स्टीवन बार्टलेट का जन्म अफ्रीका के बोत्सवाना में हुआ था। मां उनकी नाइजीरियन थी और पिता उनके एक इंग्लिश मैन थे। उनकी मां ने सात साल की उम्र से ही अपना स्कूल छोड़ दिया था, इसलिए उनको पढ़ना लिखना नहीं आता था। लेकिन उनके पिता पढ़े लिखे थे और वो स्ट्रक्चरल इंजीनियर का काम करते थे। स्टीवन सिर्फ दो साल के थे जब उनके पेरेंट्स बोत्सवाना से यूके आ गए।
यहां पर आकर उनकी मॉम और उनके डैड दोनों ने अलग अलग जॉब पकड़ ली और दोनों स्टीवन को घर में अकेला छोडकर पूरे दिन जॉब पर रहते थे। वो बताते हैं कि 10 साल के उम्र तक, जब बच्चे अपने पैरेंट्स के लाड प्यार में बड़े होते हैं, उस टाइम उनके पेरेंट्स उनके साथ मौजूद ही नहीं रहते थे। सुबह हो या रात स्टीवन खुद को बिना माता पिता के बहुत अकेला महसूस करते थे।
मां बाप के अलग अलग जॉब करने के बाद भी वो फाइनेंशियली स्टेबल नहीं हो पा रहे थे। इसी वजह से स्टीवन अपनी फैमिली बैकग्राउंड से बहुत शर्मिंदगी महसूस करते थे। उन्होंने बहुत ही कम उम्र से यह सोचना शुरू कर दिया कि इस सिचुएशन से मैं बाहर कैसे निकल सकता हूं और इसी के चलते उन्होंने स्कूल के दिनों में ही अलग अलग काम पकड़ने शुरू कर दिए थे ।
उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल से बात की और अपनी फैमिली के हालात के बारे में बताया तो प्रिंसिपल ने उनको स्कूल के अंदर ही काम ऑफर कर दिया। काम ये था कि उन्हें अपने स्कूल के आने वाले हर इवेंट को ऑर्गनाइज करना था जो कि उन्होंने काफी अच्छे तरीके से उनको करके भी दिखाया। इसके बाद फिर उन्होंने लोकल कंपनी से अपने स्कूल में वेंडिंग मशीन इंस्टॉल करने की डील की। इस डील से उनको 20 परसेंट प्रॉफिट तो मिल ही रहा था और इसी के साथ उनको थोडा बहुत कमीशन भी आ रहा था।
स्टीवन खुद को अचानक से इतने पैसे कमाता देख बहुत खुश थे पर इसके चक्कर में जब वो 14 साल की उम्र तक आए तो यहां पर आकर उनको अपनी स्कूल की पढाई से मन हटने लग गया। मतलब कि वो पैसे कमाने के चक्कर में इतना मगन हो गए कि वो पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे। इसके चलते उनको टीचर से कई बार पनिशमेंट भी मिली और एक दो बार तो उनको स्कूल से सस्पेंड भी कर दिया गया। पर जैसे तैसे करके उन्होंने अपनी स्कूलिंग पूरी की और मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया।
पर एडमिशन लेने के दूसरे दिन ही उन्होंने वहां से ड्रॉप ले लिया। उनको पैसा कमाने की चाहत के आगे कुछ नहीं दिख रहा था। पर सेम टाइम उनके पास कोई ऐसा तरीका भी नहीं था जिससे वो पैसे कमा सके। उन्होंने फिर बाकी लोगों के बिजनेस मॉडल से इंस्पिरेशन लेनी शुरू कर दी। उन्होंने दूसरे लोगों से इंस्पिरेशन लेकर कई छोटे बिजनेस ट्राई किए और 10 सालों में उन्होंने उनसे कई सारे पैसे और एक्सपीरियंस भी गेन किया। फिर सारे एक्सपीरियंस का निचोड़ उन्होंने अपने अगले बिजनेस में लगा दिया।
साल 2014 में उन्होंने एक सोशल मीडिया मार्केटिंग एजेंसी स्टार्ट की, जिसका नाम था सोशल चेन। उसमें उनके बिजनेस पार्टनर डॉमिनिक मैकग्रेगर थे। जो सोशल मीडिया पर बहुत फनी फनी चीजें पोस्ट करते थे जिससे उनके बहुत ज्यादा फॉलोवर्स थे। तो यहीं से स्टीवन को पैसा कमाने की एक बडी अपॉर्चुनिटी नजर आई। उन्होंने कई ब्रांड्स के साथ डील की और फिर डोमिनिक से ऐसी ऐसी फनी पोस्ट करवाई जो इनडायरेक्टली उस ब्रांड को प्रमोट कर रही हो।
