Amazing Facts In Hindi: दोस्तों अगर आपसे वफादार जानवर का नाम पूछा जाए तो आप सबकी जुबान पर बस एक ही नाम होगा डॉग यानि कुत्ता और ये सच भी है। आपमें से कई लोगों ने अपने घरों में अलग अलग नस्ल के डॉग्स को पाल भी रखा होगा।
लेकिन क्या आप जानते हैं कुछ ऐसे डॉग्स भी हैं जिन्हें भारत में बैन कर दिया गया है। क्या आपके घर में वो कुत्ता तो नहीं है जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढियेगा। तो चलिए शुरू करतें हैं।
भारत में आप नहीं पाल सकते इन 10 खतरनाक प्रतिबंधित कुत्तों की नस्लें| Amazing Facts In Hindi
नंबर10. अमेरिकन बुलडॉग (American Bulldog)
इस डॉग का नाम कैसे रखा गया ये जानकर तो आपके होश ही उड़ जाएंगे। दोस्तों बुलडॉग का ये नाम इसलिए रखा गया क्योंकि इन डॉग्स को इंग्लिश गेम बुल बेटिंग खेलने के लिए यूज किया जाता था।
जिसमें एक बैल को जमीन से खूंटे से बांध दिया जाता था और कुत्तों को बैल की नाक काटने के लिए छोड़ दिया जाता था। बुलडॉग अपने मजबूत निडर स्वभाव के कारण इस खेल के लिए सूटेबल थे।
लेकिन अब इस गेम पर बैन लगा दिया गया है। इस कुत्ते की नस्ल इंटेलिजेंट और ट्रेंड होती हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल रखवाली के लिए ज्यादा किया जाता है। अमेरिकन बुलडॉग के तीन मेन टाइप्स हैं :
- हाईब्रिड
- स्टैंडर्ड
- क्लासिक
ये 27 से 75 किलोग्राम वजन और 50 से 71 सेंटीमीटर की ऊंचाई वाले कुत्ते होते हैं। इनका औसत जीवनकाल लगभग 10 से 15 साल का होता है।
इन कुत्तों की विशेषता बड़े सर, मजबूत जबड़े और स्पष्ट झुरियों वाला चेहरा है। बेहद एक्टिव इन कुत्तों में शिकार करने की अपार क्षमता होती है।
ये अपने परिवारों के प्रति अपनी लॉयल्टी, सिक्योरिटी और एक्शन के लिए जाने जाते हैं। लेकिन भारत में अमेरिकन बुलडॉग को सबसे खतरनाक कुत्तों में से एक मानकर प्रतिबंधित कर दिया गया है।
नंबर 9. बैनडॉग (Bandog)
इनका नाम बैनडॉग इसलिए रखा गया था क्योंकि दिन में इन्हें जंजीरों से बांध दिया जाता था और रात में घूमने और रखवाली करने के लिए छोड़ दिया जाता था। इस डॉग के जबड़े में 730 psi की शक्ति होती है, जबकि दुनिया के सबसे ताकतवर जबड़े वाले कुत्ते कैनल शेफर्ड में 743 psi की ताकत होती है।
यह डॉग अमेरिकन बुलडॉग और नेपोलिटीयन मैस्टिफ का मिश्रण है। यह डॉग एक शक्तिशाली और राजसी कुत्ते की ब्रीड है, जो अपनी ताकत, वफादारी और सुरक्षा की भावना के लिए जाना जाता है। ये मुख्य रूप से रखवाली और शिकार के लिए पाले गए थे।
एक स्वस्थ बैनडॉग का वजन उसकी क्लासिफिकेशन के आधार पर 35 से 65 किलोग्राम और ऊंचाई 61 से 74 सेंटीमीटर होती है, जबकि इसका जीवनकाल केवल 10 साल का होता है। इस डॉग की अगर सही से ट्रेनिंग और देखभाल न की जाए तो यह डॉग बहुत ज्यादा खतरनाक भी हो सकते हैं।
भारत सरकार ने इस डॉग सहित हाई रिस्क वाली माने जाने वाली कुछ ब्रीड की ओनरशिप को प्रतिबंधित करने के लिए ब्रीड स्पेसिफिक नियम बनाए हैं। इस प्रतिबंध के पीछे का लॉजिक मुख्य रूप से कुत्तों के हमलों को कम करना और जनता को नुकसान से बचाना है।
नंबर 8. नेपोलिटीयन मैस्टिफ (Neapolitan Mastiff)
