans across various topics, allowing him to produce high-quality content that resonates with a diverse audience. With a keen eye for detail and a commitment to excellence, Vinod consistently delivers top-notch work that exceeds expectations.

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