आजकल आप देखते ही होंगे कि एक कंपनी इनडायरेक्टली किसी दूसरी कंपनी का मजाक बनाती है ताकि उनका प्रोडक्ट ज्यादा अच्छा लगे। तो ऐसा ही कुछ स्टीवन और डॉमिनिक ने 2014 में ही स्टार्ट कर दिया था। जिससे प्रमोशन वाली कंपनी को काफी तगड़ी सेल्स होती और बहुत प्रॉफिट निकलता। उनका ये काम डोमिनिक और स्टीवन एक बेडरूम के अंदर ही कर रहे थे और उनके इस फनी स्किल की वजह से उन्होंने इतनी छोटी जगह से भी काफी मोटी कमाई की।
ये कॉन्सेप्ट इतना यूनिक था कि इसे बडी बडी कंपनी जैसे पूमा, माइक्रोसॉफ्ट, मैकडॉनल्ड्स, पीएंडजी, स्पॉटिफाई, फॉक्स नेटवर्क ये सारी कंपनी इनकी क्लाइंट बनी। अब साल 2017 तक ये दोनों इस एजेंसी से मिलियन डॉलर कमा चुके थे।
फिर 2019 में स्टीवन ने द डायरी ऑफ सीईओ करके एक यूट्यूब चैनल स्टार्ट किया। ये चैनल एक पोडकास्ट चैनल था। यहां पर स्टीवन ऐसे लोगों को इनवाइट करते हैं जो अपनी अपनी फील्ड के मास्टर कहलाते हैं। वो लोग अपनी अपनी स्टोरी बताते हैं कि कैसे उन्होंने ये सब की शुरुआत की। क्या क्या दिक्कत उनको फेस करनी पडी और कैसे उन्होंने अपनी फील्ड से इतने मिलियन डॉलर कमाए।
इस चैनल पर वो अभी एक्टिव हैं और यहां पर उनके लगभग 37 लाख सब्सक्राइबर्स हैं। ये सब तो उनकी सक्सेस का सिर्फ एक छोटा सा पार्ट मैंने आपको बताया है। अगर उनकी सारी अचीवमेंट्स एक के बाद एक गिनाने लग गया तो यह आर्टिकल बहुत लंबा हो जायेगा।
आज के टाइम में वो इतनी कंपनी, इतने स्टार्टअप बिल्ड कर चुके हैं, जिससे सिर्फ 31 साल की एज में ही वो मिलियन डॉलर कमा रहे हैं। पर उन्होंने ये सब इतनी कम उम्र में कैसे अचीव किया ये एक बहुत बडा सवाल है और इस बडे सवाल का जवाब जानने के लिए मैंने आज उन्हीं की लिखी बुक डायरी ऑफ सीईओ की हेल्प ली है।
स्टीवन ने अपनी लाइफ में जितना भी एक्सपीरियंस लिया है, जो जो चैलेंजेस फेस किए हैं या जिन जिन यूनीक तरीकों से उन्होंने पैसे कमाए, उस सबका निचोड उन्होंने इस बुक में डाल रखा है। अगर आप भी इनकी बुक्स से आइडियाज लेकर कम एज में ही फाइनेंशियली स्टेबल होना चाहते हैं तो आज का ये आर्टिकल आपके लिए बहुत खास होने वाला है। क्योंकि स्टीवन ने इस बुक के अंदर जितने भी लेसन शेयर किए हैं वो आज की जनरेशन को ध्यान में रखकर किए हैं। तो हो सकता है कि इस आर्टिकल से कोई न कोई ऐसा आइडिया आपके हाथ लग जाए जो आपकी लाइफ ही बदल कर रख दे। तो चलिए शुरू करते हैं।
1. Fill Your 5 Buckets
स्टीवन मानते हैं कि एक्चुअल में कामयाबी आपको तब मिल पाएगी जब आप इन पांच बकेट पर काम करोगे।
बकेट नंबर 1.What you know?
आप कितना जानते हो? यानी आपके पास अपनी फील्ड की रिकार्डिंग नॉलेज कितनी है?
बकेट नंबर 2. What Can You Do ?
यानी आप इस नॉलेज के थ्रू दूसरे लोगों को किस तरह से फायदा पहुंचा सकते हो।
बकेट नंबर 3. Who You Know
मतलब कौन कौन लोग हैं, जिन्हें अपनी नॉलेज के बेस पर कोई प्रोडक्ट बनाकर आप टारगेट करने वाले हो। वो किस एज ग्रुप के हैं या उनका जेंडर क्या है?