दोस्तों यह डॉग दुनिया की सबसे लार्जेस्ट ब्रीड में से एक है। नेपोलिटीयन मैस्टिफ प्राचीन रोमन डॉग के वंशज हैं, जिसे 1940 के दशक में इटली में खोजा गया था।
इन मेल डॉग्स की ऊंचाई 66 से 79 सेंटीमीटर और वजन 68 से 91 किलोग्राम होता है, जबकि फीमेल डॉग्स की ऊंचाई 61 से 74 सेंटीमीटर तक और वजन 54 से 73 किलोग्राम होता है।
नेपोलिटीयन मैस्टिफ को मूल रूप से मालिक और प्रॉपर्टी के रक्षक के रूप में पाला गया था। नेपोलिटीयन मैस्टिफ के जबड़े में 556 psi की शक्ति होती है और यह एक बेहतरीन गार्ड डॉग है और अपने परिवार और घर की रक्षा करता है।
ये दो घंटे एक्टिव रहकर 22 घंटों तक सो सकता है। इसका औसत जीवनकाल 7 से 9 वर्ष के बीच का होता है। नेपोलिटीयन मैस्टिफ को बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है और अगर इन्हें अच्छे से ट्रेंड न किया जाए तो ये बहुत ज्यादा खतरनाक भी हो सकते हैं। इनके खतरनाक और साइज में बड़े होने के कारण ही शायद भारत में इस नस्ल को बैन कर दिया गया है।
नंबर 7. वुल्फ डॉग (Wolf Dog)
ये नस्ल एक घरेलू कुत्ते और एक जंगली भेड़िए का मिश्रण है। इन्हें वुल्फ हाइब्रिड के रूप में भी जाना जाता है। वुल्फ डॉग एक बहुत ही खास कुत्ता है जिसमें भेड़िए की तरह स्वतंत्रता और ताकत होती है साथ ही कुत्ते की वफादारी और बुद्धिमता होती है।
एक सामान्य वुल्फ डॉग की ऊंचाई 66 से 86 सेंटीमीटर और शरीर का वजन 30 से 45 किलोग्राम होता है। सही मालिक के लिए एक वुल्फ डॉग असाधारण साथी बन सकता है। यह डॉग आमतौर पर 12 से 14 साल तक जीवित रहते हैं।
डॉग बाइट स्टेटिसटिक्स के मुताबिक डॉग के काटने से होने वाली मौतों में वुल्फ डॉग छठे स्थान पर आते हैं। ये जानवर अपने मालिकों के साथ जुड़े रहते हैं और हाइली प्रोटेक्टिव होते हैं। इन डॉग का नेगेटिव साइड ये है कि ये बहुत गुस्से वाले पालतू जानवर होते हैं।
आपकी सुरक्षा के लिए यह दूसरे लोगों और पालतू जानवरों को नुकसान भी पहुंचा देते हैं और भारत सरकार ने इकोलॉजिकल बैलेंस बनाए रखने, जोखिमों को कम करने, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और देसी वाइल्ड लाइफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वुल्फ डॉग्स की ओनरशिप पर प्रतिबंध लगाया है।
नंबर 6. बॉयरबॉयल (Boerboel)
यह एक ऐसी डॉग ब्रीड है, जो आपको किसी भी जगह पर आसानी से नहीं मिलेगी। नौसिखिए लोगों के लिए ये नस्ल नहीं है। ये स्ट्रांग, हाइली इंटेलिजेंट और बहुत ज्यादा वफादार होते हैं।
बॉयरबॉयल का इस्तेमाल मुख्य रूप से लकड़बग्घा, शेर और दूसरे खतरनाक जानवरों से निपटने के लिए किया जाता था, जो खेतों पर अटैक करने की कोशिश करते थे।
ये साउथ अफ्रीका का एकमात्र कुत्ता है जिसे घर या खेत की सुरक्षा के लिए विकसित किया गया था। बॉयरबॉयल डॉग में स्ट्रांग गार्ड डॉग की प्रवृत्ति होती है। बॉयरबॉयल के काटने की क्षमता 450 psi है। ये बहुत पावरफुल होते हैं, जो उन्हें दुनिया के सबसे शक्तिशाली कुत्तों में से एक बनाता है।
वास्तव में 450 psi एक ग्रे वुल्फ से अधिक मजबूत है और एक ब्लैक पिरान्हा के बराबर है। बॉयरबॉयल कुत्ते 61 से 69 सेंटीमीटर लंबे होते हैं और उनका वजन 64 से 91 किलोग्राम तक होता है, जबकि फीमेल कुत्ते 56 से 63 सेंटीमीटर लंबे होते हैं और उनका वजन 50 से 68 किलोग्राम होता है।
