जाने अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी कौन है, और कैसे वो 22 वर्ष की उम्र में ही बन गए राम मंदिर के मुख्य पंडित

दोस्तों एक बार फिर से स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट The Comprehensive Minds में। दोस्तों राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तो हो गई है लेकिन क्या आपको मालूम है जिस राम मंदिर को लेकर पूरी दुनिया में धूम है उसके पुजारी कौन हैं, उनकी उम्र कितनी है और क्यों उन्हें अयोध्या राम मंदिर का पुजारी चुना गया। 

जी हाँ दोस्तों आप ये जानकर हैरान हो जायेंगे कि 22 वर्षीय पंडित मोहित पांडे को राम मंदिर का पुजारी बनाया गया है। लेकिन आखिर ऐसा हुआ कैसे? कैसे एक छोटी उम्र  के युवक के ऊपर इतने बड़े मंदिर का कार्यभार डाला गया। आज के इस आर्टिकल में हम इसी बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। 

Ram Mandir Pujari


जाने अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी कौन है

सबसे पहले दोस्तों आज की भव्य प्राण प्रतिष्ठा तो आप लोगों ने देख ही ली होगी कि कैसे बड़े बड़े वीआईपी लोगों की उपस्थिति में राम जन्म भूमि पर अयोध्या राम मंदिर बना और उसका उद्घाटन भी हो गया। 

अब जाहिर सी बात है कि मंदिर इतना भव्य है तो यहाँ पर पूजा पाठ करने वाले पुजारी कोई आम थोड़े ना हो सकते हैं। इसीलिए तो राम मंदिर के पुजारी पद के लिए पिछले एक साल से भर्ती प्रक्रिया चल रही है। 

जिसमें करीब 3000 पंडित राम लला के मंदिर के पुजारी पद को हासिल करने के लिए कठिन परीक्षा और इंटरव्यू दे चुके हैं। लेकिन लोगों को हैरानी तब हुई जब उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाले 22 वर्षीय मोहित पांडे को अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में चुन लिया गया। 

ऐसे में हर कोई हैरान है कि इतनी छोटी उम्र के लड़के को मुख्य पुजारी कैसे चुना गया।इनमे ऐसी कौन सी खासियत है जो बड़े बड़े ज्ञानी पंडितों में नहीं है। क्योंकि राम जन्मभूमि में स्थापित हुई रामलला की मूर्ति की सेवा करना कोई आसान काम नहीं है। 

हालांकि पिछले कई सालों से आचार्य सत्येंद्र दास पूरी निष्ठा के साथ इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं। इन्होंने अपना जीवन राम लला की सेवा में समर्पित कर दिया है। 

आचार्य सत्येंद्र दास


जब साल 1992 में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा था तभी आचार्य सत्येंद्र दास को राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में नियुक्त किया गया था। 

तब से लेकर आज तक आचार्य जी अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा के साथ निभाते आए हैं और नए राम मंदिर में भी शुरुवात में आचार्य सत्येंद्र दास ही प्रधान पुजारी के रूप में भगवान श्रीराम की सेवा करेंगे। 

लेकिन अब आचार्य जी की उम्र करीब 83 साल की हो गई है जिसके कारण उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में अपना उत्तराधिकारी चुनने की बात रखी थी ताकि वो नए पुजारी को पूजा अर्चना से जुड़े सभी नियमों और प्रणालियां सिखा सकें। 

यही कारण है कि साल 2023 से ही उत्तर प्रदेश सरकार ने राममंदिर पुजारी की भूमिका के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी, जिसमें भाग लेने वाले तीन हज़ार पंडितों में से 22 वर्षीय मोहित पांडे को मुख्य पुजारी के रूप में चुना गया। 

असल में मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में आवेदन करने वाले पंडितों के लिए कुछ ख़ास क्राइटेरिया सेट किया गया था। 

जैसे कि पुजारी की उम्र 20 से 30 साल के बीच होनी चाहिए। पारंपरिक गुरुकुल शिक्षा अनिवार्य है और आवेदक श्री राम नंदनी दीक्षा से युक्त होना चाहिए। 

इस भर्ती प्रक्रिया में कई सारे पंडितों ने आवेदन किया था जिसमें से योग्यता के आधार पर 200 उमीदवारों का इंटरव्यू किया गया जिसमें मोहित पांडे का नाम भी शामिल था। 


यह भी पढ़ें : 

क्या आपको पता है राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में क्यों नहीं गए शंकराचार्य 

जाने आखिर ईरान ने क्यों किया पाकिस्तान पर हमला

किला बन गई अयोध्या नगरी, राम मंदिर की सुरक्षा के लिए आया इजरायाली ड्रोन


अब आप अंदाजा लगा लीजिए जिस मंदिर के बनने का इंतजार देश की जनता सालों से कर रही थी उसके पुजारी से इंटरव्यू में क्या पूछा गया होगा। क्योंकि खासतौर पर इंटरव्यू पैनल में वृंदावन के प्रसिद्ध हिन्दू प्रदेश जयकांत मिश्रा और अयोध्या के दो महंत मिथिलेश नंदनी शरण और सत्य नारायण दास शामिल थे। 

जिन्हें वेदों से लेकर पुराणों तक हर एक चीज़ का ज्ञान था। सभी उम्मीदवारों का इंटरव्यू अयोध्या के विश्व हिन्दू परिषद के मुख्यालय कारसेवकपुरम में लिया जाना था। 