बकेट नंबर 4. What you have
इस काम के लिए अभी आपके पास रिसोर्स कितने अवेलेबल है।
बकेट नंबर 5. What The World Thinks of You
मतलब दुनिया आपके बारे में क्या जानती है? आपने ऐसा क्या खास रखा है जिससे आपके लोगों के बीच में रेपुटेशन बनी हुई है?
ये पांचों ही buckets आपके लिए इम्पोर्टेन्ट है। अगर आप कम टाइम में सक्सेस पाना चाहते हो तो इन buckets को एक से लेकर फाइव तक हमें स्टेप बाई स्टेप भरना होता है।
जैसे पहली बकेट आपकी तब भरती है जब आप कोई नॉलेज लेते हो या कोई एक्सपीरियंस गेन करते हो और ये नॉलेज और एक्सपीरियंस जब कहीं पर अप्लाई किया जाता है तो इसे हम स्किल का नाम दे देते हैं। और जब आपके पास नॉलेज और स्किल ये दोनों चीजें होती है तो आप फिर दूसरों की लाइफ में वैल्यू ऐड कर पाते हो, जिससे आपका एक नेटवर्क बन जाता है।
जब आपके पास नॉलेज, स्किल्स और नेटवर्क ये तीनों चीजें होंगी तो आपके रिसोर्सेस भी बढते रहेंगे। फाइनली जब आपके पास नॉलेज, स्किल्स, नेटवर्क रिसोर्सेज ये चारों चीजें होंगी तो इन सबकी हेल्प से आप पॉपुलर हो सकते हो और काफी रेपुटेशन कमा सकते हो।
वैसे तो जैसा कि मैंने अभी कहा, ये buckets ऑर्डर में फिल होंगे। पर मेरे हिसाब से अगर जो पांचवां बकेट है इसको अगर आपने पहले भर दिया तो बाकी बकेट भरने में आपको बहुत हेल्प मिल जाएगी। जैसे फॉर एग्जाम्पल लॉकडाउन के टाइम पर आपको पता है कितना बुरा हाल था।
पेट भरने के लिए भी कई गरीब लोगों को खाना तक नहीं मिल पा रहा था और कई वीडियोज तो आपने ऐसी भी देखी होंगी जहां पर लोग अपने घर जाने के लिए पैदल ही निकल पडे और इतनी दूर का सफर पैदल तय करने में उनको बहुत दिक्कतें हो रही थी।
फिर उस टाइम पर सोनू सूद जो थे वो बहुत तेजी से फेमस होने लग गए क्योंकि वो कुछ ऐसा कर रहे थे जो कई पॉलिटिशियन भी नहीं कर पाए। उन्होंने कई गरीब लोगों की घर पहुंचने में हेल्प की और उनको बस प्रोवाइड कराई। हालांकि सोनू सूद को पूरा इंडिया पहले भी जानता था।
इसके बाद उनकी पॉपुलैरिटी और रिस्पेक्ट पहले के मुकाबले बहुत ही ज्यादा बढ गई। अब उनको hate करने वाले लोग बिल्कुल ना के बराबर थे। फिर इसके कुछ दिन बाद आपने कई कंपनीज के लिए उनको प्रमोशन भी करते देखा होगा। क्योंकि कंपनी के लिए भी वो बंदा सबसे बडा एसेट होता है जो एकदम से बहुत पॉपुलैरिटी गेन कर जाए।
दूसरा एग्जाम्पल आपके सामने अंकित कानपुरिया का है और देखो इनका फोटो देखते ही आपमें से कई लोग इनको पहचान भी जायेंगे।
कुछ टाइम पहले तक इनको सोशल मीडिया पर बिल्कुल न के बराबर लोग जानते थे। पर जब से उन्होंने 75 days का एक यूनीक चैलेंज रखा तो इससे उनकी पॉपुलैरिटी इतनी ज्यादा बढ गई कि हमारे पीएम तक उनसे मिलने चले गए। अब आप इनको काफी सारे बडे बडे चैनल्स पर अपनी जर्नी बताते हुए देख सकते हो।
और अब आगे अगर यह आपको किसी ब्रांड का प्रमोशन करते दिख जाएं तो आपको हैरान होने की जरूरत नहीं है। तो कोई ऐसा काम अगर आप कर जाओ जिससे आपकी नंबर फाइव की बकेट पहले भर जाए तो मैं मानता हूं कि इससे आपको स्टार्टिंग फेज में ही एक बहुत तगडा पुश मिल जाएगा। बशर्ते वो लोगों की लाइफ को पॉजिटिव तरह से इम्पैक्ट करें।