भारत में प्रतिबंधित कुत्तों की नस्लों में से एक है बॉयरबॉयल भी है। इन कुत्तों को भारत में इस कारण प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि उनके आकार, ताकत और प्रोटेक्टिव नेचर ने सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर दिया था।
नंबर 5. प्रेसा कानारियो (Presa Canario)
इस ब्रीड का नाम स्पेनिश है और इसका मीनिंग है कैनेडियन डॉग। इस नस्ल को कभी कभी डॉग कैनरी या कैनरी मैस्टिफ भी कहा जाता है। ये शांत, स्नेही और मिलनसार होते हैं। ये अजनबियों से सावधान रहते हैं।
यह नस्ल मूल रूप से कैनरी आइलैंड से बिलॉन्ग करती है। ये मूल रूप से पशुधन चराने और खेतों की रखवाली जैसे कामकाजी उद्देश्यों के लिए पाले जाते हैं। ये नस्ल मजबूत इरादों वाली, शक्तिशाली, बुद्धिमान और अजनबियों पर बहुत शक करने वाली होती है।
प्रेसा कानारियो को पानी बहुत पसंद होता है और वो एक बहुत अच्छा स्विमर होता है। एक मेल प्रेसा कानारियो 61 से 66 सेंटीमीटर लंबा और 45 से 73 किलोग्राम वजन का हो सकता है। फीमेल डॉग मेल डॉग्स की तुलना में छोटे होते हैं।
ये आमतौर पर 9 से 10 साल तक जीवित रहते हैं। हालांकि उनके विशाल आकार और ताकत ने उनके गुस्से को ज्यादा बढ़ावा दे दिया है, जिसके कारण भारत सहित कई देशों में इन कुत्तों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
नंबर 4. फीला ब्रासिलिएरो (Fila Brasileiro)
इस कुत्ते को ब्राजिलियन मैस्टिफ के नाम से भी जाना जाता है। ये ब्राजील का नेशनल डॉग है। ये 15वीं शताब्दी में ब्राजील लाए गए इंग्लिश मैस्टिफ और राफ़ेइरो डो अलेंटेजो जैसे लोकल ब्राजिलियन डॉग्स के वंशज हैं।
फीला ब्रासिलिएरो को जैगुआर जैसे बड़े शिकारियों को भगाने के लिए पाला जाता है। इन कुत्तों को सूंघने की बहुत गहरी समझ होती है। ये एक छोटे बालों वाला कुत्ता है जिसमें मेल की हाइट 25 से 30 इंच और फीमेल की हाइट 23 से 28 इंच होती है।
मेल फीला ब्रासिलिएरो का वजन 63 से 82 किलोग्राम तक होता है जबकि फीमेल का 56 से 73 किलोग्राम होता है। अपने विशाल आकार के बावजूद ये रक्षक कुत्ते फुर्तीले होते हैं। फीला ब्रासिलिएरोअपने मालिक के लिए किसी का भी 35 मील प्रति घंटे तक का पीछा कर सकते हैं।
इनके गुणों के बावजूद फीला ब्रासिलिएरो कुत्ते की नस्ल को उनके स्वभाव और गुस्से के बारे में चिंताओं के कारण भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है। इनका औसत जीवनकाल 9 से 11 वर्ष तक होता है।
नंबर 3. तोसा इनु (Tosa Inu)
इस नई नस्ल को आज तोसा इनु , तोसा कैन और डोसा टोकन के नाम से भी जाना जाता है। इसका ओरिजिन जापान के कोची स्टेट में शिकोकू आइलैंड में हुआ था, जहां तोसा शहर है, जिसके नाम पर इस ब्रीड का नाम रखा गया है।
तोसा इनु सबसे महंगी ब्रीड में से एक है, जिनकी कीमत लगभग ₹35 लाख है। आलीशान ढंग और मजबूत निर्माण के साथ ये पहले डॉग्स हैं जो लड़ने के लिए पाले गए थे, लेकिन अब निगरानी करने वाले कुत्तों के रूप में इनका उपयोग किया जाता है।
तोसा इनु 1400 किलोग्राम से अधिक वजन खींच सकते हैं। लेकिन आप ही बताइए, कितने लोग एक ऐसे कुत्ते को संभाल सकते हैं जो 1400 किलोग्राम से अधिक वजन खींच सकता है? आपका जवाब होगा कोई नहीं। इस ब्रीड को मात नहीं दी जा सकती है।