अब आप सोच रहे होंगे काफी लंबे समय तक चले इंटरव्यू में श्री राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट के पैनल में उम्मीदवारों से कौन कौन से सवाल किए गए होंगे। 

तो दोस्तों आपको बता दें कि इंटरव्यू के दौरान राम लला की पूजा अर्चना से जुड़े कई सवाल पूछे गए थे जैसे कि रामा नंदनी परंपरा क्या है, संध्यावंदन क्या है, इसकी विधि क्या है, इस पूजा के मंत्र क्या है, इसके लिए कर्मकांड क्या है और भगवान श्रीराम की पूजा के लिए कौन कौन से मंत्र हैं? इत्यादि। 

दोस्तों ये सवाल बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण थे क्योंकि राम मंदिर की सेवा करना और आचार्य सतेंद्र दास का उत्तराधिकारी बनना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मुख्य पुजारी को भगवान श्री राम ही नहीं बल्कि वेदों, पुराणों और हिन्दू देवी देवताओं से जुड़ी सारी जानकारी होना बहुत आवश्यक है। 

यही कारण है कि योग्य पंडितों को उनके ज्ञान और अनुशासन के आधार पर खोजा गया। इस इंटरव्यू में मैरिट लिस्ट बनाई गई, जिसमें 200 में से 21 पुजारियों का चयन किया गया। 

जिसमें मुख्य पुजारी और 20 सहायक पुजारी के रूप में चुने गए और इन सभी में सबसे ज्यादा चर्चित नाम था मोहित पांडे का। क्योंकि इस 22 वर्षीय युवक ने मुख्य पुजारी बनने की रेस में बड़े बड़े विद्वान पंडितों को पछाड़ दिया और ना केवल पैनल बल्कि आचार्य सतेन्द्र दास जी को भी मोहित काफी पसंद आ गये । 

दोस्तों मोहित की सबसे ख़ास बात यह है कि जिस 10 साल की उम्र में बाकी बच्चे खेलकूद में लगे होते हैं वहीँ इतनी छोटी उम्र से ही मोहित ने रामायण, महाभारत और वेदों पुराणों को पढ़ना शुरू कर दिया था। 

उन्होंने दूधेश्वर नाथ वेद विद्यापीठ से अपनी शिक्षा ग्रहण की है। इसके बाद वह आचार्य की पढ़ाई के लिए तिरुपति चले गए। 

फिर छोटी सी उम्र में आचार्य बनने के बाद मोहित पांडे ने पंडिताई में पीएचडी की पढ़ाई भी शुरू कर दी और साथ ही अयोध्या राम मंदिर में पुजारी बनने का अवसर देख तुरंत आवेदन कर दिया और अपने ज्ञान व अनुशासन और श्रद्धा के बल पर मोहित ने इस कठिन परीक्षा में अव्वल दर्जा हासिल किया और सभी महंतों और पुजारियों को खुश कर दिया। 

मोहित का जीवन बाकी लोगों से बहुत अलग है। इनके दिन की शुरुआत सूरज उगने से पहले ही हो जाती है और उठते ही नहा धोकर तुरंत पूजा पाठ में लग जाते हैं, जिसके बाद वह पढ़ाई करना शुरू करते हैं। 

इन्हें वेदों और पुराणों के बारे में जानना इतना पसंद है कि कई घंटे तक एक ही जगह पर बैठ कर अभ्यास करते रहते हैं। मोहित का जीवन बहुत सादगी से भरा हुआ है। यह सादा भोजन खाते हैं, सादे वस्त्र पहनते हैं, हमेशा सिर पर टीका लगाते हैं और रोजाना घंटों ध्यान करते हैं। 

राम मंदिर के मुख्य पुजारी Mohit Pandey


मोहित पांडे की शक्ल देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह दुनिया की मोह माया से दूर रहते हैं। इनके चेहरे पर हमेशा तेज बना रहता है। इनके दिन की शुरुआत राम नाम से होती है और दिन खत्म भी राम के नाम पर होता है। 

इन्हें सनातन धर्म और भगवान श्रीराम के साथ साथ वेदों, पुराणों और सभी देवी देवताओं से जुड़ी जानकारियां प्राप्त हैं। 

ये अभी भी रुके नहीं हैं। इन्हें इससे भी ज्यादा ज्ञान हासिल करना और इन्हीं खूबियों की वजह से मोहित आज इतनी छोटी सी उम्र में अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में चुने गए और  दिन रात भगवान श्रीराम की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

जाते जाते 

तो दोस्तों ये थे राम जन्मभूमि के मुख्य पंडित मोहित पांडे की पूरी कहानी जो सच में दिल जीतने वाली है। और आपको राम लल्ला की मूर्ति का प्राणप्रतिष्ठा का भव्य आयोजन देख कर कैसा लगा हमे कमेंट में जरूर बताइएगा। जय हिन्द, जय भारत, जय श्रीराम। 

Vinod Pandey

About the Author: Vinod is an experienced content writer with over 7 years of experience in crafting engaging and informative articles. His passion for reading and writing spans across various topics, allowing him to produce high-quality content that resonates with a diverse audience. With a keen eye for detail and a commitment to excellence, Vinod consistently delivers top-notch work that exceeds expectations.

Post a Comment

Previous Post Next Post