2. Success is 5% Brain 95% Consistency
अपने बिजनेस पार्टनर डोमिन के अंदर स्टीवन बडी चीज नोटिस करते थे और वो चीज ये थी कि भले ही उनका दिन कैसा भी जा रहा हो लेकिन वो सोशल मीडिया पर फनी पोस्ट करना कभी स्किप नहीं करते थे। उन्होंने कभी एक्सक्यूज नहीं दिया कि यार आज मन नहीं कर रहा पोस्ट करने का।
वो जैसे भी मूड में होते या जहां कहीं भी होते वो हर रोज अपने अकाउंट पर फनी पोस्ट जरूर करते और यही रीजन था कि सोशल मीडिया पर उनकी ग्रोथ इतने बडे नंबर पर आ गई। स्टीवन बोलते हैं कि आजकल हर दूसरा इंसान अपने कंफर्ट जोन में जी रहा है लेकिन किसी को भी अपने बारे में ये सुनना बिल्कुल पसंद नहीं है।
कोई इंसान जो अपना काम टालने के बहाने ढूंढता रहता है उसे अगर आप ये जाकर बोल दो कि भाई तू तो बहुत काम टालने वाला इंसान है तो वह एकदम आपकी इस बात पर भडक जाएगा और बोलेगा भाई तुझे नहीं पता क्या चल रहा है मेरी लाइफ में। मैं जानबूझकर काम नहीं टालता।
और ऐसे ही लोगों की सराउंडिंग से जितना जल्दी हो सके स्टीवन दूरी बनाने को बोलते हैं क्योंकि ऐसे लोग आपकी कामयाबी के बीच में आने वाले कुछ बड़ी अड़चन हैं। अगर आप ऐसों के साथ ज्यादा टाइम बिताते हो तो ये कैसे भी करके आपका भी ब्रेनवॉश कर ही देंगे और फिर आप भी वैसे ही हो जाओगे।
इसके अलावा, आप ऐसे लोगों से कनेक्शन बनाओ, जो सेल्फ डिसिप्लिन और कंसिस्टेंसी में माहिर हो, क्योंकि हमारी कामयाबी के अंदर ब्रेन का रोल फाइव परसेंट और 95 परसेंट रोल कंसिस्टेंसी का होता है। इसलिए कोई भी फील्ड अगर आप पकडो, भले ही आप उसको सीख रहे हो या उसको एग्जीक्यूट कर रहे हो, दोनों ही चीजों में कंसिस्टेंसी होना आपके लिए बहुत जरूरी है। कंसिस्टेंसी आपका एक्सपीरियंस बढाती है और एक्सपीरियंस आपको क्रिएटिव आइडियाज देता है।
3. Ask, Don't Tell Understand The Power of Questions
स्टीवन कहते हैं कि अगर आपके पास नॉलेज है, एक्सपीरियंस है या आपने कोई स्किल डेवलप कर लिया है तो इन चीजों को फॉर ग्रांटेड लेने की गलती बिल्कुल मत कर देना। आप खुद में ये ईगो पैदा मत कर लेना कि अब मैं बहुत कुछ सीख गया हूं या मेरे पास ही ज्यादा एक्सपीरियंस है इस फील्ड का।
अगर आप ऐसा करोगे तो आपकी ग्रोथ का ग्राफ ऊपर जाने की बजाय एक सीधी लाइन में चलने लगेगा और आप इससे ऊपर फिर शायद जा ही न पाओ। इसलिए फर्क नहीं पडता कि आप कामयाबी की कौन सी स्टेज पर हो। कभी भी खुद से कोशिश नहीं करना आपको बंद नहीं करना है।
जैसे मान लेते हैं, अभी अपने करियर के आप स्टार्टिंग फेज में हो तो जिस भी फील्ड को आप चुन रहे हो सबसे पहला सवाल तो आपका यही होना चाहिए कि आप इस फील्ड में जा क्यों रहे हो? उस फील्ड में ऐसा क्या खास है जो बाकी फील्ड में नहीं है। अगर आप उस फील्ड के अंदर जाकर फेल हो गए, तब क्या ऑप्शन है ? इस तरह के क्वेश्चन आपके विजन को फिल्टर करते रहेंगे, जिससे आप यह जान पाओगे कि जो फील्ड या करियर आप चुनने जा रहे हो, वह आपके लिए बना है या नहीं।