इसलिए भारत सरकार द्वारा इस ब्रीड को बैन कर दिया गया है क्योंकि ये इतने ताकतवर हैं कि किसी आम आदमी द्वारा इनको संभालना नामुमकिन है। इसको संभालने के लिए एक अलग से बॉडी गार्ड रखना पड़ेगा और शायद वो भी न संभाल पाए। इनका जीवनकाल 10 से 12 साल तक का होता है।
नंबर 2. पिटबुल (Pitbull)
ये अमेरिकन हीरो है। २०वीं शताब्दी की शुरुआत में पिटबुल को फैमिली डॉग्स, मैस्कॉट और मिलिट्री हीरोज के रूप में सम्मानित किया जाता था।
पहले विश्व युद्ध के दौरान इन्होंने अमेरिकी सेना का साथ दिया था। पिटबुल बहुत ही बहादुर और वफादार कुत्तों में से एक है। पिटबुल को अक्सर उनकी हाई इंटेलिजेंस और सूंघने की क्षमता के कारण पुलिस और कस्टम डॉग्स के रूप में ट्रेंड किया जाता है।
पिटबुल किसी भी बॉम्ब और ड्रग का बहुत ही आसानी से सूंघकर पता लगा सकते हैं। अमेरिकन पिटबुल टेरियर को अमेरिका और इंटरनेशनल लेवल पर डॉग्स की सबसे खतरनाक ब्रीड में से एक माना जाता है।
ये बहुत अग्रेसिव ब्रीड है और लोगों पर हमला करने और उन्हें मारने के लिए जाने जाते हैं। और भारत सरकार द्वारा इन पर प्रतिबंध लगाने का यही सबसे बड़ा कारण है पिटबुल का गुस्सा। इनका औसत जीवनकाल 12 से 14 साल का होता है।
दोस्तों पिटबुल के बारे में कहा जाता है कि ये अपने जबड़े को लॉक कर लेता है लेकिन आपको बता दें कि ये बिल्कुल झूठ है क्योंकि पिटबुल के पास कोई विशेष एंजाइम नहीं होता जो उन्हें अपने जबड़ों को लॉक करने की क्षमता देता है।
नंबर 1. डोगो अर्जेन्टीनो (Dogo Argentino)
खतरनाक खेलों के लिए और पहाड़ी शेरों जैसे खतरनाक जानवरों के शिकार के लिए इस नस्ल का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इन्हें पुलिस के काम जैसे सर्च और रेस्क्यू और मिलिट्री के लिए भी ट्रेंड किया जाता है।
ये दुनिया के टॉप टेन स्ट्रांग डॉग्स की लिस्ट में शामिल है। इस ब्रीड का ऑरिजिन अर्जेंटीना रिपब्लिक के मिडिल एरिया के कोरडोबा प्रोविंस में हुआ। डोगो अर्जेन्टीनो अत्यधिक बुद्धिमान जानवर है। ये फैमिली और घर के नैचुरल प्रोटेक्टर होते हैं।
डोगो अर्जेन्टीनो आमतौर पर हेल्दी ब्रीड है, इनकी हाइट आमतौर पर 60 से 68 सेंटीमीटर तक होती है, जबकि जीवनकाल 10 से 12 साल तक होता है। इसका इतना ताकतवर होना ही इसे भारत सहित 12 से अधिक देशों में प्रतिबंधित करता है।
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निष्कर्ष ( Amazing Facts In Hindi)
दोस्तों भारत में किसी भी नस्ल के कुत्ते को पालने पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन विदेशों से आने वाले इन कुत्तों के इंपोर्ट पर प्रतिबंध लगाया गया है। यानी कि जो पहले से ही इन कुत्तों की ब्रीड के मालिक हैं उन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन अब विदेशों से आप इन कुत्तों को नहीं ला सकते क्योंकि इन पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
तो दोस्तों आप लोगों को हमारा आज का यह लेख "भारत में आप नहीं पाल सकते इन 10 खतरनाक प्रतिबंधित कुत्तों की नस्लें" कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताइयेगा। अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।