अगर मैं अपनी बात करूं तो रात को जब भी मैं अगली सुबह जिम जाने का सोचकर सोता हूं तो मैं खुद से यह नहीं कहता कि मुझे कल जिम जाना है, बल्कि मैं खुद से क्वेश्चन करता हूं कि मुझे जिम जाना क्यों है। जिम जाना मेरे लिए इंपॉर्टेंट क्यों है? तो मुझे जवाब मिल जाता है कि ताकि मैं अपने काम के चक्कर में अपनी बॉडी से कॉम्प्रोमाइज न कर लूं और हर रोज जिम जाना इम्पॉर्टेंट इसलिए है ताकि मेरी कंसिस्टेंसी मेंटेन रहे।
Questioning एक बहुत ही पावरफुल चीज है खुद को हर चीज से फ्री रखने के लिए। इसलिए इस चीज का ध्यान रखना और Questioning कभी अवॉइड मत करना।
4. Always Priorities your first foundation
अगर मैं आपसे पूछो कि आपकी लाइफ में सबसे जरूरी चीज क्या है, तो शायद आप मेरे सामने अपनी सारी जरूरी चीजों की पूरी लिस्ट लाकर रख दो। पर यहां शर्त यह है कि आप इन सब में से कोई एक ही चुन सकते हो। तो अब आप शायद इनमें से किसी एक चीज को चुन ही न पाओ, क्योंकि हमारी आदत होती है कि हम एक साथ कई चीजों को Priorities करके चलते हैं।
स्टीवन वॉरेन बफेट की एक स्टोरी बताते हैं, वॉरेन एक बार स्कूल के बच्चों को लेक्चर दे रहे थे। वह बच्चों को बता रहे थे कि जब वह 16 साल के हुए तब उनके सपने में अचानक से एक जिनी आ गया। जीनी उनको बोला कि मैं तुम्हें तुम्हारी फेवरेट ब्रैंड न्यू कार दे सकता हूं। जीनी की बात सुनकर उन्होंने पूछा ऐसा क्या! ये ऑफर कुछ ज्यादा ही अच्छा है जरूर इसके पीछे कोई शर्त होगी।
तब जीनी बोलता है कि हां इसके पीछे शर्त है और वो शर्त यह है कि यह कार तुम्हारी लाइफ की आखिरी कार होगी और तुमको यही लाइफ टाइम चलानी होगी। वॉरेन इतना बताते हुए बच्चों को बोलते हैं कि क्या तुम सोच सकते हो अगर मुझे सिर्फ एक कार जिंदगी भर चलाने के लिए मिले तो मैं क्या करूंगा। जाहिर सी बात है मैं उस कार को बहुत संभाल कर रखूंगा। उस कार के हर मैनुअल को बार बार पढूंगा। उसे गैराज में ही रखूंगा।
अगर उसमें कोई छोटी सी भी स्क्रैच डेंट लग गई तो मैं उसे जल्दी से ठीक करवा लूंगा। इसलिए ताकि वह जल्दी खराब न हो जाए, क्योंकि इसकी वजह यही है कि इस कार को मुझे लाइफटाइम चलाना है। मैं उस कार का बच्चे की तरह ध्यान रखूंगा, जो मेरे पास जिंदगी भर रहेगी।
स्टीवन कहते हैं कि हम सबके पास भी एक ऐसी चीज है जो हमारे मरते दम तक साथ रहेगी और वो है हमारी बॉडी। पता नहीं क्यों लोग इस कीमती चीज पर सबसे कम ध्यान देते हैं। आप खुद सोच कर बताओ कि लास्ट टाइम आपने अपनी हेल्थ बेहतर बनाने के लिए क्या स्टेप लिया था? लास्ट टाइम कब आपने अपने फ्यूचर हेल्थ का सोचते हुए अपने स्वाद को सैक्रिफाइस किया था?
ऐसे बहुत कम लोग होंगे जिन्हें यह याद भी होगा क्योंकि रीजन वही है कि लोग अपनी हेल्थ को छोड़कर बाकी सभी चीजों को जरूरी मानते हैं। स्टीवन हेल्थ को हमारी पहली फाउंडेशन बताते हैं। अगर आपकी हेल्थ अच्छी है तो आप चीजों को अचीव करके उसे खुलकर इंजॉय कर सकते हो, क्योंकि अच्छे आइडियाज भी तभी ज्यादा आते हैं, जब आपका माइंड फ्रेश रहता है। माइंड फ्रेश तभी होगा, जब आपकी हेल्थ अच्छी होगी। इसलिए हेल्थ को अपनी पहली प्रायोरिटी समझो और उसका हमेशा ख्याल रखो।
Bottomline
मैं उम्मीद करता हूं कि आज की इस बुक से मैंने आपको जितनी भी बातें सिखाई हैं, यह आपके आगे तक बहुत काम आएंगी। अंत तक पहने के लिए धन्यवाद दोस्तों।